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    IPS पूरन कुमार सुसाइड केस में नया मोड़, FIR में जुड़ी नई धाराएं, अब बढ़ेंगी अधिकारियों की मुश्किल?

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 02:44 PM (IST)

    आईपीएस पूरन कुमार आत्महत्या मामले में एक नया मोड़ आया है। एफआईआर में कुछ नई धाराएं जोड़ी गई हैं, जिससे अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जांच का दायरा बढ़ने से मामले में और गहराई से छानबीन की जाएगी।

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    चंडीगढ़ सुसाइड केस में जुड़ीं नई धाराएं (जागरण ग्राफिक्स)

    डिजिटल डेस्क, पंचकूला। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में हर दिन कुछ न कुछ नया मोड़ आ रहा है। मामले के छह दिन बाद भी पूरन कुमार का पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। परिवार की मांग है कि जिन अधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

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    हालांकि, बीते दिन सरकार ने रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया को हटा दिया था। अब इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने एससी/एसटी अधिनियम के "प्रासंगिक प्रावधानों" को जोड़ने की उनकी पत्नी की याचिका के बाद दर्ज एफआईआर में धाराएं जोड़ दी हैं।

    सीनियर आईएएस अधिकारी अमनीत पी कुमार ने पहले पुलिस को लिखा था कि एफआईआर में एससी/एसटी अधिनियम की कमजोर धाराओं में संशोधन किया जाना चाहिए।

    फोन पर संपर्क करने पर चंडीगढ़ के आईजी पुष्पेंद्र कुमार, जो 'आत्महत्या' मामले में छह सदस्यीय विशेष जांच दल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को पुष्टि की कि एफआईआर में अधिनियम की धारा 3 (2) (वी) लगाई गई है। पूरन कुमार के परिवार ने अभी तक अपनी मांगें पूरी होने तक पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं दी है।

    पहले लगी थी ये धाराएं

    चंडीगढ़ पुलिस की शुरुआती एफआईआर में धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(1)(आर) पीओए एससी/एसटी धारा उस मामले को संदर्भित करती है। इसके अनुसार व्यक्ति के दोषी पाए जाने पर दस साल की सजा का प्रावधान है। यह तब दर्ज की जाती है जब जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी भी स्थान पर सार्वजनिक रूप से एससी/एसटी के सदस्य को अपमानित करने के इरादे से अपमानित करता है या धमकाता है।

    क्या है धारा (3) (2) वी

    अधिनियम की नई जोड़ी गई धारा 3 (2) (v),भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) के तहत जब किसी अनुसूचित जाति (SC) अथवा जनजाति (ST) के व्यक्ति को उसकी कास्ट के आधार पर गंभीर चोट या मौत का सामना करना पड़ता है। प्राथमिकी में जोड़ी गई इस नई धारा में प्रावधान है ऐसे में दोषी को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है। 

     रोहतक SP को हटा दिया गया 

    हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया को हटा दिया था, जो उन पुलिसकर्मियों में से एक थे जिनके खिलाफ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की पत्नी ने कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए कार्रवाई की मांग की थी। शनिवार को जारी एक संक्षिप्त आधिकारिक आदेश में, आईपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया और उन्होंने अपनी नई पोस्टिंग का कार्यभार संभाल लिया।

    सुसाइड नोट में इन नामों का जिक्र

    • अनुराग रस्तोगी (मुख्य सचिव)
    • टी.वी.एस.एन. प्रसाद (पूर्व मुख्य सचिव)
    • राजीव अरोड़ा (पूर्व एसीएस)
    • शत्रुजीत कपूर (डीजीपी)
    • पी. के. अग्रवाल (पूर्व डीजीपी)
    • मनोज यादव (पूर्व डीजीपी)
    • कला रामचंद्रन (प्रिंसिपल सेक्रेटरी)
    • संदीप खिर्वर (एडीजीपी)
    • अमिताभ ढिल्लों (एडीजीपी)
    • संजय कुमार (एडीजीपी)
    • माता रवि किरण (एडीजीपी)
    • शिवास कविराज (आईपीएस)
    • पंकज नैन (आईजी)
    • कुलविंदर सिंह (आईजी)
    • नरेंद्र बिजरनिया (एसपी, रोहतक)