शेयर मार्केट में निवेश करो और थोड़े समय में लाखों कमाओ! यह झांसा दे लोगों को ठगने वाले दो शातिर पंचकूला पुलिस ने दबोचे
पंचकूला पुलिस ने सिरसा के दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। ये ठग लोगों को कम समय में लाखों रुपये कमाने का लालच देकर ठगते थे। पुलिस ने सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों ही हरियाण के सिरसा जिले के रहने वाले हैं। दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से एक को न्यायिक हिरासत भेज दिया गया है। दूसरे को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।

पंचकूला पुलिस की हिरासत में चेहरा ढके हुए बैठे दोनों साइबर ठग।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। साइबर क्राइम थाना की टीम ने दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। वह लोगों को इंटरनेट मीडिया पर अपने जाल में फंसाते थे। उनको शेयर मार्केट में थोड़े रुपये का निवेश कर कुछ ही दिनों में लाखों कमाने का लालच देते थे। उसके बाद फर्जी डिमेट अकाउंट खोलते और उसमें रुपये डलवाते थे। जब तक उनकी साजिश सामने वाले को समझ नहीं आती वह उससे रुपये ठगते रहते। आरोपित की पहचान अभय कुमार और जतिन कुमार उर्फ जयंत के रूप में हुई है। दोनों ही सिरसा के रहने वाले हैं। पुलिस ने दोनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से अभय को जेल भेज दिया गया और जतिन को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।
डीसीपी क्राइम मनप्रीत सिंह सूदन ने बताया कि पिंजौर के रहने वाले शिकायतकर्ता ने 31 जुलाई 2024 को साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज करवाया था। शिकायत में बताया गया कि 11 मई 2024 को फेसबुक पर उन्हें एक विज्ञापन दिखाई दिया जिसमें शेयर मार्केट में निवेश करने का वाॅट्सएप लिंक दिया गया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि लिंक पर क्लिक करने के बाद उन्हें वेबसाइट के माध्यम से अपने व्यक्तिगत दस्तावेज अपलोड करने के लिए कहा गया। प्रारंभ में थोड़े मुनाफे के बाद विभिन्न समय पर कुल 15 लाख 74 हजार रुपये की ठगी की।
डीसीपी ने बताया कि मामले में कार्रवाई करते हुए साइबर थाने की टीम ने सिरसा में दबिश दी। टीम ने अभय कुमार और जतिन कुमार उर्फ जयंत को गिरफ्तार किया। शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां अभय कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और जतिन कुमार से तीन दिन की पुलिस रिमांड के दौरान पूछताछ की जा रही है। डीसीपी ने बताया कि आरोपितों के बैंक खातों और मोबाइल फोन की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है ताकि साइबर ठगी की पूरी रकम की रिकवरी और अन्य संभावित वारदातों की जांच की जा सके।

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