अमित खटकड़ के शातिराना खेल में फंसते चले गए पुलिसकर्मी,अपराधियों के फर्जी पासपोर्ट की करते रहे वेरिफिकेशन
पासपोर्ट फर्जीवाड़े मामले में पुलिस अभी तक इस मामले में 19 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है जिनमें से 11 आरोपित जेल जा चुके हैं। शनिवार को ही गिरफ्तार ...और पढ़ें

करनाल, जागरण संवाददाता। पासपोर्ट फर्जीवाड़े में अब एक के बाद एक राज खुलने लगे है। सेक्टर 32-33 पुलिस थाने के उजागर हुए इस फर्जीवाड़े का करनाल में मुख्य सूत्रधार फूसगढ़ रोड पर कामन सर्विस सेंटर संचालक एवं जींद जिले के गांव नगूरा का रहने वाला महज 12वीं पास अमित खटकड़ ही निकला है। उसने सीएससी सेंटर की आड़ में पहले थाना के बड़े मुंशी हवलदार नवीन और छोटे मुंशी सिपाही राजेश से पहचान बढ़ाई और फिर वे उसके शातिराना जाल में फंसते चले गए। पहले से ही पासपोर्ट एजेंटों से संपर्क में आए अमित खटकड़ ने उन्हें बैठे-बैठाए हर पासपोर्ट पर 10 से 15 हजार रुपये कमाने का आफर दिया और फिर अपराधियों के फर्जी पासपोर्ट पर बिना किसी गवाही के ही मोहर लगाई जाती रही। फिलहाल रिमांड पर चल रहे अमित को सोमवार को अदालत में फिर पेश किया जाएगा। वहीं उसके साथ रिमांड पर लिए गए जोरा ङ्क्षसह वासी पटियाला, संदीप वासी गांव मटोर जिला कैथल, सुनील लांबा वासी जालंधर को भी सोमवार को ही फिर अदालत में पेश किया जाना है।
बता दें कि पुलिस अभी तक इस मामले में 19 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें से 11 आरोपित जेल जा चुके हैं। शनिवार को ही गिरफ्तार किए गए वीरेंद्र नगर नई दिल्ली वासी रुपिंद्र, अंबाला के गांव मल्लौर वासी गुरदयान व अमृतसर वासी रोहित को रविवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। मामले में आरोपित केरल के रहने वाले अब्दुल वाहाब को जेल भेज दिया गया है तो दिल्ली वासी महेश नारंग फिलहाल दस दिन के पुलिस रिमांड पर है।
पहले भी एक फर्जीवाड़े सहित दो मामलों में फंस चुका है अमित, पिता थे पुलिसकर्मी
पुलिस की मानें तो आरोपित अमित खटकड़ के पिता चंद्रहास पुलिस विभाग में तैनात थे। पदोन्नत हवलदार रहते उनकी 2017 में अचानक मौत हो गई थी। अमित का पहले भी अपराधिक रिकार्ड रहा है। पुलिस के मुताबिक वह बसंत विहार गली नंबर 15 में परिवार सहित रह रहा है, तो कई साल से सीएससी सेंटर भी चला रहा है। उसके खिलाफ 16 अप्रैल 2019 में सदर थाने में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें उस पर थाने के होमगार्ड सतीश कुमार के साथ एक युवती के साथ दुष्कर्म मामले में थाने में ही मारपीट करने व आरोपित को सामने से ही भगाने के आरोप लगे थे। यहीं नहीं फरवरी 2020 में उस पर अपने सेंटर से प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड फर्जी तैयार किए जाने के आरोप लगे थे, जिसमें भी केस दर्ज किया गया था। सेंटर पर बनाए जाने वाले दस्तावेजों की वेरिफिकेशन के चलते वह संबंधित लोगों के साथ थाने जाता था, जिसके चलते उसने दोनों मुंशियों से पहचान भी बढ़ा ली थी।
एक साल पहले ही थाने में तैनात हुए थे दोनों मुंशी
पासपोर्ट फर्जीवाड़े में फंसे सेक्टर 32-33 थाने के बड़े मुंशी हवलदार नवीन कुमार वासी भैंसवाल कलां जिला सोनीपत ने यहां 2020 में तो छोटे मुंशी सिपाही राजेश कुमार वासी पट्टिकल्याणा, समालखा जिला पानीपत ने 2021 में ही यहां डय़ूटी ज्वाइन की थी। पुलिस के अनुसार जांच में पता चला है कि अमित खटकड़ के जाल में फंसे ये दोनों आरोपित हर पासपोर्ट की वेरिफेशन के 10 से 15 हजार रुपये लेते थे। राजेश कुमार को पांच दिन के रिमांड पर लिया गया, जिसे दो फरवरी को जेल भेज दिया गया। वहीं नवीन कुमार को दो दिन के रिमांड पर लिया गया था, जिसे 31 जनवरी को जेल भेज दिया गया। पुलिस अनुसार उन्होंने रिमांड के दौरान आरोपित अमित खटकड़ के बुने जाल का रहस्योद्वाटन किया है। दोनों पुलिसकर्मियों का पहले ऐसा रिकार्ड सामने नहीं आया है।
कुरुक्षेत्र का रहने वाला है आरोपित अमरजीत
पासपोर्ट फर्जीवाड़े में कुरुक्षेत्र के गांव जोराशी कलां का रहने वाला अमरजीत भी फंसा है, जो पुलिस गिरफ्त में आ चुका है। जबकि डाक विभाग में कार्यरत रहते हुए फर्जीवाड़े में सामने आए आरोपित विकास काम्बोज करनाल के चोरा खालसा गांव का रहने वाला है। पुलिस इनका भी रिकार्ड खंगालने में जुटी है।
तैयार करते थे पासपोर्ट के लिए फर्जी दस्तावेज
शनिवार को ही पुलिस रूङ्क्षपद्र सिंह वासी वीरेंद्र नगर, नई दिल्ली, रोहित अरोड़ा वासी अमृतसर व गुरदियान वासी गांव मल्लौर जिला अंबाला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिन्हें चार दिन के रिमांड पर लिया गया है। पुलिस अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि ये फर्जी पते पर पासपोर्ट बनवाने के लिए आधार कार्ड व अन्य फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। आरोपितों से रिमांड के दौरान और भी राज खुलने की उम्मीद है।
विभिन्न राज्यों में पुलिस की छापेमारी जारी : एसपी
एसपी गंगा राम पूनिया का कहना है कि सीआइए की तीनों टीमें सभी मामलों की जांच में जुटी है और दिल्ली, पंजाब सहित अन्य राज्यों में भी छापेमारी की जा रही है, ताकि सभी आरोपित पकड़े जा सके। अभी अन्य थानों के रिकार्ड की जांच में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। यह जांच अभी भी जारी है।

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