कैथल में डंकी रूट से अमेरिका भेजने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी, पुलिस ने केस दर्ज कर शुरू की जांच
कैथल में डंकी रूट से अमेरिका भेजने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उन्हें अमेरिका भेजने का वादा किया था और पैसे लेकर फरार हो गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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डंकी रूट से अमेरिका भेजने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, कैथल। एक युवक को डंकी रूट से अमेरिका भेजने और वहां काम दिलवाने के नाम पर 70 लाख रुपये की ठगी की गई है। युवक को कई देशों में बंधक बनाकर भी रखा गया था। उसे छह अक्टूबर को अमेरिका से भारत डिपोर्ट कर दिया गया था। आरोपितों ने मानव तस्करी का कार्य भी किया है। गांव सांगन निवासी अनिल की शिकायत पर एजेंट गांव गोंदर करनाल हाल निवासी कैथल सतनाम सिंह और दिल्ली निवासी सोनू पाहवा के विरुद्ध सिविल लाइन थाना में केस दर्ज किया गया है।
शिकायत में अनिल ने बताया कि आरोपितों ने डंकी के रास्ते अमेरिका भेजकर पक्का करवाने का झांसा देकर 70 लाख रुपये ठगे और मानव तस्करी का कार्य भी किया गया है। नवंबर 2023 में मैं और मेरा दोस्त सुनील ढांड रोड कैथल स्थित एजेंट सतनाम सिंह के कार्यालय में गए थे। अमेरिका भेजने को लेकर 50 लाख रुपये में बात हुई थी। पांच लाख रुपये और पासपोर्ट सहित सभी कागजात एजेंट को दे दिए थे। मुझे जर्मनी से अमेरिका 40 दिनों में भेजने की बात कही गई।
जनवरी 2024 में मेरा उज्बेकिस्तान का टूरिस्ट वीजा लग गया। 21 जनवरी को मैं दिल्ली से ताशकंद पहुंच गया। वहां करीब एक माह रुकने के बाद मुझे 17 फरवरी को वापस दिल्ली भेज दिया। मुझे दिल्ली के एक होटल में 23 दिनों तक रोक कर रखा गया। 13 मार्च को मुझे दिल्ली से हैदराबाद और वहां से दुबई भेज दिया गया। मुझे दुबई में 80 दिनों तक अवैध हिरासत में रखा गया। दो जून को मुझे कजाकिस्तान भेज दिया।
300 लोगों में से पांच को ही जंगल में रोका
अनिल ने बताया तीन जून को मुझे और मेरे साथ 300 लड़कों को पूरी फ्लाइट बुक करके लिबिया से होते हुए निकारगोवा ले गए। निकारगोवा में आठ दिनों तक रखा गया। वहां से टैक्सी से सभी को होंड्रस देश ले गए और वहां से जंगलों के रास्ते आगे रवाना कर दिया।
जंगलों में मुझे और पांच अन्य लड़कों को रोक लिया गया। हमें कहा गया कि पहले पूरे पैसे दो उसके बाद ही आगे जा पाओगे। डर के मारे मेरे परिवार के लोगों ने एजेंटों के पास जाकर बकाया 45 लाख रुपये दे दिए थे। इसके बाद भी डोंकरों ने हम सभी युवकों को ग्वाटेमाला बार्डर से कैलवन के बीच एक महीना अवैध तरीके से बंधक बनाकर रखा। हमें वहां यातनाएं दी गई और मारपीट की गई।
कैलवन में हमें मैक्सिको सिटी ले गए और वहां भी 22 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया। अगस्त 2024 में हम सभी युवकों को मैक्सिको पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन डोंकरों ने उन्हें छुड़वा दिया था। 14 अगस्त को उन्हें टैक्सी से तिजवाना शहर भेज दिया। 26 अगस्त को डोंकरों ने दीवार से उन्हें अमेरिका बार्डर की तरफ फेंक दिया।
वहां मुझे अमेरिका पुलिस ने पकड़ लिया और कैंप में रहना पड़ा। इस दौरान कैंप से निकलने के लिए मेरे करीब 20 लाख रुपये खर्च हो गए थे। मुझे छह अक्टूबर 2025 को अमेरिका से दिल्ली डिपोर्ट कर दिया गया था। सिविल लाइन थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच एएसआई तेग सिंह को सौंप दी है।

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