किसानों के धरने के बाद हारी सरकार! पलवल शुगर मिल का पेराई सीजन शुरू
केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर पलवल की कोऑपरेटिव शुगर मिल में 2025-26 पेराई सीजन का उद्घाटन करेंगे। हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा भी मौजूद रहेंगे। मिल शुरू होने में देरी के कारण किसानों ने धरना दिया था, जिसे डिप्टी कमिश्नर के आश्वासन के बाद समाप्त कर दिया गया। किसानों से साफ गन्ना देने की अपील की गई है।

पलवल शुगर मिल आखिरकार चालू। जागरण
जागरण संवाददाता, पलवल। केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर आज सुबह 11 बजे मुख्य अतिथि के तौर पर पलवल की कोऑपरेटिव शुगर मिल में 2025-26 पेराई सीजन का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर हरियाणा सरकार के सहकारिता और पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा और खेल, युवा सशक्तिकरण और उद्यमिता, और कानून एवं विधायी मामलों के राज्य मंत्री गौरव गौतम भी मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता शुगर मिल के चलने में हो रही देरी को लेकर धरना दे रहे थे। हालांकि, डिप्टी कमिश्नर से 20 नवंबर तक मिल चालू होने का आश्वासन मिलने के बाद किसान नेताओं ने 16 नवंबर को धरना खत्म कर दिया था। हालांकि, इस आश्वासन के बावजूद 20 नवंबर को मिल नहीं चली।
इसके बाद 24 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के नेता फिर से डिप्टी कमिश्नर हरीश वशिष्ठ से उनके ऑफिस में मिले और मिल के ठीक से काम न करने पर गहरी नाराज़गी जताई। किसानों की मौजूदगी में डिप्टी कमिश्नर ने तुरंत कोऑपरेशन मिनिस्टर अरविंद शर्मा से फोन पर बात की, जिसके बाद मिनिस्टर ने डिप्टी कमिश्नर को भरोसा दिलाया कि मिल 28 नवंबर तक चालू हो जाएगी।
शुगर मिल पलवल के मैनेजिंग डायरेक्टर द्विजा ने बताया कि सभी बाहरी गन्ना खरीद सेंटर बना दिए गए हैं। मिल के खरीद सेंटर पर ट्रांसपोर्टर समय पर अपने ट्रांसपोर्टेशन और लेबर का इंतज़ाम कर लें, ताकि मिल और किसानों को किसी भी सेंटर पर गन्ना लोड और अनलोड करने में कोई दिक्कत न हो।
इस साल मिल एरिया में कुल 18,006 एकड़ गन्ना है। मिल एरिया में गन्ना किसानों ने 33.52 लाख क्विंटल गन्ना बोया है, और शुगर मिल पलवल को लगभग 28 लाख क्विंटल गन्ना मिलने की उम्मीद है। सबसे पहले जल्दी पकने वाली किस्मों का गन्ना खरीदा जाएगा, उसके बाद मीडियम पकने वाली और देर से पकने वाली किस्मों का।
सभी गन्ना किसानों से अपील की गई है कि वे समय पर अपने लेबर का इंतज़ाम करें और मिल के फ़ायदे के लिए सिर्फ़ साफ़ गन्ना ही दें। गन्ने से जुड़ी किसी भी समस्या के लिए किसान अपने-अपने इलाके के गन्ना स्टाफ़/अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।

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