फरीदाबाद के ग्रीन बेल्ट पर खुलेआम चल रहे शराब के ठेके, प्राधिकरण ने आबकारी विभाग को दिए सख्त निर्देश
फरीदाबाद में वायु प्रदूषण के बावजूद ग्रीन बेल्ट पर शराब ठेके चल रहे हैं। एनजीटी के सख्त आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही थी लेकिन अब प्राधिकरण ने आबकारी विभाग को ठेके हटाने के लिए कहा है। अधिकारियों और ठेकेदारों के गठजोड़ से नियमों का उल्लंघन हो रहा है जिससे ग्रीन बेल्ट बर्बाद हो रही है।

प्रवीन कौशिक, फरीदाबाद। वायु प्रदूषण के मामले में औद्योगिक नगरी का बुरा हाल है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी हरियाली बढ़ाना तो दूर जहां पेड़-पौधे होने चाहिए, वहां शराब ठेके व अहाते खुलवा दिए गए हैं। एनजीटी ने इन्हें हटाने के आदेश दिए लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी है। अब फिर से एनजीटी ने सख्त आदेश दिए हैं। इससे अधिकारियों में हलचल मच गई है।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से आबकारी विभाग को पत्र लिखकर ठेके हटाने के लिए कहा है। इसके लिए नौ अगस्त तक की माेहलत दी गई है। इसके बाद प्राधिकरण कार्रवाई का दावा कर रहा है। बता दें अधिकारियाें और शराब ठेकेदारों के गठजोड़ की वजह से नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की एनओसी के बाद ही ठेकों के लिए जगह अलाट की जाती है। शराब ठेके आबकारी विभाग द्वारा दिए जाते हैं।
ग्रेफ, हाईवे व एक्सप्रेसवे किनारे बुरा हाल
ग्रेटर फरीदाबाद, दिल्ली-मथुरा हाईवे और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे किनारे ग्रीनबेल्ट पर शराब ठेके व अहाते चल रहे हैं। अब शायद ही कोई ऐसा चौराहा होगा, जहां शराब ठेके न हो। देर रात तक ठेकों व अहातों के बाहर वाहनों का जमघट लगा रहता है। इस वजह से जाम भी लगता है। जहां-तहां जो पौधे लगाए हैं, वह भी अवैध पार्किंग की वजह से दम तोड़ चुके हैं। आते-जाते अधिकारियों को यह हाल खूब दिखाई देता है लेकिन निजी लाभ के चलते कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बल्लभगढ़ से लेकर बदरपुर बार्डर तक हाईवे पर आधा दर्जन जगह ग्रीनबेल्ट पर शराब ठेके हैं। एनआइटी, बल्लभगढ़, सराय, ओल्ड फरीदाबाद सहित अन्य जगह अधिकतर शराब ग्रीनबेल्ट पर चल रहे हैं। एक्सप्रेसवे पर भी छह से अधिक शराब ठेके ग्रीनबेल्ट पर हैं। हैरत की बात तो यह है कि सरेआम नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं और जिम्मेदार मदहोश हैं।
नियमों को कर रहे दरकिनार
आरटीआइ एक्टिविटी अजय सैनी व वरुण श्योकंद के अनुसार ग्रीनबेल्ट में शराब ठेके हटाने को लेकर कई शिकायतें की गई हैं। वरुण श्योकंद तो इस मामले को एनजीटी में लेकर गए थे। ठेका संचालकों ने प्राधिकरण द्वारा दी गई तय जगह से अधिक जगह पर कब्जा किया हुआ है। पार्किंग के इंतजाम नहीं हैं। अग्निशमन विभाग से किसी भी अहाते संचालक ने एनओसी नहीं ली हुई है। मामला गंभीर है लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिस दिन बड़ा हादसा हो जाएगा तो इनकी आंखें खुलेंगी।
ग्रीनबेल्ट होगी विकसित
योजना है कि जहां-जहां ठेकों की वजह से ग्रीनबेल्ट उजड़ गई है, उसे विकसित किया जाए। ताकि हरियाली बढ़ाई जा सके। क्योंकि शहर में हर बार सर्दी में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक लेवल पर पहुंच जाता है। वायु प्रदूषण का स्तर 450 तक पहुंच जाता है। इससे शहर गैस चैंबर में तब्दील हो जाता है। इसलिए शहर में अधिक से अधिक पौधारोपण पर जोर दिया जा रहा है।
जो ठेके ग्रीनबेल्ट पर चल रहे हैं, उन सभी पर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए सर्वे कराया जा चुका है। कनिष्ठ अभियंताओं की ड्यूटी लगा दी है। सभी अपने-अपने क्षेत्र में जाकर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। एनजीटी के आदेश की पूरी पालना की जाएगी। नियमों की अवहेलना करने वालों पर कार्रवाई होगी। - राजपाल, सर्वे एसडीओ, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण

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