IPS पूरन कुमार सुसाइड केस: अंतिम संस्कार के लिए परिवार को मनाने में जुटी सरकार, FIR में संशोधन पर अड़े परिजन
हरियाणा सरकार आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिवार को पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार के लिए मनाने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दलित नेताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी है। कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी लगातार परिवार से संपर्क में हैं और उन्हें न्याय का भरोसा दिला रहे हैं। परिवार एफआईआर में संशोधन की मांग कर रहा है।

आईपीएस पूरन कुमार
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के अनुसूचित जाति के आइपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या करने के पांचवें दिन भी पोस्टमार्टम और संस्कार नहीं होने से सरकार के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ी हुई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जहां स्वयं पूरी स्थिति पर निगाह रखे हुए हैं, वहीं उन्होंने पार्टी के दलित नेताओं व मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को वाई पूरन कुमार के परिवार को पोस्टमार्टम व संस्कार के लिए राजी करने की जिम्मेदारी सौंपी है। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण कुमार बेदी जहां पूरे दिन वाई पूरन कुमार के घर डेरा डाले रहे, वहीं उन्होंने उनकी आइएएस धर्मपत्नी अमनीत पी कुमार को सरकार की ओर से पूरा न्याय दिलाने का बार-बार भरोसा दिलाया है।
अमनीत कुमार नागरिक उड्डयन विभाग और विदेश सहयोग विभाग में आयुक्त एवं सचिव हैं, जबकि उनके पति एडीजीपी रैंक के अधिकारी थे। छह अक्टूबर को उन्होंने चंडीगढ़ के सेक्टरक 11 स्थित निवास पर आत्महत्या कर ली थी। कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण कुमार बेदी अभी तक आधा दर्जन बार अमनीत पी कुमार के परिवार के साथ मुलाकात कर चुके हैं, जबकि मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा और मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी अमनीत पी कुमार को पति के पोस्टमार्टम के लिए मनाने में जुटे रहे। हरियाणा सरकार के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज परिवार को सांत्वना देने पहुंचे और उन्होंने अमनीत कुमार के सिर पर हाथ रखकर सरकार की ओर से न्याय का भरोसा दिलाया। वे उनकी दोनों बेटियों से भी मिले।
हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और पंडित रामबिलास शर्मा ने भी सरकार की ओर से परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों की पूरे समय आवाजाही लगी रही। दलित अधिकारियों ने अलग से वाई पूरन कुमार के पक्ष में मोर्चा खोला हुआ है, जबकि कुछ अधिकारी वास्तव में चाहते हैं कि न्याय की लड़ाई पोस्टमार्टम और संस्कार के बाद भी लड़ी जा सकती है, क्योंकि डेड बाडी को पांच दिन हो गये हैं। हरियाणा के दोनों कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार तथा कृष्ण बेदी अमनीत पी कुमार के आवास पर बैठकर हरसंभव कोशिश कर रहे हैं कि परिवार को राजी किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया है कि परिवार के साथ कुछ भी गलत नहीं होने दिया जाएगा और उन्हें न्याय मिलेगा। कृष्ण लाल पंवार अनुसूचित जाति से आते हैं, जबकि कृष्ण कुमार बेदी वाल्मीकि हैं। दोनों मंत्रियों की समाज में अच्छी पकड़ है। हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली ने भी परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया है। कृष्ण बेदी ने कहा कि यह मामला असमान्य घटनाक्रम है। हर पहलू से जांच की जा रही है। परिवार को पोस्टमार्टम के लिए मनाया जा रहा है। परिवार की सहमति के बगैर कुछ नहीं किया जाएगा। शनिवार को देर शाम तक दोनों मंत्रियों ने अधिकारियों के साथ अमनीत पी कुमार के आवास पर पहुंचकर बैठक की लेकिन उसका कोई सकारात्मक परिणाम अभी सामने नहीं आया है।
इस बीच चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सागरप्रीत हुड्डा ने भी शनिवार को अमनीत पी कुमार से मुलाकात की। सागरप्रीत की बातचीत के बावजूद परिवार ने अभी तक दर्ज की गई एफआइआर पर संतुष्टि नहीं जताई। परिवार एफआइआर में संशोधन की मांग पर अड़ा हुआ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।