पलवल में निजी एंबुलेंस के खिलाफ एक्शन शुरू, दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद काटा चालान
पलवल के जिला नागरिक अस्पताल में निजी एंबुलेंस के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। अस्पताल प्रबंधन ने एक एंबुलेंस का चालान कटवाया। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद अस्पताल प्रशासन ने यह कदम उठाया। निजी एंबुलेंस संचालक अस्पताल परिसर में अवैध रूप से कब्जा जमाकर मरीजों से मनमाना किराया वसूल रहे थे। अस्पताल प्रशासन ने मिलीभगत करने वाले स्टाफ पर भी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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जागरण संवाददाता, पलवल। पलवल में जिला नागरिक अस्पताल परिसर के साथ बाहर खड़ी होने वाली निजी एंबुलेंस के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। सोमवार को परिसर में खड़ी मिली निजी एंबुलेंस का अस्पताल प्रबंधन की ओर से यातायात पुलिस को बुलवाकर चालान काटा गया।
बता दें कि बीते 31 अक्टूबर को दैनिक जागरण ने सरकारी अस्पताल के मुख्य गेट के बाहर निजी एंबुलेंस संचालकों का कब्जा नामक शीर्षक से समाचार को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस समाचार पर संज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रबंधन ने शहर थाना प्रभारी से ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की मांग की थी।
एसएमओ डॉ. सुरेश बुरोलिया ने बताया कि इन निजी एंबुलेंस चालकों पर निगाह रखने के लिए पुलिस और सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया था। जैसे ही सोमवार को निजी एंबुलेंस परिसर में खड़ी हुईं, वैसे ही यातायात पुलिस को बुलाकर उसका चालान काटने की कार्रवाई की गई। दोबारा वाहन खड़ा मिलने पर उसे सीज कराने की चेतावनी दी गई है। चालान कटने का समाचार अन्य संचालकों को लगा तो वे आनन-फानन में एंबुलेंस को बाहर की लेकर भाग गए।
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बता दें कि जिला अस्पताल के अंदर से लेकर बाहर तक निजी एंबुलेंस संचालकों का खेल चल रहा है। न केवल उन्होंने जिला अस्पताल के परिसर के बाहर मेन गेट पर तख्त बिछाकर कब्जा जमा रखा है, बल्कि यहीं से वह अपने दलालों के माध्यम से मरीजों को मनमाने किराये पर वाहन उपलब्ध करा रहे हैं।
नियमानुसार जिला अस्पताल के परिसर में केवल सरकारी एंबुलेंस ही खड़ी रह सकती हैं। निजी एंबुलेंस को अस्पताल परिसर के अंदर अपने वाहन खड़े करने और मरीजों को ढूंढने की इजाजत नहीं है, लेकिन काफी समय से यहां निजी एंबुलेंस वाले सक्रिय हैं जो जिला अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से अपना धंधा चमका रहे हैं।
इन एंबुलेंसों के दलाल दिन भर मरीजों से संपर्क कर उन्हें इलाज के लिए गुमराह कर निजी अस्पताल की ओर ले जाते हैं। इसके लिए उन्हें फरीदाबाद के नामी अस्पतालों में मोटा कमीशन भी मिलता है। पलवल के निजी अस्पताल से भी साठगांठ कर खेल चल रहा है। अस्पताल प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है। यहां खड़ी हो रही प्राइवेट एंबुलेंस को हटाने के लिए कोई खास प्रयास नहीं किए गए।
एसएमओ डॉ. सुरेश बुरोलिया ने बताया कि अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस को किसी भी हाल में खड़ा नहीं होने दिया जाएगा। यदि किसी स्टाफ की इसमें मिलीभगत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।

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