पीएम फसल बीमा योजना: खरीफ के नुकसान की अभी तक नहीं भेजी रिपोर्ट, किसानों को कैसे मिलेगा समय पर मुआवजा?
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ फसलों के नुकसान की रिपोर्ट भेजने में देरी हो रही है। कृषि विभाग के अनुसार तकनीकी कारणों से रिपोर्ट अटकी है, जिससे किसानों को समय पर मुआवजा मिलने में परेशानी हो सकती है। किसानों ने मुआवजा जल्द मिलने की उम्मीद जताई है ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें।
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कपास की फसल। सौ. इंटरनेट
सुभाष डागर, बल्लभगढ़। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अभी तक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने नुकसान की रिपोर्ट ही बनाकर बीमा कंपनी को नहीं भेजी है। बीमा कंपनी धान का पहले से ही मुआवजा देने के लिए तैयार नहीं है। जिले में तीन फसलों का मुआवजा दिया जाएगा। वह भी किसानों को ऊंट के मुंह में जीरे के सामान मिलेगा।
खरीफ के तहत जिले में 11 हजार 555 हेक्टेयर धान, 1100 हेक्टेयर दलहन-तिलहन, 1000 हेक्टेयर बाजरा, 800 हेक्टेयर मक्का, 9्र00 हेक्टेयर कपास की फसल लगाने का लक्ष्य रखा गया। योजना के तहत जिले में कपास, धान, मक्का, बाजरा, मूंग का बीमा करने की घोषणा सरकार ने की है। योजना के तहत कपास का 2070 रुपये प्रति एकड़, धान-809 रुपये, मूंग-363 रुपये, मक्का का 435 रुपये प्रति एकड़ प्रीमियम देना तय किया है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सरकार की एआइसी कंपनी ने बीमा किया है। बीमा कंपनी ने उन किसानों की फसल का बीमा किया है, जिन्होंने बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर फसली ऋण लिया हुआ है। ऐसे किसी भी किसान ने योजना के तहत अपनी फसल का बीमा नहीं कराया, जिसने ऋण न लिया हो और प्रीमियम जमा कराया हो।
ऐसे 450 किसानों की फसल का बीमा किया गया है, जिन्होंने ऋण लिया है। इन किसानों ने अपनी फसलों में हुए नुकसान की जिला कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कार्यालय में शिकायत की है। शिकायत के बाद भी अभी तक विभाग ने रिपोर्ट बनाकर नहीं भेजी है। यही कारण है किसानों को फसल बीमा योजना के तहत समय पर मुआवजा नहीं मिलता।
रबी की फसल के दौरान योजना के तहत 750 किसानों ने बीमा कराया था। इनमें से बीमा कंपनी ने सिर्फ 25 किसानों को 79 लाख रुपए का मुआवजा दिया। यही कारण है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों में ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो पाई है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिन किसानों ने खरीफ में हुए नुकसान की शिकायत दी, उनमें बीमा कंपनी ने धान का मुआवजा देने से इंकार कर दिया है। बीमा कंपनी का कहना है कि धान में नुकसान जलभराव से हुआ है। जलभराव होने से जो फसल में नुकसान हुआ है, उसका बीमा नहीं दिया जाएगा। अब सिर्फ मक्का, बाजरा और कपास के नुकसान का कुछ मुआवजा दिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम पर बीमा कंपनी उन किसानों के ऋण से सिर्फ प्रीमियम काट लेती है, जो बैंक से लेते हैँ। जब नुकसान की भरपाई करने की बात आती है तो कुछ भी मुआवजा नहीं देती। जबकि नियम के अनुसार फसल का खेत में उत्पादन कम होने पर भी नुकसान की भरपाई करने का प्रविधान है।
-खेमचंद
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कपास वालों को मुआवजा देने पर विचार किया जा रहा है। जल्दी ही कपास में हुए नुकसान की रिपोर्ट बनाकर बीमा कंपनी को भेज दी जाएगी। मक्का और बाजरा की भी रिपोर्ट भेजी जाएगी। धान की फसल में जलभराव होने से हुए नुकसान का बीमा मुआवजा कंपनी ने देने से मना कर दिया है। अभी फसल की कटाई हुई है। उसके उत्पादन की रिपोर्ट ले रहे हैं।
-डॉ. अनिल सहरावत, उपनिदेशक कृषि एवं किसान कल्याण विभाग फरीदाबाद

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