नूंह में साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश, नागपुर से फर्जी सिम लाने वाले सात आरोपी गिरफ्तार
नूंह पुलिस ने साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी नागपुर से फर्जी सिम कार्ड और डेबिट कार्ड लाकर साइबर अपराधियों को बेचते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से 14 फर्जी सिम डेबिट कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, नूंह। महाराष्ट्र के नागपुर से फर्जी सिम कार्ड, डेबिट कार्ड लाकर नूंह के साइबर ठगों को बेचने के आरोप में पुलिस ने दो अलग-अलग स्थानों पर छापे की कार्रवाई करके सात साइबर ठगों को पकड़ा है। आरोपितों के कब्जे से 14 फर्जी सिम, डेबिट कार्ड , बैंक किट व मोबाइल बरामद किए हैं।
आरोपितों के विरुद्ध साइबर थाने में केस दर्ज कर लिया है। आरोपितों को पुलिस ने अदालत में पेश किया जहां से चार आरोपितों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। जबकि तीन आरोपित एजाज, साहिल व अजमुल को दो दिन की पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इन मामलों में राजस्थान और हरियाणा के कई युवकों का नाम भी सामने आया है, जिसकी जांच पुलिस गहराई से कर रही है।
साइबर थाना पुलिस को सूचना मिली कि साहिद और शहजाद निवासी ललवाडी थाना दत्तवास जिला टोंक राजस्थान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के पास जयसिंहपुर फ्लाईओवर के नीचे फर्जी सक्रिय डेबिट कार्ड साइबर अपराधियों को बेचने की फिराक में बैठे हैं। पुलिस ने छापे की कार्रवाई कर दोनों को दबोचा लिया।
तलाशी के दौरान साहिद से सक्रिय डेबिट कार्ड और एक मोबाइल फोन तथा शहजाद से भी डेबिट कार्ड बरामद हुए। वहीं दूसरे मामले में आरोपित आफताब,एजाज,अखलाक अजमुल समेत कुल पांच को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से भी डेबिट कार्ड, सिम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किए गए। कुल 14 एटीएम कार्ड मिले हैं।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ये आरोपित नागपुर महाराष्ट्र से बैंक किटें,डेबिट कार्ड व सिम लाकर नूंह के साइबर अपराधियों को बेचते थे। इन खातों का इस्तेमाल आनलाइन ठगी के पैसों को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था।
गिरफ्तार आरोपितों से दर्जनों डेबिट कार्ड बरामद हुए जिनमें एसबीआई, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, आईडीबीआई, केनरा, यस बैंक, एचडीएफसी, पीएनबी, फेडरल बैंक और कोटक महिंद्रा जैसे विभिन्न बैंकों के कार्ड शामिल हैं। इन कार्डों से जुड़े सिम भी बरामद हुए, जिनका प्रयोग साइबर अपराधी आसानी से ठगी की रकम को ट्रांसफर करने में करते थे।
गहन पूछताछ के दौरान आरोपितों ने स्वीकार किया कि वे फर्जी बैंक खाते और कार्ड स्थानीय लोगों से खरीदते थे और महाराष्ट्र से भी लाते थे। इसके अलावा आठ और साइबर अपराधियों के नाम जांच में सामने आए है। जो फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। पुलिस का कहना है कि रिमांड पर लिया गए तीनों आरोपितों के मोबाइल का खंगालकर अन्य जानकारी हासिल की जाएगी।
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