Haryana News: दो महीने में 25,474 परिवार बीपीएल सूची से बाहर, गरीबों की बढ़ी मुश्किलें
सोनीपत जिले में पिछले दो महीनों में 25,474 परिवारों को बीपीएल सूची से हटा दिया गया है, जिससे अब केवल 2,13,347 परिवार ही इस सूची में शामिल हैं। बिजली बिल 24,000 रुपये से अधिक होने पर कार्ड काटा जा रहा है, जिससे गरीब परिवारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उपभोक्ताओं को बिजली बिल नियंत्रित रखने और राशन समय पर लेने की सलाह दी गई है।

गरीबी रेखा (बीपीएल) से बाहर किए गए परिवारों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
संदीप कुमार, सोनीपत। जिले में बीते दो महीनों में गरीबी रेखा (बीपीएल) से बाहर किए गए परिवारों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। दो महीने में 25,474 परिवारों को बीपीएल सूची से हटाया गया, जिसके बाद अब जिले में 2,13,347 परिवार ही बीपीएल सूची में शामिल रह गए हैं।
लगातार काटे जा रहे बीपीएल कार्डों ने गरीब परिवारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अब बिजली बिल का मापदंड उपभोक्ताओं के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है। कई परिवार आरोप लगा रहे हैं कि बिना सही जांच के भी कार्ड काट दिए जाते हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं की मांग है कि उनका बीपीएल कार्ड काटने से पहले जांच की जाए।
बीपीएल परिवारों को अपने बिजली बिल पर भी विशेष ध्यान देना होगा। नए नियम के अनुसार यदि किसी परिवार का बिजली बिल 24,000 रुपये या उससे अधिक पाया जाता है, तो उसका बीपीएल कार्ड काट दिया जाएगा। बीपीएल सूची में केवल वही परिवार रहें, जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
हालांकि, लाभार्थियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई और बिजली उपकरणों के उपयोग के कारण बिल बढ़ जाना असामान्य नहीं है, फिर भी कार्ड काट दिया जाता है। वहीं, जो उपभोक्ता लगातार छह माह तक राशन डिपो से अनाज नहीं लेते, तो भी उनका कार्ड स्वचालित रूप से निष्क्रिय माना जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि कई कार्ड ऐसे परिवारों के पास हैं जो वास्तव में बीपीएल श्रेणी में नहीं आते, लेकिन कार्ड बनाए रखते हैं। इसी कारण नियमित सत्यापन और उपयोग की निगरानी अनिवार्य की गई है।
हर महीने कट रहे हैं हजारों की संख्या में कार्ड, बढ़ी परेशानियां
बीपीएल सूची की नियमित जांच के चलते महीने दर महीने कई कार्ड हटाए जा रहे हैं। इससे उन परिवारों पर सीधा असर पड़ रहा है जो सरकारी योजनाओं पर निर्भर रहते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर ऐसे मामले अधिक सामने आ रहे हैं, जहां जानकारी के अभाव में या रिकार्ड अपडेट न होने पर भी कार्ड काट दिया जाता है।
बीपीएल कार्ड कटने से प्रभावित परिवारों को मिलने वाली तमाम सरकारी सुविधाएं बंद हो जाती हैं। बीपीएल कार्ड धारकों को सरकार की ओर से राशन डिपो से सस्ता अनाज, आटा, चावल, दाल, तेल और चीनी मिलता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना और अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में प्राथमिकता दी जाती है।
दोबारा बीपीएल सूची में आना हो जाता है मुश्किल
कार्ड कटने के बाद न केवल यह सुविधाएं रुक जाती हैं, बल्कि परिवार को दोबारा बीपीएल सूची में शामिल कराने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इसी कारण कई परिवार विभाग कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। गरीब परिवार होने के चलते पहले ही आर्थिक परेशानी से गुजरते हैं और राशन बंद होने व बार-बार सरकारी कार्यालय के चक्कर लगाने में मुसीबत हो बढ़ जाती है। ऐसे में सरकार को बीपीएल सूची को पारदर्शी और सही बनाना चाहिए, ताकि लाभ केवल पात्र परिवारों तक पहुंचे।
| जिला | बीपीएल कार्ड | लाभार्थी सदस्य |
|---|---|---|
| अंबाला | 1,68,986 | 6,33,957 |
| भिवानी | 2,04,492 | 7,63,683 |
| चरखी दादरी | 76,630 | 2,83,570 |
| फरीदाबाद | 2,64,520 | 10,52,001 |
| फतेहाबाद | 1,68,805 | 6,33,829 |
| गुरुग्राम | 1,22,792 | 4,58,567 |
| हिसार | 2,94,898 | 11,11,753 |
| झज्जर | 1,32,026 | 4,90,070 |
| जींद | 2,29,833 | 8,93,009 |
| कैथल | 1,87,733 | 7,20,850 |
| करनाल | 2,57,609 | 9,84,667 |
| कुरुक्षेत्र | 1,56,851 | 5,90,207 |
| महेंद्रगढ़ | 1,45,624 | 5,32,474 |
| मेवात (नूह) | 2,30,431 | 11,95,331 |
| पलवल | 2,04,236 | 8,74,457 |
| पंचकूला | 70,824 | 2,85,457 |
| पानीपत | 2,08,106 | 8,30,280 |
| रेवाड़ी | 1,31,877 | 4,79,206 |
| रोहतक | 1,51,352 | 5,74,609 |
| सिरसा | 2,24,847 | 8,40,874 |
| सोनीपत | 2,13,247 | 8,21,308 |
| यमुनानगर | 2,20,961 | 8,44,265 |
सरकार के नियमों के अनुसार ही बीपीएल सूची निर्धारित की जाती है। उपभोक्ता अपना बिजली बिल नियंत्रित रखें और राशन समय पर लेते रहें। आधार और परिवार पहचान पत्र की जानकारी नियमित रूप से अपडेट करवाते रहें, ताकि परेशानी का सामना न करना पड़े। - मनीषा, डीएफएससी, सोनीपत

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