Gurugram Pollution: फिर जहरीली हुई गुरुग्राम की हवा, एक्यूआई पहुंचा 300 के पार
गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ गया है, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार चला गया है। वाहनों का धुआं और निर्माण गतिविधियां इसके मुख्य कारण हैं। लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, इसलिए डॉक्टरों ने मास्क पहनने की सलाह दी है। सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए कदम उठा रही है, और नागरिकों को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।
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गुरुग्राम एक बार फिर जहरीली हवा की चपेट में।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम एक बार फिर जहरीली हवा की चपेट में है। शनिवार सुबह शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) गंभीर श्रेणी के करीब पहुंच गया और 307 दर्ज किया गया। सुबह के समय घना स्माग छाया रहा, जिससे दृश्यता भी प्रभावित हुई। विशेषज्ञों ने शहरवासियों को सुबह और शाम के समय घर से बाहर टहलने से बचने की सलाह दी है।
उनका कहना है कि इस स्तर के प्रदूषण में सांस संबंधी बीमारियों, आंखों में जलन और सीने में भारीपन जैसे खतरे काफी बढ़ जाते हैं। मानेसर की स्थिति भी बेहतर नहीं रही। यहां शनिवार को एक्यूआइ 245 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। औद्योगिक गतिविधियों, भारी वाहनों की आवाजाही और धूल के कारण मानेसर में प्रदूषण लगातार बढ़ा हुआ है।
शहर में खुले में कूड़ा जलाने, सड़कों पर उड़ती धूल, निर्माण स्थलों पर लापरवाही और वाहनों का धुआं प्रदूषण बढ़ा रहा है। कई क्षेत्रों में कूड़े में आग लगाई जा रही है, जिससे हवा में जहरीले कण घुल रहे हैं। दूसरी ओर, शहर की ज्यादातर सड़कों पर नियमित पानी का छिड़काव नहीं हो रहा है, जिससे धूल लगातार उड़ती रहती है और हवा को और अधिक प्रदूषित कर रही है।
ग्रेप-3 लागू, नहीं हो रहा पालन
इसके अलावा कई निर्माण स्थलों पर बिल्डिंग सामग्री खुले में रखी हुई है, जिस पर से रोजाना भारी मात्रा में धूल उठती है। नियमों के तहत ऐसी सामग्री ढककर रखने के निर्देश हैं, लेकिन ज्यादातर जगह इनका पालन नहीं हो रहा।
जहरीली गैसें कर रही नुकसान
विशेषज्ञों के अनुसार इस समय हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 कणों की मात्रा सामान्य से कई गुना अधिक है। इसके साथ ही नाइट्रोजन डाइआक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड और कार्बन मोनोआक्साइड जैसी गैसों का स्तर भी बढ़ा हुआ है। ये गैसें सीधे फेफड़ों पर असर डालती हैं और बच्चों, बुजुर्गों व अस्थमा रोगियों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।
प्रदूषण से राहत की उम्मीद नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों में हवा की गति सामान्य रहने की संभावना है, जिससे प्रदूषण में खास कमी आने की उम्मीद नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बड़े पैमाने पर धूल नियंत्रण, कूड़ा जलाने पर रोक और निर्माण स्थलों की निगरानी सख्ती से नहीं की जाती, तब तक शहर को प्रदूषण से राहत मिलना मुश्किल है। नगर निगम और जीएमडीए की ओर से सड़कों पर पानी छिड़काव न के बराबर हो रहा है। धूल उड़ने से रोकने के उपाय नहीं होने के कारण यह परेशानी और ज्यादा बढ़ गई है।

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