करोड़ों के बजट के बावजूद गुरुग्राम को साफ रखने में निगम नाकाम, आखिर कहां हो रही चूक?
गुरुग्राम में नगर निगम का करोड़ों का बजट होने के बावजूद सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। नागरिकों का कहना है कि नियमित सफाई नहीं होने से कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। निगम की लापरवाही और उचित योजना के अभाव के कारण शहर में गंदगी की समस्या बनी हुई है। नागरिकों में निराशा है क्योंकि शिकायतों के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। सुधार की आवश्यकता है।
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कूड़े की चादर में तब्दील सड़क... यह तस्वीर है सेक्टर नौ चौक से फिरोज गांधी कॉलोनी को जाने वाली सड़क। जागरण
संजय गुलाटी, गुरुग्राम। दीवाली पर्व के अवसर पर साइबर सिटी की चकाचौंध पर कूड़े के ढेर दाग लगा रहे हैं। जगह-जगह सड़कों पर लगे कूड़े के ढेर से विदेश तक में साइबर सिटी की किरकिरी चुकी है, बावजूद इसके सफाई व्यवस्था के ऊपर ध्यान नहीं। कई सालों से दीवाली पर शहर में जगह- जगह कूड़े के ढेर नजर आते है। कुछ दिन दीवाली को रह गए लेकिन शहर की सड़कें पर कूड़े की चादर बिछी नजर आती है।
निगम अधिकारियों के फील्ड में उतरने के साथ ही प्रदेश सरकार का फोकस भी गुरुग्राम पर है लेकिन फिर भी शहर के हालात नहीं सुधर रहे। गगनचुंबी इमारतों के नजदीक गंदगी के ढेर लगे हैं। शहर को साफ रखने के लिए नगर निगम गुरुग्राम के पास 350 से 400 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट है।
न संसाधनों की कमी है और न मैनपावर की ही कमी है, फिर भी कूड़े में तब्दील नजर आ रही हैं शहर की सड़कें। वजह है गुरुग्राम को कूड़ाग्राम बनाने वाली एजेंसियों के प्रति निगम अधिकारियों का भी ढीला रवैया। यही वजह है कि एजेंसियों की मनमानी चल रही है और कूड़े का उठान नहीं हो रहा है।
बरामदों में सजा बाजार, पार्किंग पर कब्जा
फेस्टिवल सीजन में सड़कों से लेकर सेक्टरों के मार्केट तक अतिक्रमण हो गया है। सेक्टर-31 मार्केट की स्थिति यह है कि मार्केट के बरामदों और पार्किंग स्थलों में दुकानदारों ने अस्थायी बाजार सजा दिया है। मिठाई की दुकानों से लेकर रेस्टोरेंट तक, सभी प्रतिष्ठानों के बाहर खाद्य पदार्थों और सजावटी सामानों के स्टाल लगा दिए गए हैं।
इससे न केवल खरीदारों को परेशानी हो रही है, बल्कि वाहनों की पार्किंग भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। सुबह से लेकर देर शाम तक मार्केट में ग्राहकों की भारी भीड़ रहती है। इस दौरान पार्किंग स्थल पूरी तरह से कब्जे में रहते हैं। खाद्य पदार्थ बेचने वाले ठेले और स्टाल पार्किंग एरिया में लग जाते हैं, जिससे वाहन खड़ा करने की जगह नहीं बचती।
मुख्य सड़क पर गाड़ियों की अवैध पार्किंग के कारण यातायात व्यवस्था भी बिगड़ जाती है। कई बार जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे आम लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। जहां एक ओर त्योहारों की रौनक बढ़ी हुई है, वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण और अवैध पार्किंग ने प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खरीदारों की यही मांग है कि निगम तुरंत सख्त कार्रवाई करे, ताकि त्योहारों की खरीदारी बिना परेशानी के पूरी हो सके।
इन्फोर्समेंट टीम नहीं कर रही कार्रवाई
स्थानीय लोगों और नियमित खरीदारों का कहना है कि निगम की इन्फोर्समेंट टीम पिछले कई दिनों से इस समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। शिकायतें देने के बावजूद अतिक्रमण पर रोक नहीं लगाई गई। बरामदों में लगी दुकानों के कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है।
निगम अधिकारियों के अनुसार, मार्केट में त्योहारों के समय अतिरिक्त निगरानी की व्यवस्था की जानी थी, लेकिन फिलहाल कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा है। इससे मौके का फायदा उठाकर दुकानदारों ने सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा जमा लिया है।
त्योहारों के दौरान कुछ दुकानदार अपने दायरे से बाहर आकर स्टाल लगाते हैं। इस पर निगरानी रखी जा रही है और जल्द ही विशेष ड्राइव चलाकर अतिक्रमण हटाया जाएगा। बार-बार चेतावनी देने के बावजूद यदि नियम तोड़े गए तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- आरएस बाठ, डीटीपी एवं नोडल अधिकारी (इन्फोर्समेंट)
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