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    हरियाणा में डेरी प्रोडक्ट बनाने की फैक्ट्री पर छापा, अधिकारी खुद चखकर की टेस्टिंग तो पता चल गई ये बात

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 03:14 PM (IST)

    खाद्य सुरक्षा विभाग और सीएम फ्लाइंग स्क्वाड ने एक डेयरी उत्पादन फैक्ट्री पर संयुक्त छापा मारा। फैक्ट्री में अनियमितताएं पाई गईं और जांच के लिए सैंपल भेजे गए। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है, ताकि डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बनी रहे। मिलावट करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    फैक्ट्री से खाद्य सामग्रियों के लिए गए सैंपल के साथ जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी व मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम। जागरण

    संवाद सहयोगी, जागरण (गन्नौर)। खाद्य सुरक्षा विभाग एवं मुख्यमंत्री उड़नदस्ता की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी करते हुए एक डेयरी उत्पाद बनाने की फैक्ट्री से खाद्य सामग्रियों की सैंपल लिए। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. बीरेंद्र यादव व सीएम फ्लाइंग से निरीक्षक राजेश कुमार व राजेश कुमार और उनकी टीम ने शुक्रवार को हरिनगर के निकट सूरजभान कालोनी स्थित एक फैक्ट्री पर छापेमारी की।

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    टीम को फैक्ट्री से करीब 300 किलोग्राम सफेद मक्खन, 40 किलोग्राम मावा व 57.5 किलोग्राम पनीर बरामद हुआ। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों के अलग-अलग सैंपल लेकर सील किया, जिन्हें जांच के लिए खाद्य प्रयोगशाला करनाल में भेजा जाएगा। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद विभाग व सीएम विभाग की टीम द्वारा आगामी कार्रवाई की जाएगी।

    मौके से मिले रिफाइंड व वनस्पति घी के टीन

    छापेमारी के दौरान फैक्ट्री से टीम को काफी मात्रा में रिफांड तेल व वनस्पति घी के टीन बरामद मिले। जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. बीरेंद्र यादव के अनुसार फैक्ट्री में कम वसा वाले दूध में वसा की मात्रा बढ़ाने के लिए इनकी मिलावट की जा रही होगी, जो खाने योग्य तो है, लेकिन यह स्वास्थ्य संबंधी जोखिम हो सकते हैं। हालांकि लैब की रिपोर्ट ओने के बाद ही इसका पता चल पाएगा। यदि सैंपल फैल हुए तो इसकी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

    ढाबों में सप्लाई, नहीं मिला लाइसेंस

    जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. बीरेंद्र यादव ने बताया कि विक्रम नाम के व्यक्ति ने यह फैक्ट्री खोल रखी थी। उसने यह नया काम शुरू किया है। यहां से ढाबों में खाद्य पदार्थों की सप्लाई की जाती है। इसके लिए एफएसएसएआई लाइसेंस होना अनिवार्य है। फैक्ट्री संचालक विक्रम फैक्ट्री में मौजूद नहीं था, उसकी धर्मपत्नी से लाइसेंस के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि लाइसेंस के लिए आवेदन कर रखा है। अब फैक्ट्री संचालक को आवेदन से संबंधित दस्तावेज दिखाने के लिए तीन दिन का नोटिस दिया है। यदि इस संबंध में दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किए गए तो नियमानुसार कार्रवाई होगी।

    मिट्टी में दबवाया खराब पनीर और मावा

    छापेमारी के दौरान जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. बीरेंद्र यादव ने सभी खाद्य सामग्रियों को खुद चख कर परीक्षण किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई सामग्री अत्यधिक खराब तो नहीं है। उन्होंने खराब पनीर और मावा को पास में खोदी गई मिट्टी में दबा दिया और यह चेतावनी दी कि फैक्ट्री में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।