Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गुरुग्राम में बिल्डर की गिरफ्तारी के बाद दो प्रोजेक्टों की रफ्तार थमी, खरीदारों को आशियाने के लिए करना होगा इंतजार

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 12:08 PM (IST)

    गुरुग्राम में ओशियन सेवन बिल्डटेक के निदेशक की गिरफ्तारी के बाद दो अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्टों का काम धीमा हो गया है। खरीदारों ने बिल्डर पर पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। ईडी की जांच में संपत्तियां बेचने और परिवार को विदेश भेजने की बात सामने आई है। डीटीपीई ने बिल्डर के खिलाफ एलओसी जारी करने का अनुरोध किया है।

    Hero Image

    गुरुग्राम शहर का नजारा। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। ओशियन सेवन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक स्वराज सिंह यादव की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद सेक्टर-69 स्थित ओएसबी गोल्फ हाइट्स और सेक्टर-109 स्थित ओएसबी एक्सप्रेस वे टॉवर्स में निर्माण कार्य लगभग ठहर सा गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दोनों ही अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट का काम पहले से ही धीमी गति से चल रहा था, लेकिन गिरफ्तारी के बाद श्रमिकों की संख्या में अचानक भारी कमी आने से निर्माण और प्रभावित हो गया है। कंपनी को हरियाणा सरकार ने सेक्टर-69, 70 और 109 में किफायती आवास योजनाओं के तहत प्रोजेक्ट विकसित करने के लाइसेंस दिए थे।

    कब लॉन्च हुआ था प्रोजेक्ट?

    ओएसबी एक्सप्रेस वे टॉवर्स (सेक्टर-109) को 2016 में लॉन्च किया गया था और यह लगभग 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है। ओएसबी गोल्फ हाइट्स (सेक्टर-69) 2018 में लॉन्च हुआ था, जहां अब तक केवल 15 प्रतिशत कार्य ही हो सका है। ओएसबी वेनेटियन (सेक्टर-70) 2019 में लॉन्च हुआ, लेकिन आज तक एक ईंट भी नहीं रखी गई।

    तीनों प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत हैं और चार साल में पूरी होने थे। निर्माण में लंबे समय से हो रही देरी के चलते कई फ्लैट खरीदारों ने ईडी समेत गुरुग्राम व दिल्ली पुलिस में शिकायतें दर्ज कराई थीं। आरोप है कि बिल्डर ने खरीदारों के पैसे का दुरुपयोग किया और संपत्तियां बेचकर रकम को नकदी में तब्दील किया।

    ईडी ने शिकायतों के आधार पर जांच शुरू की और 14 नवंबर को स्वराज सिंह यादव को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। वह 28 नवंबर तक ईडी रिमांड पर है। जांच में यह भी सामने आया कि उन्होंने हाल के वर्षों में गुरुग्राम, राजस्थान और महाराष्ट्र में व्यक्तिगत व कंपनी के नाम पर कई संपत्तियां बेचीं तथा परिवार को अमेरिका भेज दिया।

    पहले साइट पर थे 125 मजदूर, अब घटकर 30 रह गए

    फ्लैट खरीदारों के अनुसार, गिरफ्तारी से पहले एक्सप्रेसवे टावर्स साइट पर 125 मजदूर काम करते थे, जो अब घटकर सिर्फ 30 रह गए हैं। गोल्फ हाइट्स साइट पर भी 10–15 मजदूर ही मौजूद हैं। उधर, डीटीपीई ने 31 अगस्त को पुलिस को पत्र भेजकर बिल्डर के विदेश भागने की आशंका जताते हुए उसके विरूद्ध एलओसी जारी करने का अनुरोध किया था।