विदेश भेजने के नाम पर लाखों का खेल, फर्जी वीजा रैकेट का एक और सदस्य नागपुर से गिरफ्तार; एंटी फ्रॉड यूनिट की बड़ी कार्रवाई
एंटी एमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट ने फर्जी वीजा रैकेट के एक और सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी परमानंद कोसरे 60 हजार रुपये में नकली वीजा बेचता था। यह गिरोह विदेश भेजने के नाम पर लोगों से ठगी करता था। पुलिस ने उसे नागपुर से गिरफ्तार किया। इस मामले में पहले भी कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, और यह कार्रवाई 2025 में दर्ज हुई एक शिकायत के बाद की गई है।

60 हजार रुपये में फर्जी वीजा तैयार करने वाला पकड़ा, गिरोह के साथ मिलकर कर रहा था ठगी (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, पंचकूला। एंटी एमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट ने विदेश भेजने के नाम पर बड़े पैमाने पर ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग के पांचवें आरोपित को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित परमानंद कोसरे निवासी भिलाई जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ को पुलिस ने अदालत में पेश किया, जहां से उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है।
जांच अधिकारी एएसआइ दीपक ने बताया कि आरोपित छत्तीसगढ़ स्थित अपने घर से फरार हो गया था, लेकिन पुलिस टीम ने आन-रोड टैक्सी से पीछा करते हुए उसे नागपुर, महाराष्ट्र से काबू कर लिया।
आरोपित प्रति वीजा 60 हजार रुपये लेकर पीड़ितों को प्राइमरी वीजा देता था, जो चार दिन के भीतर कैंसिल हो जाता था। इस दौरान वह पीड़ितों से विदेश भेजने के नाम पर पूरी रकम वसूल लेता था।
विदेश भेजने के नाम पर इन लोगों ने 100 से ज्यादा लोगों के साथ करोड़ों रुपये की ठगी की थी। इस मामले में चार आरोपित पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
22 जुलाई 2025 को सेक्टर-32 निवासी शिवचरण सिंह ने अपने बेटे को आस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 14 लाख रुपये की ठगी की शिकायत थाना चंडीमंदिर में दी थी। उसी शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए इमिग्रेशन फ्राड के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

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