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    'फोटो खींचकर सबूत दो', इस यूनिवर्सिटी में मासिक धर्म के दौरान महिला सफाई कर्मी से भद्दी हरकत; दो कर्मचारी निलंबित

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 07:52 PM (IST)

    एमडीयू में महिला सफाई कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है, जिसमें महावारी की पुष्टि के लिए कपड़े उतरवाने का आरोप है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है और मामले की जांच जारी है। पीड़ित महिलाओं ने महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है। सफाई कर्मचारी आयोग ने विश्वविद्यालय प्रशासन से स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिए हैं।

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    MDU में सुपरवाइजर ने महिला सफाई कर्मचारियों कपड़े उतरवाकर मासिक धर्म का सबूत मांगा (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, रोहतक। हरियाणा राज्यपाल के दौरे के बीच अचानक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में हुई शर्मनाक घटना ने महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

    विवि में महिला सफाई कर्मचारियों से कपड़े उतरावर उनसे महावारी की पुष्टि करवाने जैसी हरकत के बाद अधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। पीड़ित महिलाओं ने इस मामले में महिला आयोग, मानवाधिकार आयोग को भी लिखित में शिकायत भेज है।

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    पीड़ित महिलाओं ने आपबीती बताते हुए कहा कि दो सुपरवाइजर ने कार्य तेजी से न करने पर हम पर दबाव डाला। जब उन्हें बताया कि महावारी व शारीरिक पीड़ा के कारण उनसे निरंतर तेज काम नहीं हो सकता, तो सुपरवाइजर ने उन्हें प्राइवेट पार्ट्स की फोटो खींच कर दिखाने जैसी शर्मनाक बात कह डाली।

    मना करने पर महिला कर्मचारियों को दी गई गालियां

    जब इस बात का विरोध किया तो उन्हें गालियां दी गईं और नौकरी से हटाने की धमकी दी गई। दबाव के चलते वे वाशरूम में जाकर फोटो खींचने को मजबूर हुईं। आरोप है कि इस कार्रवाई का आदेश एक अन्य अधिकारी ने दिया था। महिला कर्मियों ने विश्वविद्यालय और पुलिस प्रशासन से तत्काल कानूनी एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।

    महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क निदेशक ने स्पष्ट किया है कि कार्यस्थल पर असुरक्षा की किसी भी घटना को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हाल ही में विश्वविद्यालय परिसर में हुई घटना संबधित दर्ज एक शिकायत के संदर्भ में, कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने तत्काल प्रभाव से कठोर कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

    दोनों सुपरवाइजर निलंबित

    आदेशानुसार, दोनों, एचकेआरएन सेवारत सैनिटरी सुपरवाइजरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। यह निलंबन उनके विरुद्ध चल रही अनुशासनात्मक कार्यवाही पर किसी भी प्रकार की पूर्वाग्रह रहित कार्रवाई के रूप में रहेगा। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय रोहतक रहेगा और वे सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे।

    यह आदेश उप-कुलसचिव (स्थापना गैर-शिक्षण) की ओर से कुलसचिव के आदेशानुसार 27 अक्टूबर 2025 को जारी किया गया है। साथ ही यह केस इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी को आगे की कार्यवाही के लिए दे दिया है।

    आयोग से चार दिन का मांगा समय

    महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में महिला सफाईकर्मियों से हुई कथित बदसलूकी का मामला चंडीगढ़ तक पहुंच गया है। मंगलवार देर शाम चंडीगढ़ से मुख्य तौर पर सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष कृष्ण कुमार पहुंचे।

    उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन, कर्मचारियों और छात्र प्रतिनिधियों के साथ राधाकृष्णन सभागार में करीब तीन घंटे लंबी बैठक की। बैठक में एचकेआरएन के अधीन कार्यरत सफाई कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर और स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश दिए गए। वहीं विवि प्रशासन की ओर से मामले में कार्रवाई करने के लिए चार दिन का समय मांगा गया है।

    एमडीयू प्रशासन ने इस गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो सैनिटरी सुपरवाइजरों को निलंबित कर दिया है, जबकि तीसरा आरोपित अवकाश पर है। महिला सफाई कर्मचारियों ने एफआइआर दर्ज करवाने की मांग की है।

    बुधवार को बुलाई गई बैठक

    इसके लिए मंगलवार सुबह कर्मचारी एमडीयू के राधाकृष्णन सभागार के पास एकत्र भी हुए। प्रकरण की जांच विश्वविद्यालय की इंटरनल कंप्लेंट्स कमेटी की ओर से की जाएगी, जिसकी बैठक बुधवार सुबह बुलाई गई है। विश्वविद्यालय ने यह मामला पुलिस को भी सौंप दिया है।

    बैठक में सफाई कर्मचारियों की समस्याओं और कार्य परिस्थितियों पर भी चर्चा की गई। आयोग अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि एचकेआरएन के सफाई कर्मचारियों के लिए एसओपी और नियमावली तैयार कर उन्हें अधिक से अधिक लाभ दिए जाएं।

    बैठक में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. कृष्णकांत गुप्ता, संपदा अधिकारी डा. भगत सिंह, नगर निगम केे मेयर रामअवतार वाल्मीकि, शिक्षक संघ अध्यक्ष डा. विकास सिवाच, गैर-शिक्षक कर्मचारी संघ अध्यक्ष अनिल मल्होत्रा, और छात्र नेता प्रदीप मोटा और विक्रम डूमोलिया भी मौजूद रहे। हालांकि, छात्र नेताओं ने बैठक से बीच में ही वॉकआउट कर दिया। 

    राज्यपाल के दौरे के दौरान हुई घटना

    बता दें कि रविवार को राज्यपाल के दौरे के दौरान एमडीयू परिसर में महिला सफाईकर्मियों ने आरोप लगाया था कि माहवारी के कारण अवकाश मांगने पर एक सुपरवाइजर ने उनकी बात अनसुनी करते हुए कथित तौर पर कपड़े उतरवाए और फोटो तक लिए गए। इस घटना से आक्रोश फैल गया और महिला कर्मियों ने हंगामा कर दिया था।

    एमडीयू के  कुलसचिव डॉ. कृष्णकांत ने कहा कि महिला सफाई कर्मचारियों की शिकायत के मामले में प्रोफेसर इन चार्ज डॉ. भगत सिंह देख रहे हैं। यह 26 अक्टूबर का मामला है और 27 को शिकायत आई थी।

    मामले की गंभीरता को देखते हुए दो कर्मचारियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया है। विवि स्तर पर इंटरनल शिकायत कमेटी को मामला दिया गया है। उसकी रिपोर्ट केे आधार पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी। वहीं मामले को पुलिस को भी सौंप दिया गया है।