राशन कार्ड कटने के डर से लाडो लक्ष्मी योजना के लिए अप्लाई नहीं कर रही महिलाएं, बढ़ाई गई आवेदन की आखिरी तारीख
हरियाणा में लाडो लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपये मासिक भत्ते के लिए महिलाएं गुलाबी और पीले राशन कार्ड कटने के डर से आवेदन नहीं कर रही हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चिंता जताई है और अधिकारियों को 1.40 लाख रुपये तक की आय वाले परिवारों को भी प्रेरित करने के निर्देश दिए हैं। दूसरे राज्यों से आई महिलाओं को आधार कार्ड की समस्या आ रही है। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।

25 अक्टूबर तक सिर्फ 6.20 लाख महिलाओं ने किया 2100 रुपये भत्ते के लिए आवेदन (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। गुलाबी और पीला राशनकार्ड कट जाने के डर से महिलाएं 2100 रुपये मासिक भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदन करने में हिचक रही हैं। दीनदयाल लाडो लक्ष्मी योजना के अंतर्गत प्रदेश सरकार ने एक लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले परिवारों की महिलाओं को 2100 रुपये मासिक भत्ता देने की घोषणा की है।
हरियाणा दिवस पर एक नवंबर को इन महिलाओं को मासिक भत्ते की पहली किस्त दी जानी है। प्रदेश सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक एक लाख रुपये वार्षिक तक आय वाली 23 से 60 साल की उम्र की महिलाओं की संख्या 19 लाख 62 हजार है, मगर 25 अक्टूबर तक सिर्फ 6 लाख 20 हजार महिलाओं ने भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने महिलाओं की इस उदासीनता पर चिंता और नाराजगी जाहिर की है। समाज कल्याण विभाग, पंचायत विभाग और क्रिड के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सूचना दी कि महिलाओं में गुलाबी व पीले राशनकार्ड कट जाने का डर है।
25 से 50 हजार रुपये वार्षिक आय वाले अंत्योदय परिवारों के गुलाबी कार्ड बनाए जाते हैं, जबकि 50 हजार से 1.80 लाख रुपये वार्षिक तक आय वाले परिवारों के पीले बीपीएल कार्ड बनाने का प्रविधान है।
1.80 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले परिवारों के हरे (एपीएल) कार्ड बनते हैं। गुलाबी कार्डधारकों को सरकार 35 किलो गेहूं हर माह प्रदान करती है। गुलाबी व पीले राशनकार्ड धारकों को मिलने वाली सुविधाएं भी अनंत हैं।
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को रिपोर्ट दी है कि महिलाओं में इस बात का डर है कि उनके खातों में 2100-2100 रुपये मासिक आते ही परिवारों की वार्षिक आय 25-25 हजार रुपये बढ़ जाएगी, जिससे वह अंत्योदय परिवारों की सूची से बाहर हो सकते हैं।
इसलिए ऐसे परिवारों की महिलाएं जागरूकता के अभाव में और डर की वजह से लाडो लक्ष्मी योजना का भत्ता प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं कर रही हैं। अधिकारियों से मिली रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.40 लाख रुपये तक है, उनकी महिलाओं को भी लाडो लक्ष्मी योजना के तहत 2100-2100 रुपये प्राप्त करने के लिए आवेदन करने हेतु प्रेरित किया जाए।
महिलाओं द्वारा आवेदन में रुचि नहीं दिखाने का एक बड़ा कारण यह भी है कि दूसरे राज्यों से हरियाणा में ब्याह कर आई महिलाओं से अपने माता-पिता का आधार कार्ड मांगा जा रहा है।
माता-पिता की मृत्यु होने की स्थिति में उनसे मृत्यु प्रमाण पत्र की मांग की जा रही है। महिलाओं के सामने समस्या यह है कि जब उनका विवाह हुआ था, तब आधार कार्ड नहीं होते थे और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के प्रति भी जागरूकता का अभाव था।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को इस समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही पंचायत सचिवों और क्रिड में कार्यरत सीपीएलओ को लिस्ट देकर गांवों में भेजा जा रहा है, ताकि वे पात्र महिलाओं को चिन्हित कर उनके मौके पर ही लाडो लक्ष्मी योजना के तहत आवेदन करा सकें।
हरियाणा के समाज कल्याण विभाग ने अभी तक जो सीमा निर्धारित की है, उसके मुताबिक जिन महिलाओं ने 25 अक्टूबर तक आवेदन कर दिया है, उन्हें ही एक नवंबर को 2100-2100 रुपये मिल पाएंगे, लेकिन मुख्यमंत्री ने 25 अक्टूबर की इस सीमा को हटाने के लिए कहा है, ताकि 31 अक्टूबर तक भी आवेदन करने वाली महिलाओं को शगुन की राशि प्रदान की जा सके।
अभी तक करीब सवा छह लाख महिलाएं पात्रता की श्रेणी में आई हैं। 31 अक्टूबर तक आवेदन करने वालों को यदि सरकार ने भत्ते की राशि प्रदान की तो यह संख्या आठ से 10 लाख भी हो सकती है, अन्यथा 25 अक्टूबर तक के हिसाब से सवा छह लाख महिलाएं ही लाडो लक्ष्मी योजना के भत्ते की पहली किस्त प्राप्त कर सकेंगी। राज्य में हर तरह के राशनकार्ड धारकों की संख्या पहले 40 लाख थी, जो अब कम होकर करीब 38 लाख रह गई है।

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