प्याज के गिरते हुए दाम से किसान हुए निराश, मुनाफा तो दूर लागत की भरपाई भी नहीं निकाल पा रहे
प्याज की कीमतों में गिरावट से किसान परेशान हैं। उन्हें लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है, जिससे भारी नुकसान हो रहा है। बाजार में प्याज की अधिक आवक के कारण कीमतें गिरी हैं। किसान सरकार से प्याज के दामों को स्थिर करने के लिए हस्तक्षेप करने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि उन्हें कुछ राहत मिल सके।
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प्रतीकात्मक तस्वीर।
मोहम्मद मुस्तफा, नूंह। जिले में प्याज की खेती करने वाले किसानों को गिरते हुए दामों ने रुलाया है। जिस उम्मीद के साथ किसानों ने प्याज की खेती की थी, गिरते हुए दामों ने उन तमाम उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। किसानों का कहना है कि प्याज की खेती में उनके द्वारा लगाई गई लागत की भरपाई भी नहीं हो पा रही है।
पिछले वर्ष जहां किसानों को प्याज का 30 रुपये तक का भाव मिला था, इस बार पांच रुपये किलो के भाव में किसानों की प्याज खरीदी जा रही हैं। इतना अंतर देखकर किसान चिंता सता रही है कि उनके द्वारा लागत की भरपाई कैसे होगी।
हालांकि, सरकार ने प्याज की खेती के लिए भावंतर भरपाई की योजना भी लागू की हुई है, लेकिन उससे भी किसानों की भरपाई नहीं हो पा रही है। बागवानी विभाग के मुताबिक इस बार प्याज की देश में बंपर पैदावार हुई है। जिसके के कारण दामों में गिरावट आई है। विभाग के मुताबिक जिले में इस बार 7400 हेक्टेयर में किसानों ने प्याज की खेती की है।
किसान हसन मोहम्मद, हारून, साजिद हुसैन, असर खां, फजरू, अब्दुल्ला ने बताया कि प्रत्येक वर्ष किसान इस उम्मीद के साथ प्याज की खेती करते हैं कि उन्हें अच्छा भाव मिलेगा। लेकिन जब अचानक प्याज के दामों में गिरावट आई तो किसानों के तमाम अरमानों पर पानी फिर गया।
किसानों का कहना है कि एक एकड़ में किसान का प्याज की खेती करने में एक लाख रुपये से भी अधिक खर्चा आता है। अगर किसान की जमीन खुद की नहीं है वह किराये पर लेकर प्याज की खेती करता है तो उसका खर्च डेढ़ लाख रुपये तक पहुंच जाता है। ऐसे में किसानों को अच्छा भाव नहीं मिलने के कारण किसानों को इस बार मुनाफा तो दूर अपनी लागत को वसूल करना ही टेढ़ी खीर है।
किसानों की लागत
- एक एकड़ में 30 हजार रुपये का बीज
- दस हजार रुपये की लगाने की मजदूरी
- आठ से दस हजार खेत की जुताई
- 20 हजार रुपये का खाद, दवाई और स्प्रे
- एक एकड़ का किराया 40 से 50 हजार रुपये
- मंडी तक पहुंचाने के लिए 100 रुपये बैग का किराया
- 60 रुपये बैग के हिसाब से प्याजों की कटाई
- 20 रुपये के हिसाब से खाली बैग, एक एकड़ में 100-125 बैग की जरूरत
- तीन हजार के हिसाब से प्रति सिंचाई
"एक तो प्याज की फसल में इस बार फंगस और जड़ गलने के रोग ने किसानों को रुलाया है रही सही कसर गिरते हुए दामों ने पूरी कर दी। किसानों की लागत की भी भरपाई नहीं हो पा रही है। प्रति एकड़ किसान का डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता है।"
-हारून, किसान
"पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार प्याज की कीमत मिट्टी के बराबर हो गई हैं। किसानों के लिए लागत की भरपाई करना ही चुनौती बना हुआ है। पांच रुपये प्रति किलो के हिसाब से प्याज की खरीद की जा रही है।"
-अब्दुल्ला, किसान
"इस बार पूरे देश में प्याज की बंपर पैदावार हुई है। इस वजह से भाव में गिरावट आई है। लेकिन सरकार ने किसानों के लिए भावंतर भरपाई की योजना शुरू की हुई है। जिसका फायदा उन्हीं किसानों को मिलेगा। जो प्याज की फसल को मेरी फसल, मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण कराते हैं।"
-रजाक अहमद, जिला बागवानी अधिकारी, नूंह
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