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    पेपरलेस रजिस्ट्री पर लोगों को नहीं हो रहा भरोसा, हर मालिक को अलग-अलग टोकन कटवाने की अलग है एक मजबूरी

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 01:14 AM (IST)

    पेपरलेस रजिस्ट्री शुरू होने के बाद भी लोगों का विश्वास इस पर नहीं बन पाया है। हर मालिक को अलग-अलग टोकन कटवाने की अनिवार्यता के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। इस वजह से लोग पुरानी प्रक्रिया को ही बेहतर मान रहे हैं। सरकार को चाहिए कि इस समस्या का समाधान निकाले, जिससे पेपरलेस रजिस्ट्री सुगम हो सके।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर।

    संवाद सहयोगी, तावड़ू। जब से सरकार ने पेपरलेस रजिस्ट्री चालू की हैं,लोगों ने इस पर अभी से सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि पहले प्रत्येक कार्य दिवस में 18 से 20 रजिस्ट्री होती थी। जब से पेपरलेस रजिस्ट्री चालू की गई हैं तभी से लोगों के सामने नई-नई समस्याएं आ रही हैं। मंगलवार को जहां सात पेपरलेस पंजीकरण हुए वहीं बृहस्पतिवार को मात्र दो भूमि पंजीकरण ही हो पाए।

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    लोगों का कहना है कि पहले विक्रेता जब अपनी भूमि को भेजते थे तो एक भूमि के चाहे छह मालिक हों उनका एक ही टोकन कटता था और एक साथ रजिस्ट्री करा लेते थे जब से नई पेपरलेस रजिस्ट्री चालू की गई है उसके बाद से कई तरह की समस्याएं सामने आ रही है।

    तहसील कार्यालय में बैठे एक डीड राइटर ने बताया कि यदि किसी की कोई भूमि है और उसके अलग-अलग खेवट हैं और नाम में भी अगर कोई बिंदु का फर्क है तो उसमें भी समस्या आ रही है। उसके लिए भी एक ही मालिक को अलग-अलग टोकन कटाने पड़ रहे हैं।

    इसके अलावा जो पेपरलेस रजिस्ट्री की जा चुकी है उनका इंतकाल दर्ज कराने में भी लोगों को दिक्कतें आ रही है। यदि एक एकड़ या डेढ़ एकड़ भूमि के चार अलग-अलग मालिक हैं तो उनके अलग-अलग नाम के टोकन काटने पड़ रहे हैं।

    टोकन के लिए भी 503 रुपये फीस निर्धारित की गई है,जबकि इससे पहले टोकन का कोई शु:ल्क नहीं होता था। यदि चार टैकन कटेंगे तो उस हिसाब से दो हजार से अधिक रुपये इसके लिए देने पड़ेंगे।

    "बीते दो कार्य दिवस में नौ पेपरलेस भूमि पंजीकरण सफलतापूर्वक कर दिए गए हैं। आमजन के लिए भी सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 1800-180-2137 जारी किया है कोई भी समस्या आने पर उस पर संपर्क कर सकते हैं। नई प्रणाली से लोगों का पैसा और समय दोनों की बचत।"

    -रीता ग्रोवर, तहसीलदार तावड़ू

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