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    नूंह हिंसा मामले में विधायक मामन खान को बड़ी राहत, हाई कोर्ट ने जमानत रद करने की याचिका की खारिज

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 03:03 PM (IST)

    हरियाणा सरकार द्वारा नूंह हिंसा के मुख्य आरोपी बताए गए कांग्रेस विधायक मामन खान की जमानत रद्द करने की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। सरकार ने खान पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था जिसमें कई लोग घायल हुए थे और जानें गई थीं।

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    विधायक मामन खान को हाई कोर्ट से राहत , सरकार की मामन खान की जमानत रद्द करने की याचिका खारिज

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा के फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक मामन खान को 2023 जुलाई में भड़की नूंह हिंसा का मुख्य सरगना बताते हुए हरियाणा सरकार ने उनकी जमानत रद्द करने की हाई कोर्ट से गुहार जो लगाई थी, उसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

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    हाई कोर्ट के जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। इस मामले में जेल में बंद वरिष्ठ कांग्रेस नेता मामन खान को 18 अक्टूबर 2023 को निचली अदालत ने जमानत दे दी थी।

    100 से ज्यादा लोग हुए थे घायल

    खान की जमानत रद्द करने की मांग वाली अपनी याचिका में हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के समक्ष दलील दी थी कि कथित घटना में 100 से अधिक लोग घायल हुए और कुछ की जान चली गई, जिसके परिणामस्वरूप 61 प्राथमिकी दर्ज की गईं।

    हरियाणा ने कोर्ट के समक्ष दलील दी, "मामन खान कथित गैरकानूनी सभा का मुख्य सरगना था, जिसने अपराध करने के लिए अन्य सह-आरोपितों के साथ मिलकर उकसाया और साजिश रची। लेकिन 18 अक्टूबर, 2023 को उसे जमानत देते समय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, नूंह द्वारा इन सभी तथ्यों पर विचार नहीं किया गया। 14 सितंबर 2023 को हरियाणा पुलिस ने नगीना थाने में दर्ज एफआईआर के सिलसिले में खान को गिरफ्तार किया था।

    सुरक्षाकर्मियों के बयान पर मामला किया गया दर्ज

    उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से उत्पात मचाना आदि) के तहत आरोप लगाए गए हैं।मामले में गिरफ्तार सह-आरोपित के बयान और उनके काल डिटेल और उनके सुरक्षाकर्मियों के बयान के आधार पर विधायक पर मामला दर्ज किया गया था।

    हालांकि, मामन खान इन मामलों में झूठे आरोप लगा रहे थे और उन्होंने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग भी की थी। नूंह में हिंसा की घटना 31 जुलाई 2023 को हुई थी, जिसमें करीब छह लोगों की जान चली गई थी और निजी और सार्वजनिक संपत्ति का भारी नुकसान हुआ था।

    घटना के बाद राज्य सरकार ने कथित तौर पर हिंसा में शामिल लोगों के घरों/परिसरों को ध्वस्त करने के लिए एक ध्वस्तीकरण अभियान भी चलाया था। हालांकि, हाई कोर्ट ने मामले का स्वत संज्ञान लेते हुए ध्वस्तीकरण अभियान पर रोक लगा दी थी।