Panipat Fire: मरने से पहले 12 लोगों को जिंदगी दे गया आशीष, खुद नहीं आ सका बाहर; 22 घंटे बाद बुझी आग
पानीपत की रिफाइनरी रोड पर स्थित भारत नगर में एक कंबल फैक्ट्री में शनिवार दोपहर लगी आग रविवार दोपहर करीब एक बजे बुझ पाई। इस हादसे में फैक्ट्री मालिक के ड्राइवर आशीष गौतम की मौत हो गई। आशीष ने आग में फंसे 12 लोगों को बचाया लेकिन खुद बाहर नहीं निकल सके। दमकलकर्मियों को आग बुझाने में 22 घंटे लगे।

आशु गौतम, पानीपत। रिफाइनरी रोड पर भारत नगर में शनिवार दोपहर तीन बजे कंबल फैक्ट्री में लगी आग रविवार दोपहर करीब एक बजे बुझ पाई। दमकलकर्मियों को आग बुझाने के लिए 22 घंटे की मशक्कत करनी पड़ी। आग में जिंदा जले फैक्ट्री मालिक के ड्राइवर आशीष ने मरने से पहले बहादुरी का परिचय दिया था। आग में फंसे 12 लोगों को बाहर निकालने के बाद अशीष खुद बाहर नहीं आ सका।
पोस्टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार मृतक 100 प्रतिशत तक झुलस गया था, जिस वजह से उसकी जान चली गई। मूल रूप से उत्तरप्रदेश के शामली क्षेत्र के गांव खरड़ व हाल में गांव शिमला मौलाना निवासी आशीष के बड़े भाई आदेश ने बताया कि उसका भाई निडर था।
शनिवार को जब आग लगी तो उस समय 10-12 श्रमिक आग बुझाने में जुटे हुए थे। भाई आशीष पहले एक सिलिंडर लेकर अंदर गया था। उसने खतरे को भांपते हुए एक-एक कर सभी को बाहर निकाला। उसके बाद वह दोबारा सिलिंडर लेकर अंदर गया था, लेकिन वह बाहर नहीं आ पाया।
इसी बीच रास्ते में पहले माल की गांठ गिरी और उसके बाद शेड गिरने से बाहर निकलने का रास्ता बंद हो गया। भाई ने दूसरे गेट से बाहर निकलने का प्रयास किया, लेकिन वह बाहर से बंद था, जिस वजह अंदर ही फंस गया और उसकी मौत हो गई।
सुबह 11 बजे भी लगी थी आग
आदेश ने बताया कि फैक्ट्री में यह आग दूसरी बार लगी थी। उसने बताया कि शनिवार सुबह 11 बजे भी फैक्ट्री में आग लगी थी, लेकिन उस समय फायर सेफ्टी सिलेंडर से आग बुझ गई थी, लेकिन दोपहर तीन बजे आग दोबारा सुलग गई और उसने विकराल रूप ले लिया।
दो घंटे बाद मिली मौत की सूचना
आदेश ने बताया कि 25 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के शामली क्षेत्र के गांव खरड़ में उसके चचेरे भाई आशु की शादी थी। शनिवार शाम बजे आशीष पत्नी और बच्चे को लेकर गांव के लिए निकलने वाला था, लेकिन दो घंटे पहले ही उसकी मौत की सूचना ने सबको स्तब्ध कर दिया।
फैक्ट्री में लगी आग पर शनिवार रात को ही काबू कर लिया था, लेकिन आग बार-बार सुलझ रही थी। शेड गिरने से पानी अंदर नहीं जा पा रहा था। इस कारण आग बुझाने में 22 घंटे लगे। -गुरमेल सिंह, दमकल अधिकारी, पानीपत।
स्वजन के बयान दर्ज कर रविवार को शव का पोस्टमार्टम कराकर सौंप दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलेगा शव कितने प्रतिशत झुलसा हुआ था, मौत के क्या कारण रहे।- देवेंद्र कुमार, प्रभारी, पुराना औद्योगिक थाना
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।