दीवाली की खुशियों के बीच फैक्ट्रियां परोस रहीं 'जहर', कैथल में मिठाइयों में मिले कीड़े-मक्खी और मच्छर
कैथल में सीएम फ्लाइंग और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने एक मिठाई फैक्ट्री पर छापा मारा। वहां बड़ी मात्रा में रसगुल्ले और चमचम बनाए जा रहे थे, जिनमें गंदगी और कीड़े-मक्खी मिले। फैक्ट्री मालिक फरार हो गया। टीम ने 10 क्विंटल रसगुल्ले नष्ट किए। यह फैक्ट्री घटिया सामग्री से मिठाई बनाकर कई शहरों में सप्लाई करती थी। पहले भी इस फैक्ट्री के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।

कैथल में मिठाइयों में मिले कीड़े मक्खी और मच्छर, 10 क्विंटल रसगुल्ले नष्ट (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, कैथल। सीएम फ्लाइंग और जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी की टीम ने शुक्रवार को अतिरिक्त अनाज मंडी के सामने मिठाई बनाने की फैक्ट्री में छापामारी की। बड़ी मात्रा में रसगुल्ला, चमचम व खोया तैयार किया जा रहा था।
फैक्ट्री में गंदगी मिली। तैयार मिठाई में मक्खी व मच्छर मरे पड़े थे। यहां काम कर रहे मजदूरों ने बताया कि यह फैक्ट्री प्यौदा रोड पर स्थित शिव शक्ति मिष्ठान भंडार की है, इसका मालिक राजू है।
छापामारी की सूचना मिलते ही उसने मोबाइल फोन बंद कर लिया और फरार हो गया। टीम को 16 हजार किग्रा से अधिक रसगुल्ले मिले। मौके पर 10 क्विंटल रसगुल्ले नष्ट करा दिए।
जींद रोड पर मिठाई की फैक्ट्री में 16 हजार किलोग्राम रसगुल्ले, चमचम व मावा मिला है। जिन टबों और ड्रमों में रसगुल्ले रखे हुए थे, उनमें मरे हुए कीड़े, मक्खी व मच्छर तैरते मिले। टीम ने मौके पर 800 किग्रा चासनी, 20 किलो मावा व एक हजार किग्रा रसगुल्ले नष्ट किए। फैक्ट्री में अब भी काफी माात्रा में रसगुल्ले और चमचम बचा हुआ है,, लेकिन टीम ने इन्हें नष्ट नहीं किया।
अतिरक्त अनाज मंडी के सामने मिठाई की एक फैक्ट्री में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा की गई छापामारी। l जागरण
मैदा, चीनी और घी से बनाए जा रहे थे रसगुल्ले रसगुल्ला और चमचम तैयार करने में मैदा, चीनी, घी और दूध का प्रयोग किया जाता है, लेकिन यहां पर बिना दूध के ही रसगुल्ले तैयार किए जा रहे थे।
लेबर ने बताया कि दूध का प्रयोग करते हैं, फैक्ट्री के गेट पर अमूल दूध के खाली रैपर भी पड़े थे, लेकिन फैक्ट्री में एक किलोग्राम दूध उपलब्ध नहीं था। टीम के सदस्यों ने बताया कि घी और मैदा घटिया लग रहा है चासनी में मक्खियां मरी पड़ी थी।
पिहोवा, पूंडरी, ढांड और शहर में होती है सप्लाई रसगुल्ले व चमचम का रेट 180 से 200 रुपये किग्रा है।
लेकिन इस मिष्ठान भंडार का संचालक पिहोवा, पूंडरी, ढांड, कैथल में सप्लाई करता है। थोक में 120 से 125 रुपये किग्रा तक रसगुल्ले की सप्लाई की जाती है। दुकान पर 150 रुपये में रसगुल्ला बेचा जा रहा है। अब भी इस फैक्ट्री में करीब 14 हजार किलोग्राम रसगुल्ले बचे हुए हैं।
सोनीपत में 10 क्विंटल रसगुल्ले नष्ट कराए सोनीपत
जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने देवडू रोड स्थित श्रीश्याम मिष्ठान भंडार पर छापा मारकर 1,000 किलो रसगुल्ले नष्ट कराए। यह कार्रवाई तब की गई जब स्टॉक में रखे 1400 किलो रसगुल्ले और 300 किलो गुलाब जामुन की गुणवत्ता जांच में केवल 400 किलो रसगुल्ले और 300 किलो गुलाब जामुन ही सही पाए गए। 1000 किलो रसगुल्लों की गुणवत्ता सही नहीं मिलने पर मौके पर ही नष्ट कर दिए गए हैं। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी बिरेंद्र यादव ने यह जानकारी दी।
कैथल में अब तक लिये जा चुके 56 सैंपल
नवरात्र से लेकर अब जिले में मिठाइयों, मावा और खाद्य पदार्थों के 56 सैंपल लिये जा चुके हैं। किसी सेंपल की जांच रिपोर्ट नहीं आई है। जिला खाद्य सुरक्षा विभाग अधिकारी डा. पवन चहल ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही अगली कार्रवाई की जाएगी। कैथल में चार दिन पहले ही नगालैंड नंबर की एक बस से 2300 किलो नकली खोया पकड़ा गया था। इसे भी नष्ट करवाया गया है।। यह राजस्थान के बीकानेर से आता है।
दो साल पहले भी भरे थे सैंपल कोर्ट में चल रहा है केस दो साल पहले प्यौदा रोड पर इसी मिष्ठान भंडार ने रसगुल्ले तैयार करने का गोदाम बनाया हुआ था। तब गोदाम पर भी खाद्य सुरक्षा विभाग ने सैंपल भरे थे। जांच में सैंपल असुरक्षित मिले थे। शिव शक्ति मिष्ठान भंडार के राजू के खिलाफ कोर्ट में केस चला हुआ है।
प्यौदा रोड का गोदाम बंद करके अब जींद रोड पर गोदाम किराये पर लिया हुआ है। इसका सामने वाले दोनों गेट बंद कर मिठाई तैयार की जाती है। एक बड़े प्लाट में यह फैक्ट्री बनाई हुई है।
इसमें बेसमेंट और ऊपर दो मंजिल बनाई हुई हैं। मालिक का दावा- क्वालिटी सही फैक्ट्री मालिक राजू ने दावा किया कि मिठाई की क्वालिटी सही है। गोदाम बाहर होने के कारण मक्खी-मच्छर आ जाते हैं। अमूल का दूध प्रयोग किया जाता है। हर बार मेरे गोदाम में ही छापेमारी होती है। कोई शिकायत करता है। राजू ने बताया कि शहर में अन्य जगह भी मिठाई तैयार हो रही हैं, वहां भी छापेमारी हो।
मिठाई नष्ट करने में की खानापूर्ति
मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि टीम ने सैंपल लेने के बाद आठ से दस टब की मिठाइयों को ही नष्ट किया। दर्जनों ड्रम और टबों में भी मक्खी और मच्छर तैर रहे थे, इन्हें ऐसे ही छोड़ दिया।
टीम के सदस्यों से जब इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उनके पास लेबर नहीं है, फैक्ट्री में जो मजदूर थे वह भी भाग गए। दो लोग ही मौका पर रहे। वे बार-बार कहने के बावजूद मिठाई को नष्ट नहीं कर रहे थे।
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