सोनीपत को सर्वाधित प्रदूषित शहर बनाने में मुरथल औद्योगिक क्षेत्र जिम्मेदार, CPCB की छापेमारी में मिलीं खामियां
पिछले साल सोनीपत देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जिसके लिए मुरथल औद्योगिक क्षेत्र को जिम्मेदार माना गया। सीपीसीबी की छापेमारी में फैक्ट्रियों में कई गंभीर खामियां मिलीं, जैसे चिमनी में वेट स्क्रैबर की जगह डक्ट बाइपास और ईटीपी के आउटलेट पर मीटरों की कमी। पांच बड़ी फैक्ट्रियां सीपीसीबी के रडार पर हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
नंदकिशोर भारद्वाज, सोनीपत। पिछले साल सोनीपत कई बार देश में सर्वाधिक प्रदूषित शहर बना रहा। यहां पर प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक पाया गया। इसके लिए मुरथल औद्योगिक क्षेत्र को जिम्मेदार माना जा रहा है।
मुरथल औद्योगिक क्षेत्र के सामने ही डीक्रस्ट में प्रदूषण निगरानी सिस्टम लगा है। यहां की फैक्ट्रियाें कर चिमनियां लगातार धुआं उगल रही हैं। इनके धुएं से निगरानी सिस्टम के आंकड़े बढ़ जाते हैं और सोनीपत देश में सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की श्रेणी आ जाता है। इसकी पुष्टि शुक्रवार को सीपीसीबी, एचएसपीसीबी और प्रशासन के अधिकारियों की टीमों की मुरथल औद्योगिक क्षेत्र की कई बड़ी फैैक्ट्रियों की जांच में हो गई। इन फैक्ट्रियों में कई गंभीर खामियां मिली हैं।
गोहाना की एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय, सीपीसीबी की अधिकारी जिज्ञासा, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सोनीपत के अधिकारी अमित कुमार, पंचायती राज के एक्सईएन कुलबीर फोगाट की अगुवाई वाली टीम सुबह नौ बजे के करीब मुरथल औद्योगिक क्षेत्र की मिनरल वाटर की एक फैक्ट्री में पहुंची और जांच शुरू की।
इसके बाद टीम ने कोरल ड्रग्स, बीके आनंद फूड्स प्राइवेट लिमिटेड में जांच की। टीम ने लंच के बाद गुलशन ढाबे पर पहुंचकर जांच की। टीम के अधिकारियों ने मौके पर ब्वायलरों, ईटीपी, डीजी सेट व अन्य मशीनों व उपकरणों की जांच की। टीम को इन फैक्ट्रियों की जांच में कई गंभीर खामियां मिली हैं। टीम के अधिकारी रिपोर्ट बनाकर सीएक्यूएम को सौंपेंगे, इसके बाद सोमवार या मंगलवार तक कार्रवाई के आदेश जारी किए जा सकते हैं।
मिलीं खामियां
टीम जांच के लिए जब एक बड़े प्लांट में पहुंची तो अधिकारियोंं को चिमनी में वेट स्क्रैबर के स्थान पर डक्ट बाइपास मिली। यहां पर पानी छिड़कने वाला टैंक भी लीक था। इसके साथ ही ईटीपी के आउटलेट पर सीओडी व बीओडी के आंकड़े बताने वाले मीटर नहीं लगे थे। यहां पर पीएनजी संचालत दो डीजी सेट के आसपास डीजल बिखरा मिला।
अधिकारियों को इन्हें डीजल से चलाए जाने का अंदेशा हुआ। यहां पर सड़क की ओर ऊंची दीवार खड़ी कर ग्रीनबेल्ट को प्लांट के अंदर कर वहां अवैध निर्माण किया गया था। यहां पर कई माह पुराना वेस्ट डंप किया गया था। वेस्ट डंप किए जाने और अतिक्रमण से यहां लगे सफेदे के पेड़े सूख रहे हैं।
पांच बड़ी फैक्ट्रियां सीपीसीबी के रडार पर
मुरथल औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाली पांच बड़ी फैक्ट्रियां सीपीसीबी के रडार पर हैं। पिछले दिनों ने बोर्ड के अधिकारियों ने इन फैक्ट्रियों के संचालकों को तलब किया था। एक फैक्ट्री के संचालक को नोटिस देते हुए उन्हें तीन साल में खुद को जीरो डिस्चार्ज करने की चेतावनी दी गई, अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें अपना प्लांट बंद करना होगा। पर्यावरणीय नुकसान के लिए उन्हें एक लाख पौधे लगाने के आदेश दिए गए, लेकिन प्लांट संचालक दोनों ही मामलों में खानापूर्ति की है।

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