Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आयुष्मान पर उठा सवाल तो केंद्रीय मंत्री बोले- एक साल में हरियाणा को दिए 607 करोड़ से अधिक रुपये

    Updated: Sat, 09 Aug 2025 12:25 AM (IST)

    हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों को भुगतान न होने पर इलाज बंद हो गया है। कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने इस मुद्दे को संसद में उठाया और सरकार से जवाब मांगा। सरकार का कहना है कि हरियाणा को पर्याप्त धन दिया गया है और राज्य सरकार से बात करके समस्या का समाधान किया जाएगा। सैलजा ने समय पर भुगतान न होने पर चिंता व्यक्त की।

    Hero Image
    एक साल में हरियाणा को दिए 607.73 करोड़। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। प्राइवेट अस्पतालों को इलाज की रकम नहीं मिलने से हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों का इलाज बृहस्पतिवार से बंद हैं। इसे लेकर संसद के मानसून सत्र में विपक्ष की ओर से सिरसा की कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने सरकार से सवाल किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में हरियाणा की स्थिति चिंताजनक है। इस योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों को जहां 15 दिन में बिलों का भुगतान मिल जाना चाहिए था, वहीं उन्हें अब पांच माह से भुगतान ही नहीं मिला है। भुगतान नहीं होने पर निजी अस्पताल आयुष्मान कार्ड पर गरीब रोगियों का इलाज बंद कर चुके है।

    कुमारी सैलजा ने कहा कि चिकित्सा दावों के निपटान और अस्पतालों को समय पर भुगतान में सुधार की आवश्यकता है। उनके सवाल के उत्तर में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि हरियाणा में तक 1.35 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं।

    26.25 लाख मरीजों को अस्पताल में भर्ती की मंजूरी दी गई है, जिनका इलाज मूल्य लगभग 3,990 करोड़ रुपये है। केंद्र सरकार ने योजना के आरंभ से लेकर वित्त वर्ष 2024-25 तक हरियाणा को 607.73 रुपये करोड़ जारी किए हैं।

    केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि योजना का खर्च केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60:40 अनुपात में बांटा जाता है। कोई दिक्कत आ रही है तो प्रदेश सरकार से बात कर समस्या दूर की जाएगी।

    जवाब पर असहमति जताते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है, लेकिन अस्पतालों को दावों का भुगतान समय पर नहीं होना चिंता का विषय है।

    राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, राज्य के भीतर के अस्पतालों को 15 दिन में और राज्य के बाहर के अस्पतालों को 30 दिन में भुगतान होना चाहिए।

    comedy show banner
    comedy show banner