अब जरूर बरतें सावधानी! बदलते मौसम ने बढ़ाई लोगों की टेंशन, इन बातों का रखें ध्यान
फरीदाबाद में मौसम बदलने से सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिला नागरिक अस्पताल में रोजाना लगभग 2500 मरीज आ रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि नमी और प्रदूषण के कारण बुखार, छाती में संक्रमण और डायरिया के मामले भी बढ़ रहे हैं। सांस के पुराने रोगियों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। समय पर इलाज शुरू करवाने और प्रदूषित वातावरण से बचने की सलाह दी गई है।
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जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। बदलते माैसम में फरीदाबाद जिले में सांस की तकलीफ बढ़ने लगी है। नमी वाले मौसम में हवा में धूल के कण भी ज्यादा हैं। प्रदूषण बढ़ा हुआ है। इन कारणों के चलते बुखार, छाती संक्रमण और डायरिया के मामले भी आने लगे हैं।
जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल की बात करें तो यहां इन दिनों प्रतिदिन ओपीडी में लगभग 2500 मरीज आ रहे हैं। आपातकालीन विभाग में 24 घंटे में विभिन्न बीमारियों के 180 से अधिक मरीज आ रहे हैं। इनमें बुखार और सांस के रोगी भी हैं।
आईसीयू होने पर भी किया गया रेफर
नागरिक अस्पताल में आइसीयू है, फिर भी यहां से मरीजों को रेेफर किया जाता है। रविवार को सांस की तकलीफ से पीड़ित बुजुर्ग बसंत सिंह को स्वजन नागरिक अस्पताल के आपातकालीन विभाग लेकर आए थे। उन्हें थोड़ी देर बाद ही सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया।
छाती में दर्द से पीड़ित नेकपुर गांव निवासी रेखा को भी पति राजेंद्र ने अस्पताल में भर्ती कराया है। त्रिखा कॉलोनी, बल्लभगढ़ निवासी रामादेवी बुखार व डायरिया से पीड़ित हैं। उन्हें भी स्वजन ने रविवार को नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया है। बेटी लक्ष्मी देवी ने बताया कि उनकी माता की तबीयत में सुधार नहीं आया है।
बदलते मौसम में सांस के पुराने रोगियों
बुजुर्गाें को अधिक दिक्कत हो सकती है। इसलिए इन दिनोंं पुराने रोगी डाक्टर के संपर्क में रहें। डाक्टर की सलाह से दवा लेते रहें। प्रदूषित वातावरण में न जाएं। घर के आसपास सफाई रखें। कई बार धूल के कण शरीर में चले जाते हैं तो सांस की नली सिकुड़ जाती है। सांस लेने में परेशानी बढ़ती है। इन दिनों गुनगुना पानी पीयें। ठंडी चीजों के सेवन से बचें। कुछ सावधानियां बरत कर बीमारी से बचा जा सकता है। - डॉ. योगेश गुप्ता, छाती रोग विशेषज्ञ, जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल
नागरिक अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाएं उपलब्ध हैं। मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। कई बार मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है तो उन्हें रेफर किया जाता है। वैसे हम प्रयास करते हैं कि नागरिक अस्पताल में ही इलाज किया जाए। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। थोड़ी सी तकलीफ होने पर ही इलाज शुरू करवाना चाहिए। - डॉ. एमपी सिंह, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी

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