हरियाणा, पंजाब, दिल्ली के बाद हिमाचल से भी जुड़े फर्जी पासपोर्ट के तार, शिमला का आरोपित एजेंट गिरफ्तार
फर्जी पासपोर्ट मामला अब शिमला से भी जुड़े तार पटियाला के जोरा सिंह का पासपोर्ट बनवाने वाला एजेंट चढ़ा पुलिस के हत्थे। रिमांड पर चल रहे पांच आरोपितों क ...और पढ़ें

करनाल, जागरण संवाददाता। हरियाणा के विभिन्न जिलों के साथ ही पंजाब, दिल्ली व केरल के बाद अब पासपोर्ट फर्जीवाड़़े के तार हिमाचल प्रदेश से भी जुड़ गए हैं। सीआइए टीम ने शिमला के रहने वाले आरोपित एजेंट श्याम वालिया को गिरफ्तार कर लिया है, जिसे तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है।
प्रारंभिक पूछताछ में रहस्योद्वाटन हुआ है कि पुलिस द्वारा पहले से ही पकड़े जा चुके पटियाला के जोरा सिहं का फर्जी पासपोर्ट श्याम वालिया ने अपने साथी सुधीर की मदद से बनवाया था। अब पुलिस सुधीर की तलाश में भी छापेमारी मेें जुट गई है। बता दें कि अब तक इस मामले में कुल 20 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इनमें से फिलहाल रिमांड पर चल रहे करनाल वासी अमित खटकड़, पटियाला वासी जोरा सिंह, जालंधर वासी सुनील लांबा, कुरुक्षेत्र वासी गौतम व कैथल वासी संदीप मटौर को सोमवार को फिर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। तीन दिन के रिमांड पर लिए गए श्याम वालिया से और भी राज खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं पुलिस ने अन्य आरोपितों की तलाश में सोमवार को भी दिल्ली से लेकर पंजाब तक छापेमारी की।
पंजाब, दिल्ली के दो-दो व केरल का एक आरोपित किया जा चुका गिरफ्तार
बता दें कि पासपोर्ट फर्जीवाड़े में करनाल पुलिस अभी तक पंजाब के पटियाला वासी जोरा सिंह व जालंधर वासी सुनील लांबा के अलावा दिल्ली के महेश नारंग व मनीष को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा केरल के रहने वाले अब्दुल वाहब को भी पुलिस गिरफ्त में लिया जा चुका है। फिलहाल ये आरोपित जेल पहुंच चुके हैं। वहीं अब आरोपित श्याम वालिया को शिमला से गिरफ्तार किया गया है, जिसके चलते पुलिस ने अपनी जांच का दायरा भी बढ़ा दिया है।
अमित के साथ महेश की भी भूमिका
करनाल में उजागर हुए पासपोर्ट फर्जीवाड़े में पुलिस मूल रूप से जींद के नगूरा के रहने वाले अमित खटकड़ को मुख्य सूत्रधार मानते हुए अपनी जांच आगे बढ़ा रही है। अमित ने ही सेक्टर 32-33 पुलिस थाने के दोनों मुंशियों के अलावा डाकिया विकास काम्बोज के साथ सेटिंग की थी। इसी के चलते जहां फर्जी पासपोर्टों पर फर्जी तरीके से ही मोहर लगाई जाती रही तो वहीं पासपोर्ट की डिलीवरी भी सही ढंग से नहीं होने दी थी। फर्जी पतों के आधार पर बनाए गए पासपोर्ट की डिलीवरी भी कहीं और ली जाती रही। वहीं अमित के अलावा अंबाला के रहने वाले रमन उर्फ रवि व दिल्ली के रहने वाले महेश नारंग की भी अहम भूमिका रही है। पुलिस हर कड़ी को जोड़ने में लगी है।
पिछले चार साल में करनाल पुलिस द्वारा की गई पासपोर्ट की वेरिफिकेशन
साल-----------पासपोर्ट
2017--------32144
2018--------40554
2019---------42100
2020---------20496
2021---------36182
2022---------2811--- 31 जनवरी तक
सभी आरोपितों को जल्द करेंगे जाएगा गिरफ्तार : एसपी
एसपी गंगाराम पूनिया का कहना है कि अभी तक पासपोर्ट फर्जीवाड़े से संबंधित सेक्टर 32-33 थाने में ही दर्ज सात मामलों में 20 आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। अन्य आरोपितों को भी जल्द गिरफ्त में ले लिया जाएगा। इसके लिए टीमें हर संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही हैं। वहीं अन्य थानों से संबंधित पासपोर्ट वेरिफिकेशन में अभी तक कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है।

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