एक साल में 1200 बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ा जाएगा, नगर परिषद पटौदी ने की अभियान की शुरु़आत
पटौदी नगर परिषद ने बंदर पकड़ने का अभियान शुरू किया है, जिससे जाटोली मंडी और हेलीमंडी के लोगों को राहत मिलेगी। एक साल के ठेके में लगभग 1200 बंदरों को पकड़कर जंगल में छोड़ा जाएगा। यह फैसला बंदरों के आतंक से परेशान लोगों की मांग पर लिया गया है, क्योंकि बंदरों के हमलों में पहले भी कई लोग घायल हो चुके हैं। परिषद का कहना है कि यह अभियान क्षेत्र को बंदरमुक्त करने तक जारी रहेगा।

बंदरों के आतंक से मिलेगी राहत, नगर परिषद ने शुरू करवाया बंदर पकड़ो अभियान।
जागरण संवाददाता, पटौदी। पटौदी क्षेत्र की जाटोली मंडी और हेली मंडी इलाके के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। वर्षों से बंदरों के आतंक से परेशान आमजन की मांग अब पूरी होने जा रही है। नगर परिषद पटौदी ने बंदर पकड़ने का टेंडर जारी कर अभियान की शुरुआत बुधवार से कर दी है।
नगर परिषद के अध्यक्ष प्रवीण ठाकरिया एवं कार्यकारी अधिकारी संदीप मलिक ने बताया कि नगर परिषद ने लगभग बंदर पकड़ने के लिए कांट्रेक्टर को एक वर्ष के लिए ठेका दिया गया है। इसके तहत लगभग 1200 बंदर पकड़े जाएंगे और उन्हें दूर जंगलों में छोड़ा जाएगा। अभियान की शुरुआत राजकीय महाविद्यालय हेलीमंडी-जाटोली से की कर दी गई है, जहां बंदरों के आतंक से विद्यार्थी परेशान हैं।
मालूम हो कि पटौदी जाटोली मंडी नगर परिषद में दर्जनों के झुंड में घूमने वाले बंदर घरों की छतों, दुकानों और गलियों में उत्पात मचाते हैं। कपड़े फाड़ने से लेकर लोगों को काटने तक की घटनाएं आम हैं। पिछले कुछ वर्षों में बंदरों के हमले से जाटोली मंडी में दो लोगों की मौत भी हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं।
स्थानीय लोग तथा पार्षद एक लंबे समय से आवाज उठाते आ रहे थे कि इन बंदरों को पकड़ कर जंगल में छोड़ जाए। आखिरकार नगर परिषद ने इसकी सुध ले ली है। पटौदी नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष तथा पार्षद चंद्रभान सहगल, पार्षद रवि चौहान, पार्षद आनंद भूषण, पार्षद राधे श्याम मक्कड़ एवं समाजसेवी मास्टर सुरेंद्र सिंह चौहान ने इसके लिए विधायक बिमला चौधरी तथा नगर परिषद का आभार जताते हुए मांग की है कि इस कार्य को शीघ्र पूरा करवाया जाए।
उनके अनुसार अभी ठेकेदार द्वारा दो पिंजरों से अभियान की शुरुआत की गई है, परंतु इनकी संख्या बढ़ाई जाए। परिषद अध्यक्ष प्रवीण ठाकरिया ने बताया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक नगर परिषद क्षेत्र बंदरमुक्त नहीं हो जाता।

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