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    हरियाणा: गरीब छात्रों की मुफ्त शिक्षा पर संकट, सरकार पर प्राइवेट स्कूलों का 600 करोड़ बकाया

    Updated: Wed, 05 Nov 2025 03:53 PM (IST)

    हरियाणा में निजी स्कूल गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से 600 करोड़ रुपये का भुगतान रुका हुआ है। इससे स्कूलों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल सरकार से बकाया राशि जारी करने की मांग कर रहे हैं ताकि वे शिक्षकों के वेतन और अन्य खर्चों का भुगतान कर सकें। शिक्षा विभाग का कहना है कि वे जल्द ही बकाया राशि जारी कर देंगे।

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    फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा में गरीबों को निशुल्क पढ़ा रहे निजी स्कूलों के 600 करोड़ रुपये अटके हुए हैं। नियम 134ए के तहत बच्चों को पढ़ाने के बदले सरकार को पिछले दस वर्षों का भुगतान करना है। शिक्षा विभाग ने अगस्त में कक्षा दूसरी से आठवीं तक वर्ष 2015-16 से 2024-25 तक पढ़ाए गए बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति के लिए आनलाइन पोर्टल खोला था। इस पर आवेदन करने के बावजूद निजी स्कूलों के हाथ पिछले तीन महीनों से खाली है।

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    प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेश अध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बताया कि इस मामले को लेकर पिछले दिनों प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा सदन पंचकूला में माध्यमिक शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार से मुलाकात की थी। निदेशक ने अक्टूबर अंत तक बकाया राशि जारी करने का आश्वासन दिया था।

    वहीं, दूसरी तरफ नौवीं से 12वीं कक्षा के लिए भी 2015-16 लेकर आज तक फीस ही निर्धारित नहीं की गई है और न ही आवेदन के लिए पोर्टल खोला गया है। उन्होंने उक्त राशि जारी करने की मांग करते हुए कहा कि स्कूलों ने जो फीस फार्म नंबर छह में दर्शाई है, वही फीस निर्धारित करते हुए कक्षा नौवीं से बारहवीं कक्षा की फीस प्रतिपूर्ति के लिए पोर्टल खोला जाए।

    उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की दस वर्षों की 600 करोड़ रुपये की बकाया राशि जल्द जारी की जाए। यह स्कूल सत्र 2015-16 से बच्चों को निशुल्क पढ़ा रहे हैं, जबकि अब नियम 134 ए बंद भी हो चुका है।

    इसके बावजूद लगातार शिक्षा विभाग के आदेश की पालना करते हुए प्रमोट हुए बच्चों को निजी स्कूल फ्री पढ़ा रहे हैं। संघ ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व शिक्षामंत्री महीपाल ढांडा से मांग की है कि कक्षा दूसरी से आठवीं का पैसा भी जल्द जारी किया जाए क्योंकि सभी स्कूलों द्वारा पोर्टल पर आवेदन किए हुए तीन महीने से अधिक समय गुजर चुका है।