यमुना के जलस्तर में फिर देखने को मिल रहा बदलाव, जिला प्रशासन की टीम ने नदी किनारे डाला डेरा
फरीदाबाद में यमुना का जलस्तर घट रहा है जिससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत की उम्मीद है। जिला प्रशासन नदी किनारे निगरानी रख रहा है। 27 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे स्थिति नियंत्रण में है और पशुधन की देखभाल की जा रही है। राहत कार्यों में 705 लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। ताजेवाला बैराज से 33201 क्यूसिक पानी छोड़ा गया था।

जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। यमुना नदी का तेजी से जल स्तर घट रहा है। देर शाम तक यमुना नदी में 68 हजार क्यूसिक पानी बह रहा था। रात में यह और अधिक कम हो जाएगा। उम्मीद है कि दो से तीन दिन में खेतों और रिहायश से पानी निकल जाएगा। इसके बाद रहने वाले लोगों और किसानों को राहत मिल सकेगी।
हालांकि जिला प्रशासन की टीम अभी भी नदी किनारे डेरा डाले हुए हैं। निगरानी की जा रही है कि कोई यमुना नदी किनारे न जा सके। क्योंकि अभी भी खतरा बना हुआ है। याद रहे यमुना नदी में आई बाढ़ की जद में तटवर्ती 27 गांव आए हैं। फिलहाल इन सभी गांव में स्थिति पर नियंत्रण है।
पशुधन की देख-रेख के लिए भी पशुपालन विभाग की टीम निगरानी कर रही है। जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य तेज़ी से और प्रभावी ढंग से संचालित किए जा रहे हैं। अब तक 705 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। जिले में स्थापित चार सक्रिय राहत शिविरों में लगभग 250 लोग हैं।।
33201 क्यूसिक पानी छोड़ा
उन्होंने बताया कि जल संसाधन विभाग के अनुसार ताजेवाला बैराज से नौ सितंबर को शाम पांच बजे 33,201 क्यूसिक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया है। इस समय ओखला बैराज से 73 हजार 425 क्यूसिक पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। गौरतलब है कि ओखला बैराज पर अब तक का अधिकतम पानी का प्रवाह 3,72,225 क्यूसिक दर्ज किया गया था, जो 15 जुलाई 2023 को रिकार्ड हुआ था।
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