फरीदाबाद में फर्जी दाखिला और MDM मामले की जांच को फरीदाबाद पहुंची CBI, पूर्व छात्रों की तलाश ने उलझाया
फरीदाबाद में फर्जी दाखिला और MDM मामले की जांच के लिए CBI की टीम पहुंची। जांच एजेंसी अब पूर्व छात्रों की तलाश में जुटी है, जिससे मामला और भी उलझ गया ह ...और पढ़ें

सराय स्थित राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दूसरी शिफ्ट में संचालित होता है प्राइमरी स्कूल, यहां जांच के लिए पहुंची थी सीबीआइ की टीम। जागरण
निभा रजक, फरीदाबाद। सरकारी स्कूलों में फर्जी दाखिला और मिड डे मील मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम शहर पहुंची। पहले चरण में फरीदाबाद ब्लाॅक के पांच सरकारी स्कूलों के दस्तावेज की जांच की गई। अधिकारियों को स्कूलों में पुराने दस्तावेज तो मिल गए, लेकिन पूर्व छात्रों से बातचीत नहीं हो सकी। मुख्य अध्यापकों की मांग पर 15 दिनों का अतिरिक्त समय स्कूलों को दिया गया है। स्कूल मुखिया को निर्धारित समय पर छात्रों को तलाशने के आदेश दिए गए हैं।
सीबीआई के साथ नोडल अधिकारी भी रहे
स्कूलों में जांच के दौरान सीबीआई की टीम के साथ नोडल अधिकारी भी मौजूद रहे। टीम ने सबसे पहले राजकीय प्राथमिक पाठशाला फतेहपुर तगा, राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला नंगला एन्कलेव, राजकीय माडल संस्कृति प्राथमिक पाठशाला गौंच्छीं, चावला कालोनी और राजकीय प्राथमिक पाठशाला सराय ख्वाजा में जांच की।
मिड डे मील संबंधित दस्तावेज जांचे
टीम ने मुख्य रूप से शैक्षणिक सत्र 2014-15 और 2015-16 के लिए सभी कक्षाओं की मूल उपस्थिति रजिस्टर, प्रवेश, निकासी रजिस्टर, छात्रों को विभिन्न प्रोत्साहन के वितरण का विवरण युक्त रजिस्टर, वर्दी, स्टेशनरी और मिड डे मील से संबंधित दस्तावेज की जांच की।
दस वर्ष पहले स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से भी पूछताछ होनी थी, लेकिन स्कूल केवल दस प्रतिशत ही पूर्व छात्रों को तलाश पाए हैं। इसलिए पूछताछ नहीं हो सकी। अध्यापकों का तर्क है कि स्कूलों दस वर्ष पहले पढ़ चुके अधिकांश बच्चे शहर छोड़ चुके हैं। ऐसे में उन्हें तलाशना मुश्किल साबित हो रहा है।
स्कूलों को मिला अतिरिक्त समय, अब यहां होगी जांच
मांग के बाद उक्त स्कूल मुखियाओं को 15 दिनों का समय दिया गया है। इसके अतिरिक्त सेहतपुर, तिलपत, एत्मादपुर, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ओल्ड फरीदाबाद, राजकीय प्राथमिक पाठशाला बड़खल, ऊंचा गांव और चावला कालोनी सहित अन्य स्कूलों 15 स्कूलों की जांच होनी है। जल्द दस्तावेज जुटाने और पूर्व छात्रों की तलाश करने के आदेश दिए गए हैं। अगले सप्ताह इन स्कूलों में टीम पहुंच सकती है।
इसलिए स्कूलों का रिकार्ड खंगाल रही है सीबीआई
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों के फर्जी दाखिले और मिल डे मील घोटाला मामले की सीबीआई जांच चल रही है। वर्ष 2013 तक सरकारी स्कूलों में मैन्युअली ही दाखिला होता था। 2014-15 से स्कूलों में बच्चों के आधार कार्ड के साथ एमआइएस पोर्टल पर डाटा अपलोड होने लगा। जिस कारण स्कूलों में दाखिले कम होना शुरू हो गए।
शैक्षणिक सत्र 2014-15 और 2015-16 के बीच स्कूलों में बच्चों के दाखिले में अंतर आ गया। कई जिलों में फर्जी दाखिला और मिड डे मील घोटाला को लेकर सीबीआई जांच कर रही है। इस संबंध में चार और पांच नवंबर को शहर करीब 15 प्राथमिक तथा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों की रिपोर्ट चंडीगढ़ स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कार्यालय में जमा की गई थी।
स्कूलों में फर्जी दाखिले और मिड डे मील घोटाला हुआ है या नहीं यह फिलहाल जांच का विषय है। लेकिन टीम के पहुंचने से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
बताया, क्यों हो रही देरी?
"सीबीआई द्वारा मामले की जांच की जा रही है। पांच स्कूलों में सीबीआई की ओर से दो अधिकारी आए थे। स्कूलों द्वारा कितने पुराने छात्रों की तलाश की गई है, इसका अपडेट लिया और अन्य छात्रों को ढूंढने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। छात्र माइग्रेट हो गए हैं, इसलिए अध्यापकों को अधिक समय लग रहा है।"
-डाॅ. अंशु सिंगला, जिला शिक्षा अधिकारी, फरीदाबाद।
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