हरियाणा में लिंगानुपात को लेकर प्रदेश सरकार सख्त, सुधार न होने पर नपेंगे छह जिलों के CMO
हरियाणा सरकार लिंगानुपात को लेकर सख्त हो गई है। छह जिलों के सीएमओ से जवाब तलब किया गया है और अवैध एमटीपी किट पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने के आरोप में दो आशा कार्यकर्ताओं को बर्खास्त कर दिया गया है। जींद में एक महिला ने एमटीपी किट खा ली जिससे उसकी बच्चेदानी निकालनी पड़ी।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में लिंगानुपात को लेकर प्रदेश सरकार और सख्त हो गई है। लिंगानुपात नहीं सुधार पा रहे छह जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) पर कार्रवाई की तैयारी है।
अंबाला, भिवानी, चरखी दादरी, करनाल, सिरसा और पलवल के सीएमओ से लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाने की वजह पूछी गई है। ठोस जवाब नहीं मिलने पर संबंधित अधिकारियों पर एक्शन लिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने मंगलवार को स्टेट टास्क फोर्स की साप्ताहिक बैठक में कहा कि लिंगानुपात सुधारने में ढीले मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अलग से बैठक में व्यक्तिगत रूप से बुलाकर जवाब तलब किया जाएगा।
अवैध रूप से बिकने वाली MTP किट पर नजर रखने के निर्देष
उन्होंने आयुष विभाग के डाक्टरों को भी निर्देश दिया कि अवैध रूप से बिकने वाली एमटीपी ( मेडिकल टर्मिनेशन आफ प्रेगनेंसी) किट के मामले में नजर रखें।
वे अपने आसपास के चार-चार गांवों पर ध्यान रखें कि 12 सप्ताह से अधिक समय के गर्भ वाली कोई गर्भवती महिला अवैध रूप से गर्भपात न करवा लें।
राहत की बात यह कि पिछले वर्ष 31 अगस्त को जहां लिंगानुपात 901 था, वहीँ इस वर्ष समान अवधि में लिंगानुपात 907 रहा है।
स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि एमटीपी किट बेचने वाले होलसेलर्स तथा एमटीपी सेंटर्स की मानिटरिंग की जाए।
निरीक्षण के दौरान अगर यह पाया जाता है कि गर्भपात किया गया भ्रूण लड़की का था तो उस गर्भपात से संबंधित अल्ट्रासाउंड की जांच की जाए। इस मामले में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो पुलिस में शिकायत दर्ज करवाएं।
बैठक में बताया गया कि अपना कार्य निष्ठापूर्वक न करने के कारण दो आशा कार्यकर्ताओं को को नौकरी से हटा दिया गया है।
इनमें सोनीपत की एक आशा वर्कर का पति दिल्ली से एमटीपी किट लाकर अवैध रूप से बेचता था। शिकायत मिलने पर दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
इसी प्रकार पंचकूला में पहले से तीन लड़कियों की माता और गर्भवती महिला की मौत मामले में आशा वर्कर को सही से निगरानी न करने के कारण नौकरी से हटा दिया गया है।
12 सप्ताह की गर्भवती ने खा ली MTP किट
जींद जिले में 12 सप्ताह से अधिक समय की एक गर्भवती महिला ने एमटीपी किट खा ली। इस कारण उसका बहुत ज्यादा रक्तस्राव हो गया।
उस महिला की नाजुक हालत को देखते हुए डाक्टरों को महिला की बच्चेदानी निकालनी पड़ी। भविष्य में यह महिला कभी भी बच्चे को जन्म नहीं दे पाएगी।
बड़ी संख्या में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें लड़के की चाह रखने वाली गर्भवती महिलाएं गर्भ में कन्या भ्रूण हत्या कर पाप की भागीदार बन रही हैं।
डाक्टरों की सलाह के बिना एमटीपी किट खाकर यह महिलाएं अपनी जान को भी खतरे में डाल रही हैं।
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