एमआरजी इंफ्राबिल्ड को लगा बड़ा झटका, हरेरा ने रद किया फ्लैट कैंसल करने का आदेश; 30 दिन में देनी होगी चाबी
एमआरजी इंफ्राबिल्ड को हरेरा से झटका लगा है। हरेरा ने एमआरजी इंफ्राबिल्ड द्वारा एक आवंटी का फ्लैट आवंटन रद करने का आदेश रद्द कर दिया है। हरेरा अध्यक्ष अरुण कुमार ने बिल्डर को 30 दिनों के भीतर आवंटी को फ्लैट का कब्जा देने का निर्देश दिया है। साथ ही, देरी के लिए मुआवजा देने का भी आदेश दिया गया है।

जागरण संवाददाता, नया गुरुग्राम। सेक्टर-89 में एमआरजी द मेरिडियन अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट में आवंटियों को राहत देते हुए हरियाणा रियल एस्टेट विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) ने एमआरजी इंफ्राबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड के उस फैसले को अमान्य करार दिया है।
जिसमें कंपनी ने एक आवंटी का फ्लैट आवंटन रद कर दिया था। हरेरा अध्यक्ष अरुण कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बिल्डर 30 दिनों के भीतर संबंधित आवंटी को फ्लैट का कब्जा उपलब्ध कराए, अन्यथा प्राधिकरण नियमों के तहत कार्रवाई करेगा।
बता दें कि इस आवासीय योजना के लिए कंपनी को 2016 में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से लाइसेंस मिला था। याचिकाकर्ता अमित कुमार पांडेय को अप्रैल 2018 में आवंटन पत्र जारी हुआ था और 28 फरवरी 2024 तक कब्जा सौंपना तय था। समझौते के मुताबिक आवंटी को 25.50 लाख रुपये का भुगतान करना था, जबकि उसने पिछले वर्ष तक 25.75 लाख रुपये जमा भी कर दिए थे।
इसके बावजूद 14 जुलाई 2023 को बिल्डर ने यह कहते हुए फ्लैट का आवंटन रद कर दिया कि राशि समय पर जमा नहीं की गई। इस पर आवंटी ने हरेरा का दरवाजा खटखटाया और आरोप लगाया कि रद नियमों के विपरीत और मनमाने तरीके से किया गया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद प्राधिकरण ने बिल्डर की कार्रवाई को अनुचित बताते हुए आवंटन रद करने के आदेश को खारिज कर दिया। साथ ही आवंटी को कब्जा देने के साथ देरी की अवधि के लिए 10.85 प्रतिशत मासिक दर से मुआवजा देने का भी निर्देश दिया गया है, जिसका भुगतान 90 दिनों के भीतर करना होगा। हरेरा ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बिल्डर-खरीदार समझौते से बाहर कोई अतिरिक्त राशि आवंटी से नहीं ली जाएगी।

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