सोनीपत में आवारा कुत्तों का आतंक, हर दिन 30 से 35 लोग हो रहे हमले का शिकार
सोनीपत जिले में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन गई है, जिससे हर दिन 30 से 35 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं। कुत्तों के काटने से रेबीज का खतरा बना रहता है, जिसका इलाज भी महंगा है। नगर निगम ने मुरथल रोड पर एक कुत्ता नसबंदी एवं टीकाकरण केंद्र स्थापित किया है, जहाँ कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जा रहा है। नियंत्रण के लिए प्रयास जारी हैं।

सोनीपत जिले में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या एक गंभीर समस्या बन गई है।
जागरण संवाददाता, सोनीपत। जिले में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या लोगों के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। हर दिन 30 से 35 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं। इनमें स्कूली बच्चे, बुजुर्ग और आम लोग भी शामिल हैं।
पिछले दो सालों में कुत्तों के काटने के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिससे लोगों में दहशत है। अगर जल्द ही कुत्तों की आबादी पर काबू नहीं पाया गया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोगों को इनसे निजात मिलने की उम्मीद जगी है।
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कुत्ते कभी पैदल चलने वालों को काटते हैं तो कभी दोपहिया वाहन सवारों का पीछा करते हैं, जिससे कई सवार गिरकर घायल हो जाते हैं। लोग कुत्तों से इतने परेशान हैं कि अपने बच्चों को अकेले बाहर भेजने से भी कतराने लगे हैं।
कुत्ते अब तक बच्चों समेत कई लोगों को काट चुके हैं। कुत्तों के काटने से अक्सर रेबीज होने का डर बना रहता है और इलाज भी महंगा पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में एक टीके की कीमत 100 रुपये है। अगर किसी कारणवश सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पाता या इंजेक्शन खत्म हो जाते हैं, तो बाहर इलाज चार गुना महंगा हो जाता है। एक निजी अस्पताल में एक टीके की कीमत 400 रुपये है, यानी चार इंजेक्शन की कीमत 1,600 रुपये है।
कुत्तों से होने वाली समस्याएं
- कुत्ते आतंक का पर्याय बनते जा रहे हैं। वे दोपहिया वाहन चालकों का पीछा करते हैं और उन्हें गिरा देते हैं।
- कई जगहों पर, खूँखार कुत्ते लोगों को काटते हैं, और गर्मियों में ऐसे मामले बढ़ जाते हैं।
- प्रतिदिन 30 से 35 लोग कुत्तों के काटने की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं।
- नसबंदी में रुकावटों के कारण, कुत्तों की आबादी तेजी से बढ़ रही है।
कुत्ते के काटने पर
कुत्ते के काटने पर, सबसे पहले घाव को अच्छी तरह धोएँ। एंटीबायोटिक्स लगाएँ। फिर, 48 घंटों के भीतर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएँ। तीसरे दिन दूसरा इंजेक्शन लगवाएँ। सातवें दिन तीसरा इंजेक्शन लगवाएँ। फिर, 28 दिनों के भीतर चौथा इंजेक्शन लगवाएँ।
मुरथल में टीकाकरण केंद्र स्थापित
नगर निगम ने मुरथल रोड पर एक कुत्ता नसबंदी एवं टीकाकरण केंद्र स्थापित किया है। "फ्रेंडिको" नामक संस्था को कुत्तों की नसबंदी एवं टीकाकरण का कार्य सौंपा गया है। पिछले डेढ़ वर्षों में, केंद्र में लगभग 7,800 आवारा कुत्तों का टीकाकरण किया गया है, जिनमें से 7,500 की नसबंदी की गई है। इस दौरान केवल तीन कुत्तों की मृत्यु हुई। इसके अतिरिक्त, हिंसक कुत्तों के लिए एक आश्रय स्थल बनाने की योजना जल्द ही शुरू की जाएगी। जल्द ही एक टोल-फ्री नंबर जारी किया जाएगा ताकि लोग आवारा कुत्तों की सूचना दे सकें।
आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए नसबंदी की जाती है। मुरथल के पास भी एक केंद्र स्थापित किया गया है, जहाँ डॉक्टर कुत्तों की गहन जाँच और नसबंदी करते हैं। रेबीज़ के टीके सहित अन्य उपचार भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कुत्तों के लिए आश्रय स्थल के निर्माण पर चर्चा चल रही है। भूमि और अन्य व्यवस्थाओं पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह एक बैठक बुलाई गई है।
-साहब सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षक, नगर निगम

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