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    जिला नागरिक अस्पताल की लापरवाही से सड़क पर ही हुई डिलीवरी, बच्चे की मौत से परिजनों में आक्रोश

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 07:29 PM (IST)

    जिला नागरिक अस्पताल की लापरवाही के चलते एक महिला को सड़क पर बच्चे को जन्म देना पड़ा, जिससे नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है और कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय लोगों में आक्रोश है और उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग की है। अस्पताल प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है।

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, पलवल। शहर के सोहना रोड स्थित जिला नागरिक अस्पताल की लापरवाही से गर्भवती महिला की सड़क पर ही डिलीवरी होने और बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। इस पर स्वजन ने जमकर हंगामा किया। महिला के स्वजनों ने दोषी डाक्टर व अन्य स्टाफ के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

    मामले में शहर के सल्लागढ़ काॅलोनी की रहने वाली महिला रेखा के पति कृष्ण का कहना है कि रविवार की दोपहर करीब 12 बजे उनकी गर्भवती पत्नी को जिला नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें जच्चा-बच्चा वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। वहां मौजूद डाक्टर नीरज ने गर्भवती महिला की जांच करते हुए उनके स्वजनों को बताया कि बच्चे की धड़कन सुनाई नहीं दे रही है। शायद बच्चा जीवित नहीं है। इसके लिए अल्ट्रासाउंड कराना पड़ेगा।

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    डाॅक्टर के अनुसार, रविवार होने के कारण अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा बंद होती है, जिसके चलते रेखा को बाहर अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए भेज दिया गया। मगर जैसे ही रेखा अस्पताल के मुख्य द्वार तक पहुंची, उसे अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और वह सड़क किनारे ही बैठ गई। देखते ही देखते बच्चे का सिर बच्चेदानी से बाहर आ गया और बच्चा फंस गया।

    आस-पास मौजूद महिलाओं ने तुरंत मदद की और सड़क पर ही रेखा की डिलीवरी करवाई। डिलीवरी के बाद बच्चे की धड़कनें नहीं चल रही थीं। आनन-फानन में बच्चे को एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मौके पर पुलिस को बुलाया गया और बच्चे के शव को जिला नागरिक अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए रखा गया।

    अस्पताल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप

    इस मामले में गर्भवती महिला की सास ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सास रेखा ने बताया कि उनकी पुत्र वधु रविवार 12 बजे से ही जच्चा-बच्चा वार्ड में दाखिल थी। लेकिन स्टाफ का व्यवहार बहुत ही खराब था। उन्होंने स्टाफ से कहा कि रेखा को काफी दर्द है, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। उनकी पुत्रवधू की डिलीवरी होने ही वाली थी, इसके बावजूद उन्हें जबरदस्ती अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा गया। इसके लिए प्रशासन द्वारा किसी एंबुलेंस का भी इंतजाम नहीं किया गया।

    इस बारे में जिला नागरिक अस्पताल के एसएमओ डाॅ. सुरेश बुरोलिया का कहना है कि इस बारे में संबंधित डाॅक्टर से रिपोर्ट मांगी गई है। इस विषय में जल्द ही जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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