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    तिजारा-नगीना मार्ग के बीच अरावली पहाड़ी का होगा भौगोलिक सर्व, रुके कार्य को फिर से धार देने की कवायद

    Updated: Mon, 28 Jul 2025 12:51 PM (IST)

    मेवात में तिजारा-नगीना मार्ग का निर्माण कार्य सात वर्षों से अटका हुआ है। सरकार ने फिर से भौगोलिक जांच की स्वीकृति दी है जिससे मार्ग के जल्द पूरा होने की उम्मीद है। 2019 में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य हरियाणा और राजस्थान के बीच दूरी को कम करना है। अरावली में बनने वाली इस सड़क से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

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    तिजारा- नगीना मार्ग की योजना का फिर से धार देने की कवायद शुरू की गई।

    मोहम्मद हारून, नूंह। 2019 से हरियाणा से राजस्थान की दूरी कम करने के लिए तिजारा- नगीना मार्ग की योजना का फिर से धार देने की कवायद शुरू की गई है। तिजारा से नगीना को जोड़ने के लिए अरावली में बनाई जाने वाली सड़क का दोबारा भौगोलिक सर्वे होगा।

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    हरियाणा सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है। लोक निर्माण विभाग कंसल्टेंट से इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करवाएगा। जिसका चयन करने के लिए टेंडर लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। उसके बाद मार्ग के निर्माण को लेकर फिर से कवायद शुरू होगी।

    यह मार्ग सात वर्ष से लटका हुआ है। जिस कारण तिजारा के धार्मिक जैन मंदिर के लिए श्रद्धालुओं को 45 किमी के फेरे से होकर फिरोजपुर झिरका मार्ग के माध्यम से जाना पड़ रहा है।

    तिजारा से नगीना को जोड़ने की क्या थी योजना?

    नूंह जिले के नगीना से राजस्थान के तिजारा को जोड़ने के लिए अरावली को काटकर सड़क बनाने की योजना वर्ष 2019 में तैयार की थी। करीब दस करोड़ रुपये की लागत से सड़क निर्माण का काम शुरू भी हुआ, लेकिन कोरोना महामारी के कारण काम रुक गया।

    महामारी के बाद जब निर्माण कार्य फिर शुरू हुआ तो निर्माण कंपनी ने अरावली की चट्टानों की गुणवत्ता को कमजोर बताते हुए बजट बढ़ाने की मांग की। सरकार ने अतिरिक्त बजट देने से इनकार कर दिया। जिसके सरकार और कंपनी के बीच अनुबंध खत्म हो गया।

    कंपनी ने अदालत का रुख भी किया था। हालांकि लोनिवि ने 21 बार मार्ग के लिए टेंडर काल किए, लेकिन किसी एजेंसी ने इस मार्ग को बनाने में रुचि नहीं दिखाई।

    अब सरकार ने इस परियोजना को दोबारा शुरू करने का फैसला किया है और नए भौगोलिक सर्वे की अनुमति दे दी है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर फिर से टेंडर जारी किया जाएगा।

    अरावली के पहाड़ को काटकर बनेगी सड़क

    लोक निर्माण विभाग की योजना के अनुसार, नूंह-तिजारा सड़क के निर्माण के लिए अरावली पर्वत श्रृंखला का लगभग चार किलोमीटर हिस्सा काटा जाएगा। यह हिस्सा हरियाणा के नोटकी गांव से लेकर राजस्थान के तिजारा तक फैला होगा।

    सड़क की चौड़ाई लगभग सात मीटर होगी। अभी तिजारा जाने के लिए फिरोजपुर झिरका होकर लगभग 45 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है, लेकिन नई सड़क बनने के बाद यह दूरी लगभग 15 किलोमीटर रह जाएगी।

    क्षेत्र की सबीला जंग, मुबारिक के अनुसार तिजारा में जैन समाज का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और यह सड़क वहां पहुंचने को बेहद आसान बना देगी। नूंह और तिजारा के बीच धार्मिक, सामाजिक और व्यापारिक जुड़ाव को यह सड़क मजबूती देगी।

    धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा

    परियोजना के पूरे होने से सिर्फ यातायात सुविधा ही नहीं बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोगों को आपस में जोड़ने का एक मजबूत जरिया बनेगी। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और तीनों राज्यों के बीच कारोबार बढ़ेगा।

    विदित रहे कि नूंह के गांव कोटला में ऐतिहासिक मस्जिद, नूंह के नल्हड़ मंदिर, तिजारा का जैन मंदिर है। इस सड़क के बनने के बाद राजस्थान के लोगों के लिए उत्तर प्रदेश के ननद गांव, बरसाना जाना भी आसान हो जाएगा।

    तिजारा -नगीना मार्ग को लेकर दोबारा सर्वे करके जो उचित कार्रवाई होगी, उसे कराया जाएगा। ताकि लंबे समय से अटके इस मार्ग को दिशा दी जा सके। मार्ग के बनने से लोगों को राजस्थान के तिजारा जाने के लिए फेर से छुटकारा मिलेगा। इसमें जो भी आवश्यक होगा उसे पूरा किया जाएगा।

    - विश्राम कुमार मीणा, उपायुक्त नूंह

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