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    हरियाणा में बनेगा देश का 13वां केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, शिक्षा एवं अनुसंधान का नया केंद्र होगा

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 05:32 PM (IST)

    पलवल के बघौला गांव में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बनेगा। हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ ने इसके लिए 12 एकड़ जमीन दान की है। यह विश्वविद्यालय नई दिल्ली परिसर का 13वां केंद्र होगा, जिससे संस्कृत के विद्यार्थियों को नए अवसर मिलेंगे। विश्वविद्यालय बनाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और नए शैक्षणिक कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। कुलपति ने भूमि दान करने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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    हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ बघौला ने दान की 12 एकड़ जमीन।

    जागरण संवाददाता, पलवल। गांव बघौला स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय (सीएसयू) नई दिल्ली को संस्कृत भाषा के संवर्धन व संरक्षण के लिए 12 एकड़ भूमि दान में मिली है। यह भूमि विद्या प्रचारिणी सभा,पलवल एवं हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ,आदर्श संस्कृत महाविद्यालय बघौला ने भेंट की है।

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    यह योगदान न केवल विश्वविद्यालय के लिए, बल्कि राष्ट्र की शैक्षिक एवं सांस्कृतिक उन्नति का आधार बनेगा। उन्होंने कहा कि सीएसयू इस भूमि पर शिक्षा एवं अनुसंधान के नए केंद्र विकसित करेगा, जो हरियाणा सहित देशभर के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए नए अवसरों का मार्ग खोलेंगे। भूमि दान से जुड़े दस्तावेज हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ के सचिव दिनेश तायल व प्रधानाचार्य डाॅ. पशुपतिनाथ मिश्रा द्वारा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय को सौंपे गए।

    डाॅ. पशुपतिनाथ मिश्रा ने बताया कि विश्वविद्यालय बनने के बाद हरियाणा व आसपास के राज्यों के युवाओं मे संस्कृत भाषा के प्रति रुचि बढ़ेगी और वह पीएचडी आदि उपाधि लेकर अपना करियर संवारेंगे। इससे संस्कृत के क्षेत्र में शोध और विकास भी आसान होगा।

    उन्होंने बताया कि संस्कृत की पढ़ाई आसान हो, इसको लेकर मौजूदा समय में देश में करीब 12 संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के परिसर हैं। गांव बघौला मे यह 13 वां विश्वविद्यालय होगा। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय की शाखा का विस्तार करने के लिए विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रो.आरजी मुरली कृष्ण अन्य अधिकारियों ने हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ परिसर का दौरा किया।

    इस मौके पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से कुलपति की टीम में शामिल आदर्श योजना प्रभारी प्रो. कुलदीप शर्मा, शैक्षिक परामर्श दाता मंगेश इंदापवार, विद्या प्रचारिणी सभा बघौला के सचिव दिनेश तायल, लीगल ऑफिसर आशीष पाठक, एडवोकेट लक्ष्य तायल, बघोला सरपंच तुलाराम वशिष्ठ एवं विद्यापीठ के सभी सदस्य तथा छात्र मौजूद रहे।

    कुलसचिव प्रो.आरजी मुरली कृष्ण ने कहा शीघ्र ही विश्वविद्यालय बनाने की कार्यप्रणाली शुरू कर दी जाएगी। दिल्ली मुख्यालय के विस्तार परिसर के रूप में इसका पूर्ण रूप से विकास किया जाएगा। सरकार से इसकी अनुमति लेकर जल्द डीपीआर तैयार कराकर नए भवन बनाने व शैक्षणिक कोर्स शुरू करने पर काम किया जाएगा। एकेडमिक काउंसिल से अनुमति लेकर यहां नए शैक्षणिक कोर्स शुरू किए जाएंगे।

    विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. आरजी मुरली कृष्ण ने बताया कि हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए वर्ष 1998 से प्रयास चल रहा है। किन्हीं कारणों से यह नहीं हो सका था। कुछ समय पहले गांव के सरपंच सहित कुछ मौजिज लोग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेडी से मिले।

    जहां इस विद्यापीठ को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव रखते हुए जमीन दान देने की बात कही। कुलपति ने सहर्ष इसे स्वीकार किया। बीते बुधवार को जमीन दान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई।

    इस मौके पर फोन पर अपने संदेश में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने उदारतापूर्वक भूमि दान करने वाली संस्थाओं विद्या प्रचारिणी सभा एवं हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ,आदर्श संस्कृत महाविद्यालय बघोला,के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा संस्कृत, भारतीय ज्ञान परंपरा और शिक्षा के विस्तार के लिए भूमि दान से बढ़कर कोई परोपकार नही है।

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