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    डंकी रूट पर लाखों लुटाने वाले 14 युवक अमेरिका से डिपोर्ट होकर कैथल पहुंचे, तीन नवंबर को आ सकता है दूसरा जहाज

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 04:01 PM (IST)

    अमेरिका से 14 युवकों को डिपोर्ट करके कैथल लाया गया। ये युवक अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे थे। पुलिस पूछताछ में पता चला कि इन्होंने डंकी रूट से अमेरिका जाने के लिए लाखों रुपये खर्च किए थे। किसी ने जमीन बेची तो किसी ने लोन लिया। एक युवक ने बताया कि उसने एजेंटों को साढ़े 57 लाख रुपये दिए थे। पुलिस ने युवकों को उनके परिवार वालों को सौंप दिया है।

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    अमेरिका जाने के लिए किसी ने जमीन बेची तो किसी ने लिया था लोन, पनामा के जंगलों से भी निकले (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, कैथल। अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों काे डिपोर्ट किया जा रहा है। पहले फरवरी 2025 में कैथल के करीब 12 युवक अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए थे। अब कैथल जिले के 14 युवकों को अमेरिका से डिपोर्ट करके भारत भेजा गया है।

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    जिस जहाज में युवक आए हैं उसमें हरियाणा के करीब 50 युवक शामिल थे। सभी को हाथ और पैरों में हथकड़ी लगाई हुई थी। जहाज शनिवार शाम के समय दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा था। वहां से कैथल पुलिस की बस सभी 14 युवकों को लेकर रविवार को सुबह साढ़े नौ बजे कैथल पहुंच गई थी। डिपोर्ट होकर आए एक युवक ने यह बताया कि तीन नवंबर को भी अमेरिका से एक जहाज आएगा।

    14 में से 13 युवक भेजे गए घर

    पुलिस लाइन में डीएसपी ललित यादव की देखरेख में युवकों से पूछताछ की गई और कागजी कार्रवाई पूरी की। पूरी पूछताछ करने के बाद 14 में से 13 युवकों को स्वजन के हवाले कर दिया गया। एक युवक पर राजौंद थाना में शराब तस्करी का केस दर्ज था और उसे किठाना चौकी पुलिस अपने साथ ले गई थी।

    कागजी प्रक्रिया के बाद नरेश को भी छोड़ दिया गया था। पुलिस लाइन में पूछताछ के दौरान युवकों से पूछा गया कि एजेंट पर कोई कार्रवाई करवानी है या नहीं। हालांकि अभी तक किसी युवक ने एजेंट के विरुद्ध लिखित शिकायत दर्ज नहीं करवाई है। यहां तक कि युवक और उनके स्वजन बातचीत करने से भी बच रहे हैं ताकि उनकी बदनामी ना हो।

    जो युवक डिपोर्ट होकर आए हैं उनके पास सामान का एक-एक बैग ही था। इन युवकों को अमेरिका के कैंपों में रखा गया था। ज्यादातर युवक तो पनामा के जंगलों, निकारो, ग्वाटेमाला से होते हुए अमेरिका पहुंचे थे। दो से तीन युवक ऐसे थे जो पहले छोटे देशों में गए और वहां से डंकी के रास्ते अमेरिका गए थे। युवकों ने डंकी से अमेरिका जाने के लिए 50 से 70 लाख रुपये खर्च किए थे। किसी ने जमीन बेची तो किसी ने लोन पर पैसे लिए थे।

    साढ़े 57 लाख रुपये खर्च किए और जेल में रहने के बाद हुआ डिपोर्ट

    डिपोर्ट होकर कैथल लौटे नरेश कुमार ने बताया कि वे शनिवार को अमेरिका की जेल से डिपोर्ट होकर भारत आए। नौ जनवरी 2024 को दिल्ली से ब्राजील गए थे। उनका संपर्क पानीपत निवासी एजेंट आशीष कुमार और सुनील कुमार से हुआ था। दोनों ने उन्हें डंकी के रास्ते ब्राजील से अमेरिका भेजने के साढ़े 57 लाख रुपये लिए थे।

    उन्होंने गांव की अपनी करीब एक एकड़ जमीन बेच कर 42 लाख रुपये और बकाया पैसे ब्याज पर उठाए थे। मार्च 2025 में दोनों को 42 लाख रुपये दिए थे। जून में डंकी के रास्ते सफर शुरू कर दिया था। पनामा के जंगलों से होते हुए आगे तक गए थे। डोंकर ठीक से खाना भी नहीं देते थे। ग्वाटेमाला पहुंचा तो उससे डोंकर ने छह लाख रुपये ले लिए थे। वहां से मैक्सिको सिटी पहुंचा तो छह लाख रुपये वहां लिए गए।

    वहां से तेजवाना बार्डर पार करके अमेरिका भेजने के नाम पर भी करीब तीन लाख रुपये ले लिए थे। पैसे लेने के बाद भी उन्हें दूसरे बार्डर से अमेरिका भेजा और वहां पहुंचते ही पुलिस ने पकड़ लिया था। डंकी रूट पर मुझे करीब दो महीन का समय लगा था।

    इसके बाद से मैं जेल में ही था। अमेरिका की जेलों और कैंपों में काफी संख्या में भारतीय बंद हैं। अभी बहुत से जहाज भारत आने हैं। मैं तो युवाओं को यही कहूंगा कि कोई भी युवा डंकी के रास्ते से अमेरिका ना जाए।

    इन 14 युवकों को किया गया है अमेरिका से डिपोर्ट

    - गांव तारागढ़ निवासी 42 वर्षीय नरेश कुमार
    - गांव पीडल निवासी 23 वर्षीय कर्ण सिंह
    - अग्रसेन कालोनी कैथल निवासी 37 वर्षीय मुकेश
    - चिरंजीव कालोनी निवासी 21 वर्षीय रितिक
    - गांव जडौला निवासी 45 वर्षीय सुखबीर
    - गांव हाबड़ी निवासी 37 वर्षीय अमित कुमार
    - गांव बुच्ची निवासी 22 वर्षीय अभिषेक
    - गांव बरटा निवासी 23 वर्षीय मोहित कुमार
    - गांव पबनावा निवासी 31 वर्षीय अशोक कुमार
    - गांव सेरधा निवासी 27 वर्षीय आशीष
    - गांव हाबड़ी निवासी 20 वर्षीय दमनप्रीत
    - गांव सिसला निवासी 29 वर्षीय प्रभात चंद
    - ढांड निवासी 37 वर्षीय सतनाम सिंह
    - गांव मुन्ना रेहड़ी निवासी 25 वर्षीय डायमंड

    कैथल के डीएसपी ललित यादव ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में किसी भी युवक ने किसी एजेंट के विरुद्ध कोई शिकायत नहीं दी है। अगर कोई युवक एजेंट के विरुद्ध शिकायत देता है तो कार्रवाई की जाएगी।

    गांव तारागढ़ के युवक के विरुद्ध कैथल में एक्साइज का एक केस दर्ज है। अन्य सभी 13 युवकों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। पूछताछ के बाद सभी युवकों को उनके स्वजन को सौंप दिया गया है।