Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व विधायक छौक्कर की गिरफ्तारी सही, हाईकोर्ट से याचिका खारिज

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 05:34 PM (IST)

    हाईकोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रियल एस्टेट कारोबारी धर्म सिंह छौक्कर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। अदालत ने ईडी की गिरफ्तारी प्रक्रिया को वैध माना और कहा कि छौक्कर ने जांच में सहयोग नहीं किया। कोर्ट ने यह भी कहा कि वित्तीय अनियमितताओं के चलते हिरासत में पूछताछ जरूरी है। हाईकोर्ट ने छौक्कर को जमानत के लिए पहले सेशन कोर्ट जाने की सलाह दी।

    Hero Image
    कोर्ट ने माना कि गिरफ्तारी से पहले ईडी अधिकारियों ने आवश्यक दस्तावेज आरोपित को सौंपे।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रियल एस्टेट कारोबारी और पूर्व कांग्रेस विधायक धर्म सिंह छौक्कर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। माहिरा ग्रुप से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार छौक्कर ने दलील दी कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने उसे गैर-कानूनी तरीके से दिल्ली के एक होटल से पकड़ा और उसके साथ मारपीट भी की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अदालत ने इन दलीलों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। जस्टिस त्रिभुवन दहिया की एकल पीठ ने कहा कि छौक्कर की गिरफ्तारी धारा 19, प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत विधिवत रूप से की गई है।

    कोर्ट ने माना कि गिरफ्तारी से पहले ईडी अधिकारियों ने “ग्राउंड्स ऑफ अरेस्ट” और “रीजन्स टू बिलीव” लिखित रूप में दर्ज किए और आवश्यक दस्तावेज आरोपित को सौंपे। इसके अलावा गिरफ्तारी के आदेश और संबंधित मेमो को विशेष न्यायाधीश को भी अग्रेषित किया गया।

    ईडी की ओर से अदालत को बताया गया कि माहिरा इन्फ्राटेक और अन्य कंपनियों के माध्यम से छौक्कर व उनके परिवार ने लगभग 363 करोड़ रुपये घर के खरीदारों से वसूले, जिन्हें प्रोजेक्ट निर्माण में लगाने के बजाय व्यक्तिगत खर्चों, संपत्तियों की खरीद और अन्य कार्यों में मोड़ दिया गया। जब घर खरीदारों को समय पर फ्लैट नहीं मिले तो कई एफआईआर दर्ज हुईं।

    इन्हीं एफआईआर को आधार बनाकर ईडी ने वर्ष 2021 में जांच शुरू की। ईडी ने यह भी दलील दी कि छौक्कर और उनके बेटे बार-बार समन के बावजूद जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। उनके खिलाफ कई बार गैर-जमानती वारंट जारी किए गए, परंतु गिरफ्तारी नहीं हो पाई और इसी आधार पर छौक्कर को चार मई 2025 की रात दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।

    कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और कथित मनी लांड्रिंग की जांच के लिए आरोपित से कस्टोडियल इंटरोगेशन (हिरासत में पूछताछ) आवश्यक है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि छौक्कर की गिरफ्तारी में कानूनी प्रविधान का पालन किया गया है और इसमें किसी तरह की प्रक्रिया संबंधी त्रुटि नहीं पाई गई। अंतत हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।

    जमानत के लिए सेशन कोर्ट जाने की दी छूट

    हाई कोर्ट ने धर्म सिंह द्वारा नियमित जमानत की मांग खारिज करते हुए कहा कि पहले सेशन कोर्ट में जाने के बाद ही हाईकोर्ट का रुख किया जा सकता है। हाई कोर्ट ने कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 483 के अनुसार सेशन कोर्ट और हाई कोर्ट दोनों के पास नियमित जमानत देने का अधिकार है। लेकिन यह स्थापित सिद्धांत है कि पहले सेशन कोर्ट में आवेदन करना आवश्यक है।

    कहा कि केवल असाधारण परिस्थितियों में ही सीधे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है। साथ ही यह स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता ने अपने पक्ष में ऐसी कोई विशेष परिस्थिति प्रस्तुत नहीं की, जिससे हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करने का औचित्य बनता। इस कारण याचिका पर विचार करने का कोई आधार नहीं है।