गुरुग्राम में दोस्त को गोली मारने की घटना का डीजीपी ने लिया संज्ञान, लाइसेंसी हथियार को लेकर दिए सख्त निर्देश
गुरुग्राम में एक किशोर द्वारा सहपाठी को गोली मारने की घटना पर डीजीपी ओपी सिंह ने संज्ञान लिया है। उन्होंने हथियार लाइसेंसधारकों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं ताकि हथियारों को सुरक्षित तरीके से संभाल सकें। डीजीपी ने कहा कि बच्चों को हथियारों के खतरों के बारे में शिक्षित करना जरूरी है। गुरुग्राम में पहले भी छात्रों द्वारा जानलेवा हमले की घटनाएं हो चुकी हैं।
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हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम के सेक्टर 48 स्थित सेंट्रल पार्क रिसार्ट सोसायटी में शनिवार रात एक किशोर द्वारा अपने सहपाठी छात्र को पिता की लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारने की घटना का हरियाणा के डीजीपी ओपी सिंह ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने घटना के बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रदेश के पुलिस अधिकारी अपने-अपने जिले में हथियार रखने के लिए लाइसेंसधारकों को जरूरी प्रशिक्षण दें।
डीजीपी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि जान का नुकसान ना हो। आगे लिखा कि एसपी व सीपी से कहा गया है कि अपने क्षेत्र के आर्म्स लाइसेंस धारियों को इस तरह के खतरे से आगाह करें। उनके लिए हथियार संभाल कर रखने के लिए जरूरी प्रशिक्षण का इंतजाम करें। वीडियो गेम खेलने वाली पीढ़ी को पता ही नहीं होता कि गोलीबारी कोई खेल नहीं है। माता-पिता और स्कूलों को चाहिए कि बच्चों को पीपल स्किल सिखाएं। लड़ाई-झगड़े की नौबत ही नहीं आएगी।
लाइसेंसी पिस्टल को सुरक्षित रखने के तरीके
- पिस्टल को एक सुरक्षित और बंद स्थान पर रखें, जैसे कि एक लाकबाक्स या एक सुरक्षित अलमारी में।
- लॉकबॉक्स एक सुरक्षित और बंद बाक्स होता है जिसमें पिस्टल को रखा जा सकता है। इसे एक सुरक्षित स्थान पर रखें और इसकी चाबी को बच्चों से दूर रखें।
- पिस्टल को अनलोड रखें
- पिस्टल की चाबी को एक सुरक्षित स्थान पर रखें
- बच्चों को पिस्टल के खतरों के बारे में शिक्षित करें और उन्हें बताएं कि पिस्टल को कभी भी नहीं छूना चाहिए
- पिस्टल के साथ सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें, जैसे कि एक ट्रिगर लाक या एक गन सेफ
- पिस्टल को नियमित रूप से जांचें और सुनिश्चित करें कि यह सुरक्षित है और बच्चों के पहुंच से बाहर है।
स्कूली छात्रों में जानलेवा हमले की पहले भी हुई घटनाएं
गुरुग्राम में छात्रों द्वारा अपने ही साथी छात्र पर जानलेवा हमले की ये कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी करीब दो दशक पहले एक छात्र ने प्राइवेट स्कूल में अपने साथी छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दूसरी बड़ी घटना में भोंडसी के निजी स्कूल में भी दूसरी कक्षा के छात्र की दूसरे छात्र ने चाकू मारकर हत्या कर दी थी।

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