'हरियाणा में पीएचडी रिसर्च स्कॉलर द्वारा बच्चों को पढ़ाने का निर्णय बचकाना', इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला ने उठाए सवाल
इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने प्रोफेसरों की कमी से जूझ रहे कॉलेजों में पीएचडी, रिसर्च स्कॉलर द्वारा पढ़ाने के निर्णय को बचकाना बताया। उ ...और पढ़ें

अभय चौटाला ने पीएचडी रिसर्च स्कॉलर द्वारा पढ़ाने के निर्णय को बताया बचकाना।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने प्रोफेसरों की कमी से जूझ रहे कॉलेजों में पीएचडी, रिसर्च स्कॉलर द्वारा बच्चों को पढ़ाए जाने के सरकार के निर्णय को बेहद बचकाना निर्णय बताया है।
अभय चौटाला ने कहा कि कॉलेज की पढ़ाई बच्चों का भविष्य तय करती है और वही बच्चे अब नियमित प्रोफेसर द्वारा पढ़ाए जाने से वंचित हैं। प्रदेश के लगभग सभी कॉलेजों में प्रोफेसरों की भारी कमी है, जिस कारण बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें पढ़ाने वाला कोई नहीं है।
इनेलो प्रमुख ने कहा कि इसका दोषी कोई और नहीं बल्कि बीजेपी सरकार एवं हरियाणा लोक सेवा आयोग है। यही पीएचडी, रिसर्च स्कॉलरजब नियमित असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए पेपर देते हैं तो हरियाणा लोक सेवा आयोग द्वारा उन्हें फेल कर दिया जाता है, जिनको एचपीएससी ने फेल कर दिया, अब उन्हीं लोगों को सरकार ने कॉलेजों में बच्चों को पढ़ाने के लिए अनुबंध पर रखने का फैसला किया है। ऐसा करना बीजेपी सरकार की दोगली मानसिकता को दिखाता है।
अभय चौटाला ने कहा कि आज प्रदेश के 180 कॉलेजों में 2400 से भी ज्यादा शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। बीजेपी सरकार नियमित पदों को क्यों नहीं भर रही है। यह सरकार बेरोजगार योग्य युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती है। बच्चों को अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिए नियमित शिक्षक बेहद आवश्यक हैं।

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