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    हरियाणा: डिजिटल सुधार की परीक्षा में फंसी पेपरलेस रजिस्ट्री, पहले ही दिन अटका सिस्टम; कई जिलों में पोर्टल ठप

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 12:12 PM (IST)

    हरियाणा में पेपरलेस रजिस्ट्री की शुरुआत तकनीकी खराबी के कारण बाधित हो गई। पहले ही दिन सिस्टम अटकने से कई जिलों में पोर्टल ठप हो गया, जिससे नागरिकों को भारी परेशानी हुई। इस घटना ने डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार की आवश्यकता को दर्शाया है, और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की उम्मीद है।

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    File Photo

    जागरण टीम l हिसार/ पानीपत। हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी पेपरलेस रजिस्ट्री योजना एक नवंबर से पूरे प्रदेश में लागू तो हो गई, पर शुरुआत ने ही यह संकेत दे दिया कि डिजिटल बदलाव की राह आसान नहीं होने वाली। पहले ही दिन अधिकांश जिलों में पोर्टल ठप रहा, कहीं सर्वर डाउन हुआ तो कहीं डिजिटल उपकरण समय पर नहीं पहुंचे।

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    नतीजा यह हुआ कि जिन तहसीलों में रोज सैकड़ों रजिस्ट्री होती थीं, वहां सोमवार को सन्नाटा पसरा रहा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 17 अक्टूबर को कुरुक्षेत्र के बाबैन से इस प्रणाली का शुभारंभ किया था, जिसका उद्देश्य था रजिस्ट्री प्रक्रिया को कागज रहित, पारदर्शी और भ्रष्टाचारमुक्त बनाना।

    लेकिन प्रारंभिक अनुभवों ने बता दिया कि प्रणाली का तकनीकी व प्रशिक्षण ढांचा मजबूत तैयारी की मांग करता है। कुरुक्षेत्र जिले ने 31 रजिस्ट्री के साथ उम्मीद जगाई, पर सिरसा, करनाल, पानीपत और चरखी दादरी में एक भी रजिस्ट्री नहीं हो सकी।

    कई स्थानों पर आवेदक और वसीका नवीस नई प्रक्रिया समझने में उलझे रहे। अधिकारी मानते हैं कि प्रारंभिक अड़चनें स्वाभाविक हैं, पर यह भी साफ हुआ कि डिजिटल हरियाणा की इस नई पहल को प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समय और प्रशिक्षण दोनों की जरूरत है।

    कुरुक्षेत्र बना मॉडल, बाकी जिलों में तकनीकी ठहराव

    कुरुक्षेत्र में योजना सबसे सुचारु रही। थानेसर तहसील में सोमवार को 31 रजिस्ट्री हुईं और तीन दिनों में कुल 428 पेपरलेस रजिस्ट्री संपन्न हो चुकी हैं। इसके विपरीत अंबाला में दो, जींद में एक और फतेहाबाद व टोहाना में एक-एक रजिस्ट्री हुई। सिरसा, यमुनानगर, पानीपत, करनाल और चरखी दादरी में पोर्टल बंद रहने से कार्य ठप रहा। रोहतक में चार आवेदन में से तीन में कमी पाई गई, जबकि झज्जर में केवल दो रजिस्ट्री दर्ज हुईं।

    चरखी दादरी में ‘नो शो’: जनता अनजान, सिस्टम मौन

    चरखी दादरी और बाढड़ा तहसीलों में सोमवार को एक भी आवेदन नहीं पहुंचा। अधिकांश लोगों को नए सिस्टम की जानकारी नहीं थी। सरल केंद्र के ऑपरेटर पूरे दिन प्रतीक्षा करते रहे। प्रशासन ने माना कि प्रचार-प्रसार की कमी और प्रशिक्षण अभाव से आवेदक असमंजस में रहे।

    भिवानी में तैयारियां अधूरी, हिसार में सात आवेदन रिजेक्ट 

    भिवानी में डिजिटल उपकरण नहीं पहुंचने से रजिस्ट्री नहीं हो सकी। दो दिन की छुट्टी के बाद केवल एक आवेदन आया। अधिकारियों का कहना है कि शुरूआती सप्ताह तक प्रक्रिया धीमी रहेगी।

    वहीं, हिसार में नौ आवेदन पहुंचे, जिनमें से केवल दो स्वीकृत हुए और सात दस्तावेजों की कमी के कारण रिजेक्ट कर दिए गए। उपायुक्त अनीश यादव ने स्वयं तहसील कार्यालय का निरीक्षण कर कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए।

    क्या है पेपरलेस रजिस्ट्री का उद्देश्य

    • रजिस्ट्री प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाना 
    • दस्तावेजों के गुम होने या छेड़छाड़ की संभावना खत्म करना
    • समयबद्ध स्वीकृति और आनलाइन ट्रैकिंग सुनिश्चित करना
    • बिचौलियों पर रोक और भ्रष्टाचार में कमी लाना

    आगे की तैयारी

    राजस्व विभाग ने सभी जिलों में तकनीकी टीमों की तैनाती और कर्मचारियों के प्रशिक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 10 नवंबर तक सिस्टम स्थिर होने की उम्मीद है, जिसके बाद सभी जिलों में रजिस्ट्री कार्य सामान्य रूप से चलने लगेगा।

    यह है नई रजिस्ट्री की प्रक्रिया

    • आवेदक ई-रजिस्ट्री पोर्टल पर लागिन कर संपत्ति से जुड़े दस्तावेज अपलोड करेगा। 
    • बिक्री पत्र, आधार-पैन सहित 503 रुपये शुल्क आनलाइन जमा करने होंगे।
    • तहसीलदार दस्तावेजों की जांच के बाद स्वीकृति देगा। 
    • स्वीकृति के बाद आवेदक तय समय का आनलाइन अपाइंटमेंट लेकर रजिस्ट्री करा सकेगा।
    • एक आधार कार्ड से अधिकतम पांच रजिस्ट्री, जबकि डीड राइटर को अनलिमिटेड अनुमति होगी।