'अपना सपना तो पूरा करग्या, म्हारा अधूरा छोड़ग्या', कुलगाम में बलिदानी हुए नरेन्द्र कैथल में हुआ अंतिम संस्कार
कैथल के रोहेड़ा गांव के लांस नायक नरेंद्र सिंधू का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके गांव पहुंचा। हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। नरेन्द्र बचपन से ही सेना में भर्ती होना चाहता था क्योंकि उसके दादा और चाचा भी सेना में थे। शादी से पहले नए घर का काम पूरा करने की बात करता था लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।

रोहतास शर्मा, कैथल। नरेन्द्र बालकपन से ही कहता था, सेना में भर्ती होऊंगा। भर्ती के लिए छोटी उम्र में ही दौड़ लगानी शुरू कर दी थी। उसके दादा सेना में थे। चाचा और मामा भी सेना में हैं। इन सबसे प्रेरणा पाकर फौज में गया। अपणा सपना तो पूरा करग्या, पर म्हारा अधूरा छोड़ग्या। यह शब्द बलिदानी नरेन्द्र मां रोशनी के हैं। आंसू पोंछते हुए रोशनी ने कहा कि बेटा बस एक ही बात कहता था नए घर का काम पूरा होने पर ही ब्याह करवाऊंगा।
नए घर को बड़े चाव से तैयार करवाया। होनी को कुछ और ही मंजूर था जो इस घर में नहीं रह पाया। घर में कुछ महीनों बाद शहनाई बजनी थी, वहां बेटे का पार्थिव शरीर आया। नरेंद्र की शादी के सारे चाव अधूरे रह गए। मां-बाप के लिए इससे बड़ा कोई दुख नहीं हो सकता। बहन पूनम ने कहा कि भाई के बिना सब सूना हो गया। मैंने मजाक में भाई से रक्षाबंधन पर सोने की चेन मांगी, भाई ने हंसते हुए बोला था कि शादी में सारी कसर पूरी कर दूंगा।
हमें क्या पता था कि भाई का बलिदान हो जाएगा। गांव रोहेड़ा के लांस नायक बलिदानी नरेन्द्र सिंधू का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह 10 बजे गांव पहुंचा। इस दौरान गांव के साथ क्षेत्र के हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि दी। युवा तितरम मोड़ से भारत माता के जयकारे लगाते हुए नरेंद्र के पार्थिव शरीर को गांव लेकर पहुंचे। करीब तीन किलोमीटर लंबा काफिला साथ चला। राजकीय सम्मान के साथ गांव रोहेड़ा में पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया।
बलिदानी नरेंद्र सिंह सिंधू के चचेरे भाई रोहताश व विक्रम ने उन्हें मुखाग्नि दी। छोटा भाई विरेंद्र सिंधू अमेरिका में है, उसने वीडियो कॉल से बलिदानी भाई के अंतिम दर्शन किए। अब वह जल्द ही अमेरिका से वापस भारत अपने गांव लौटेगा। पिता बोले- बेटा बहादूर था, सीने पर गोली खाकर दिया बलिदान पिता दलबीर सिंधू ने फफकते हुए कहा कि मेरा बेटा बहादूर था। सीने में गोली खाकर बलिदान हुआ है।
सेना के अफसर एसए सिंघा ने कहा कि नरेंद्र सिंधू एक सूरवीर सैनिक था, कभी घबराया नहीं। कोई भी ऑपरेशन हो उसके लिए तैयार रहता था। सेना हमेशा परिवार के साथ है। बेटा नौ वर्ष पहले सेना में भर्ती हुआ था। इस समय राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात था। चार साल पहले पोस्टिंग श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में हुई थी।
परिवार को मिलेगा एक करोड़ और नौकरी
एसडीएम अजय सिंह ने बताया कि बलिदानी नरेंद्र सिंधू के परिवार को प्रदेश सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये, एक स्वजन को नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा सरकारी स्कूल का नाम बलिदानी नरेंद्र सिंधू के नाम से रखा जाएगा। जल्द ही कागजी कार्रवाई पूरी कर परिवार को सभी लाभ दे दिए जाएंगे।
सरकार की तरफ से जो सहायता मिलती है, सभी जल्द दे दी जाएगी। पूरा जिला प्रशासन बलिदानी के परिवार के साथ है, फिलहाल परिवार को जो भी जरूरत है। उसे जल्द दे दिया जाएगा।
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