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    रिमांड पर हत्यारा संजीव, चांगनौली की रिहायश के दस्तावेजों को तैयार कराने का कनेक्शन तलाशेगी पुलिस

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 03 Feb 2021 07:00 AM (IST)

    पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया हत्याकांड मामले में हत्‍यारा संजीव को रिमांड पर लिया गया है। अब पुलिस उससे चांगनौली की रिहायश के दस्‍तोवजों को तैयार कराने के कनेक्‍शन को तलाशेगी। वहीं पता किया जाएगा कि किस तरह से दस्‍तावेज तैयार करवाए गए।

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    पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया हत्याकांड का दोषी संजीव।

    पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया सहित उनके परिवार के आठ लोगों के हत्यारे संजीव कुमार को सीआइए टू की टीम ने मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे दो दिन के रिमांड पर लिया है। सीआइए टू के इंचार्ज महरूफ अली ने बताया कि पुलिस पता लगाएगी कि फरार होने के बाद वह किन जगहों पर गया था। उसने पैरोल लेने के लिए चांगनौली के दस्तावेज किस तरह से तैयार कराए।

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    24 अगस्त 2001 को हिसार जिले की बरवाला विस सीट से विधायक रहे रेलूराम पूनिया, उनकी पत्नी कृष्णा, बेटे सुनील, बहु शकुंतला, बेटी प्रियंका, चार साल के पोते लोकेश, ढाई साल की पोती शिवानी और डेढ़ माह की प्रीती की पूनिया के दामाद संजीव कुमार व उसकी पत्नी सोनिया ने हत्या कर दी थी। 31 मई 2004 को कोर्ट ने संजीव व सोनिया को फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में उनकी सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया। बाद में संजीव व सोनिया अंबाला, जगाधरी(यमुनानगर), कुरुक्षेत्र, झज्जर, रोहतक व फरीदाबाद की जेलों में रहे।

    वर्ष 2008 में संजीव को जगाधरी में किया गया था ट्रांसफर

    वर्ष 2008 में संजीव अंबाला की जेल में बंद था। यहां पर उसने कैदियों के साथ मिलकर भागने के लिए सुरंग बनाने की कोशिश की। इसके बाद संजीव को जगाधरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया। यहां उसकी मुलाकात चांगनौली के पूर्व सरपंच बलदेव के बेटे कुलबीर से हुई थी। संजीव ने कुलबीर से कहा था कि उसकी मां बीमार रहती है और सहारनपुर से उसे मिलने भी नहीं आ सकती। वह अकेली रहती है। उसे यहां पर कमरा किराये पर दिलवा दो। जिससे वह उससे मिलने आ सके। इसके बाद ही उसके यहां पर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए गए थे। जिसकी तस्दीक भी पूर्व सरपंच बलदेव ने ही नंबरदारों से कराई थी। यहीं के पते पर उसने पैरोल के लिए अर्जी लगाई थी। कई बार उसने यहीं के पते के आधार पर पैरोल भी ली।

    2018 में भेजा गया था कुरुक्षेत्र जेल में

    वर्ष 2018 में संजीव को कुरुक्षेत्र जेल में भेजा गया था। उसने माह में पैरोल के लिए अर्जी लगाई थी। 31 मई को उसे वापस लौटना था, लेकिन वह नहीं लौटा। दस जून तक जब वह वापस नहीं लौटा, तो कुरुक्षेत्र जेल के डीएसपी ने बिलासपुर थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज कराया। इसके बाद से ही वह फरार था। अब एसटीएफ ने उसे उत्तर प्रदेश के मेरठ से पकड़कर सीआइए टू के हवाले कर दिया है।

    अपराधियों के संपर्क में तो नहीं रहा संजीव

    सीआइए टू के इंचार्ज महरूफ अली ने बताया कि संजीव को रिमांड पर लिया है। पैरोल से फरार होने के बाद वह तीन साल तक कहां-कहां गया और किन लोगों के संपर्क में आया। इसके बारे में भी पुलिस पता कर रही है। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि फरारी के दौरान संजीव अपराधियों के संपर्क में तो नहीं रहा या फिर उसने कोई वारदात को अंजाम तो नहीं दिया।