DGP की छुट्टी, ASI सुसाइड... IPS पूरन के पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो जाती IAS पत्नी अमनीत तो नहीं बनते ऐसे हालात
रोहतक में एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या के बाद, परिवार अमनीत पी कुमार की गिरफ्तारी तक पोस्टमार्टम रोकने पर अड़ा है। इससे पहले वाई पूरन कुमार के मामले में भी ऐसी ही स्थिति थी। दोनों ही मामलों में अधिकारियों ने आत्महत्या की और सुसाइड नोट छोड़े। परिवारों ने पोस्टमार्टम का विरोध किया और एसआईटी जांच चल रही है। देखना यह है कि संदीप लाठर को कितना राजनीतिक समर्थन मिलता है।
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IPS पूरन के पोस्टमार्टम के लिए तैयार हो जाती IAS पत्नी अमनीत तो नहीं बनते ऐसे हालात। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के आइपीएस वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के बाद पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर और रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजरानिया के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने और शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने की परिवार की जिद ने दुश्वारियां पैदा कर दी।
वाई पूरन कुमार की आइएएस पत्नी अमनीत पी कुमार यदि समय से पति के शव का पोस्टमार्टम कराने का सरकार का अनुरोध मान लेती और राजनीतिक दलों को राजनीति करने का मौका नहीं देती तो आज ऐसी स्थिति पैदा नहीं होती।
अमनीत पी कुमार और उनके समर्थन में खड़े संगठनों व दलों की जिद ने जहां अभी तक वाई पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम नहीं होने दिया, वहीं बिना जांच के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर जाना पड़ गया। अमनीत पी कुमार हरियाणा सरकार में आयुक्त एवं सचिव स्तर की अधिकारी हैं।
पति-पत्नी दोनों कैथल में डीसी-एसपी रह चुके हैं। वाई पूरन कुमार रोहतक में आइजी थे। बाद में सरकार के पास पहुंची कई तरह की रिपोर्ट के बाद उन्हें आइजी पीटीसी सुनारिया के पद पर तबदील कर दिया गया था। वाई पूरन कुमार ने अपने गनमैन सुशील की गिरफ्तारी के बाद आत्महत्या की थी।
सुशील ने बयान दिया था कि आइजी के कहने पर वह शराब के ठेकेदार से रिश्वत लेने गया था। हालांकि सुसाइड नोट में उन्होंने राज्य के 15 रिटायर्ड व सेवारत अधिकारियों को लपेटे में लिया, जिसके बाद पूरी व्यवस्था चरमरा गई और राजनीतिक दलों व संगठनों को वाई पूरन कुमार के शव पर राजनीति करने का मौका मिल गया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहल करते हुए अमनीत पी कुमार से मुलाकात के दौरान न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अमनीत कुमार के बठिंडा ग्रामीण से आम आदमी पार्टी के विधायक भाई अमित रतन कोटफत्ता डीजीपी व एसपी की गिरफ्तारी की जिद पर अड़े रहे। हरियाणा सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के प्रयासों से अमनीत कुमार अपने पति के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार भी हो गई थी, तभी वाई पूरन कुमार का शव सेक्टर 16 अस्पताल से पीजीआइ चंडीगढ़ में स्थानांतरित किया गया था, लेकिन रात-रात में खेल बदल गया और सुबह होते ही परिवार इस जिद पर अड़ गया कि शव को जबरदस्ती हटाया गया है।
जिद ने ही शव को सड़ने के लिए मजबूर कर दिया
रोहतक में तैनात एएसआइ संदीप लाठर ने अपनी आत्महत्या से पहले जिस तरह वाई पूरन कुमार, उनकी आइएएस पत्नी अमनीत पी कुमार और बेटी पर भ्रष्ट होने के आरोप जड़े, उससे वाई पूरन कुमार के परिवार के प्रति बनी सहानुभूति पर आंच आ रही है।
अब संदीप लाठर का परिवार इस जिद पर अड़ा है कि जब तक अमनीत पी कुमार को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक उनके शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा। सवाल यह खड़ा हो रहा है कि यदि अमनीत कुमार राजनीतिक दलों को अपने पति के शव पर राजनीति करने का मौका नहीं देती तो न तो डीजीपी शत्रुजीत कपूर को बिना जांच पूरी किये हटाना पड़ता और न ही संदीप लाठर को जान देने के लिए मजबूर होना पड़ता।
वाई पूरन कुमार का शव भी पोस्टमार्टम के अभाव में खराब नहीं होता। जांच में यह सच्चाई सामने आनी बाकी है कि पूरन कुमार व अमनीत कुमार सही हैं अथवा संदीप लाठर ने जो वीडियो में बोला, वह सही है।
आइपीएस और एएसआइ के आत्महत्या केस में क्या हैं समानताएं
- आइपीएस वाई पूरन कुमार ने रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या की, एएसआइ संदीप लाठर ने भी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या की।
- वाई पूरन कुमार ने आठ पेज का फाइनल नोट लिखकर छोड़ा, संदीप लाठर ने पांच पेज का फाइनल नोट लिखकर छोड़ा।
- वाई पूरन कुमार का परिवार शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने की जिद पर अड़ा रहा, संदीप लाठर का परिवार भी शव का पोस्टमार्टम नहीं कराने की जिद पर अड़ा।
- वाई पूरन कुमार की आइएएस पत्नी अमनीत पी कुमार पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर व एसपी नरेंद्र बिजरानिया को गिरफ्तार व निलंबित करने की जिद पर अड़ी थी, अब संदीप लाठर का परिवार अमनीत पी कुमार को गिरफ्तार करने की जिद पर अड़ा है।
- वाई पूरन कुमार आत्महत्या प्रकरण की जांच के लिए चंडीगढ़ पुलिस ने छह सदस्यीय एसआइटी बनाई है, उसी तर्ज पर हरियाणा सरकार संदीप लाठर आत्महत्या प्रकरण की जांच के लिए एसआइटी बनाने की प्रक्रिया में जुटी है।
- वाई पूरन कुमार के परिजनों को सांत्वना देने राजनीतिक दल व दलित संगठन जुटे, अब सवाल है कि संदीप लाठर के समर्थन में कितने संगठन व राजनीतिक दल जुटते हैं।
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