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    फ्रांस में बनवाए नकली पासपोर्ट, स्विट्जरलैंड में GPA; फर्जी बेटा बनकर दंपती का प्लाट बेचने वाला ठग गिरफ्तार

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 09:19 AM (IST)

    गुरुग्राम में एक दंपती को फर्जी बेटा बनकर ठगने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। आरोपी ने फ्रांस में नकली पासपोर्ट और स्विट्जरलैंड में GPA बनवाकर दंपती के प्लाट को बेचने की कोशिश की। पुलिस मामले की जांच कर रही है और अन्य संभावित साथियों की तलाश जारी है।

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    गुरुग्राम पुलिस की गिरफ्त में दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ा गया आरोपी लखविंदर सिंह।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम पुलिस ने मंगलवार को ठगी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह के लोग अमेरिका में रह रहे एक एनआरआइ दंपती के गुरुग्राम के सेक्टर 31 स्थित दो प्लाट की फर्जी जीपीए बनवाकर उसे बेचने की कोशिश कर रहे थे।

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    गिरोह ने दंपती का एक फर्जी बेटा तैयार किया। स्विट्जरलैंड में फर्जी जीपीए बनवाई और फ्रांस में दंपती के नकली पासपोर्ट बनवाए गए। ठगों ने एंबेसी के माध्यम से फर्जी जीपीए भारत मंगवाकर कलेक्टर कार्यालय गुरुग्राम में रजिस्टर्ड करवा ली और फिर धोखाधड़ी से इसको हुडा विभाग में प्रापर्टी की फाइल में संलग्न भी करवा दी। पुलिस ने इस मामले में सोमवार रात एक आरोपित को गिरफ्तार किया है।

    पुलिस के अनुसार गिरफ्तार किए आराेपित की पहचान पंजाब के नवां शहर के हयातपुर गांव के रहने वाले लखविंदर सिंह के रूप में की गई। गुरुग्राम पुलिस ने सोमवार रात दिल्ली एयरपोर्ट से इसे पकड़ा था। धोखाधड़ी में नाम सामने आने के बाद पुलिस ने इस आरोपित के खिलाफ कई महीने पहले लुकआउट सर्कुलर जारी कराया था।

    यह अक्टूबर 2022 में पत्नी के साथ डिपेंडेंट वीजा पर यूनाइटेड किंगडम चला गया था। सितंबर 2025 में इसके डिपेंडेंट वीजा की अवधि खत्म होने पर इसे लंदन से वापस भेज गया था। इसी दौरान इसे पकड़ा गया।

    2022 में सामने आया था धोखाधड़ी का मामला

    पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक 2022 में अमेरिका में रहने वाले एनआरआइ विवेक भटनागर की तरफ से गुरुग्राम आर्थिक अपराध शाखा प्रथम के पास धोखाधड़ी की शिकायत की गई थी। जांच करने के बाद जनवरी 2023 को आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने सदर थाने में केस दर्ज कराया। शिकायत में एनआरआइ विवेक भटनागर ने कहा कि इनके दो प्लाट गुरुग्राम के सेक्टर 31 में हैं।

    दोनों प्लाट के यह दंपती ही मालिक हैं। चार सितंबर 2021 को इनके पास गुरुग्राम के एक प्रापर्टी डीलर का फोन आया, उसने कहा कि उनके बेटे करण भटनागर को उसने दोनों प्लाट के बदले 15 लाख एडवांस दे दिए हैं और एक करोड़ रुपये आरटीजीएस करने जा रहा है।

    इस पर विवेक ने उनका कोई भी बेटा न होने और उनकी प्रापर्टी को इस तरह से बेचने के बारे में जानकारी से इनकार कर दिया। साथ ही पैसे ट्रांसफर नहीं करने के लिए कहा। इस पर प्रापर्टी डीलर ने उनकी जीपीए, पोजिशन लेटर और पासपोर्ट दिखाए। एनआरआइ ने इन सभी कागजात को फर्जी बताया। विवेक ने कहा कि न तो उनका कोई बेटा है और न ही उन्होंने किसी को कोई पावर आफ अर्टानी दी हुई है।

    फर्जी बेटा बनकर ट्रांसफर की प्रापर्टी

    विवेक भटनागर ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में शिकायत दी तो इन्हें पता चला कि करन भटनागर नाम के किसी व्यक्ति ने यह प्रापर्टी लखविंदर सिंह को ट्रांसफर कर दी है। इन्हें एचएसवीपी से लखविंदर सिंह व इनके फर्जी बेटे बनकर आए करण भटनागर की फोटो मिली।

    बाद में विवेक के पास दोनों प्लाट को बेचने के संबंध में कई और प्रापर्टी डीलरों के फोन भी आए। जांच में पता चला कि गिरोह के लोग बार-बार नाम बदलकर इनकी प्रापर्टी बेचने की कोशिश कर रहे थे।

    लुकआउट सर्कुलरी जारी कराया

    केस दर्ज होने के बाद आर्थिक अपराध शाखा प्रथम ने आरोपित की गिरफ्तारी के लिए लखविंदर सिंह के घर नवां शहर के हयातपुर गांव में छापेमारी की। इस दौरान पता चला कि आरोपित वर्ष 2022 में लंदन जा चुका है। इस पर गुरुग्राम पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों से संपर्क किया।

    साथ ही आरोपित के खिलाफ कुछ महीनों पहले लुकआउट सर्कुलर जारी कराया। सोमवार रात दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद आरोपित को एयरपोर्ट पुलिस ने पकड़कर गुरुग्राम पुलिस के हवाले कर दिया।

    गिरोह ने इस तरह की ठगी

    आरोपित से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में पता चला कि एक अन्य व्यक्ति द्वारा शिकायकर्ता का फर्जी बेटा करण भटनागर बनकर शिकायकर्ता व उनकी पत्नी के फर्जी पासपोर्ट फ्रांस से बनवाए। उन पासपोर्ट के आधार पर एक जर्नल पावर आफ अटार्नी स्विट्जरलैंड से रजिस्टर्ड करवाई। इस फर्जी जीपीए को एंबेसी के माध्यम से भारत मंगवाकर कलेक्टर कार्यालय गुरुग्राम में रजिस्टर्ड करवा ली।

    फिर धोखाधड़ी से इसको एचएसवीपी विभाग में प्रापर्टी की फाइल में संलग्न करवा दिया। फर्जी जीपीए के आधार पर इस प्रापर्टी को करण भटनागर ने मार्च 2021 में एचएसवीपी कार्यालय में आकर लखविंदर सिंह के नाम ट्रांसफर परमिशन रजिस्टर्ड करवा दी। लखविंदर सिंह ने बताया कि यह प्रापर्टी इसे करण भटनागर ने ट्रांसफर करवाई थी।

    इस प्रापर्टी को ट्रांसफर परमिशन के आधार पर वर्ष 2021 व वर्ष 2022 से बार-बार बेचने की कोशिश कर रहा था। फिर यह अक्टूबर 2022 में यह इसकी पत्नी के साथ डिपेंडेंट वीजा पर यूनाइटेड किंगडम चला गया था। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आरोपित को रिमांड पर लेकर अन्य साथी आरोपितों के बारे में पूछताछ की जाएगी। साथ ही उनकी गिरफ्तारी भी की जाएगी।