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    पंचायत समिति चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 62 दिन बाद गिरा, बैठक में कोरम नहीं हो सका पूरा

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 04:26 PM (IST)

    धारूहेड़ा पंचायत समिति के चेयरमैन दलबीर सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कोरम के अभाव में गिर गया। 15 सदस्यों की जगह केवल 14 सदस्य ही पहुंचे। एक वर्ष तक दोबारा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता, जिससे दलबीर सिंह का पद सुरक्षित है। 19 सितंबर को 16 सदस्यों ने शपथ पत्र दिया था, जिसके बाद वे भ्रमण पर निकल गए थे। 21 नवंबर को हुई बैठक में कोरम पूरा नहीं हो सका।

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    जागरण संवाददाता, रेवाड़ी। धारूहेड़ा पंचायत समिति के चेयरमैन दलबीर सिंह के खिलाफ अविश्वास कोरम के अभाव में गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव के लिए 15 सदस्यों का पहुंचना जरूरी था, लेकिन 14 सदस्य ही बैठक में पहुंच पाए।

    बैठक में पंचायत समिति सदस्य मनीषा व रजनी नहीं पहुंच पाए थे। अविश्वास प्रस्ताव गिरने के एक वर्ष तक दोबारा इसको लेकर बैठक नहीं बुलाई जा सकती है। ऐसे में दलबीर का चेयरमैन पद पर बने रहता तय माना जा रहा है।

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    बता दें कि धारूहेड़ा पंचायत समिति के चेयरमैन दलवीर के खिलाफ कूल 22 में से 16 सदस्यों ने 19 सितंबर को उपायुक्त को शपथ पत्र देकर अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही थी। इसके बाद से ही सभी 16 सदस्य भ्रमण पर निकल गए थे।

    इस बीच एडीसी राहुल मोदी ने 24 अक्टूबर की तारीख को अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक निश्चित की थी, लेकिन एडीसी के अवकाश पर चले जाने के कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया था।

    इसके बाद 21 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए बैठक बुलाई गई थी। इस बीच वार्ड नंबर-7 की सदस्य रीना के पति ने धारूहेड़ा पुलिस को शिकायत देकर उसकी पत्नी को अगवा करने का आरोप लगाया था, लेकिन रीना वीडियो जारी कर अपनी मर्जी से अन्य सदस्यों के साथ भ्रमण पर जाने की बात कबूल की थी।

    पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार यानि 21 सितंबर को अतिरिक्त उपायुक्त राहुल मोदी की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में अविश्वास प्रस्ताव की बैठक बुलाई गई थी। निर्धारित समय 10 बजे चेयरमैन के खिलाफ केवल 14 सदस्य ही पहुंच पाए। अविश्वास के लिए 15 सदस्यों का होना जरूरी था। ऐसे में यह अविश्वास प्रस्ताव एक मत से गिर गया।

    एक साल 10 दिन का बचा कार्यकाल

    बता दें कि धारूहेड़ा पंचायत समिति के चेयरमैन दलबीर का कार्यकाल 1 साल 10 दिन बचा है। अविश्वास प्रस्ताव गिरने की स्थिति में अगली बैठक एक साल बाद ही बुलाई जा सकती है। ऐसे में पंचायत समिति चेयरमैन पद पर दलबीर सिंह का बना रहना तय है। अब पंचायत समिति का कार्य पूर्व की भांति चलेगा।

    16 सदस्य 62 दिन भ्रमण पर रहे 

    19 सितंबर को चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के शपथ पत्र देने के बाद से ही सभी 16 सदस्य भ्रमण पर निकल गए थे। ऐसे में 62 दिन भ्रमण पर रहने के बाद 19 नवंबर को सभी वापस लौट आए थे। बताया जा रहा है कि दो दिन के अंतराल में ही चेयरमैन पक्ष की ओर से दो सदस्यों को मना लिया गया।

    सचिवालय गेट पर हुआ था हाई वोल्टेज ड्रामा

    24 अक्टूबर को भी अविश्वास प्रस्ताव के लिए बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान वार्ड नंबर-7 की सदस्य रीना की मां व उसके पति ने अन्य लोगों के साथ हंगामा कर दिया था। सचिवालय के मुख्य गेट के सामने सदस्यों एवं रीना के स्वजन के बीच हाथापाई की नौबत आई गई थी। इस बीच सदस्य रीना का एक आडियो जारी कर बताया था कि वह अपनी मर्जी से चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में अन्य सदस्यों के साथ है।

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    प्रशासन की ओर से भेदभाव किया गया। हमारे दोनों सदस्य भी बैठक में पहुंचते, लेकिन प्रशासन ने केवल आधा घंटे का ही समय दिया। आधा घंटे बाद बैठक को स्थगित कर दिया गया। ऐसा ही 24 अक्टूबर की बैठक में हुआ था। सभी 16 सदस्य हमारे साथ थे, लेकिन अधिकारी अवकाश पर चले गए थे।


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    -रोहित यादव, पंचायत समिति सदस्य

    निर्धारित समय पर अधिकारी व पंचायत समिति सदस्य पहुंच गए थे। अविश्वास प्रस्ताव के लिए 15 सदस्यों का होना जरूरी था, लेकिन बैठक में केवल 14 सदस्य ही पहुंचें। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव एक मत से गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव गिरने की स्थिति में एक वर्ष तक दोबारा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता है।


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    -राहुल मोदी, अतिरिक्त उपायुक्त