हिमाचल में डेंगू की दस्तक, बिलासपुर में 16 लोग पाए गए संक्रमित; ये हैं लक्षण और सावधानी के टिप्स
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में डेंगू ने दस्तक दी है, जिससे 16 लोग संक्रमित पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग कर रहा है और लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उपायुक्त ने लोगों से घरों के आसपास पानी जमा न होने देने की अपील की है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द और शरीर पर चकत्ते शामिल हैं। लक्षणों को हल्के में न लेने और तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेने की सलाह दी गई है।

हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में डेंगू के मामले पाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर में लंबे समय के बाद फिर से डेंगू की दस्तक हुई है। जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर दो और तीन रोड़ा सेक्टर में डेंगू से 16 लोग संक्रमित पाए गए हैं। हालांकि पिछले दो सप्ताह से एक दो ही मामले थे, लेकिन तीन दिनों से एकाएक मामले बढ़ने लगे हैं। वर्ष 2018 में बिलासपुर शहर में डेंगू फैला था। उस समय 2100 के करीब लोग संक्रमित पाए गए थे।
जानकारी के मुताबिक 14 अक्टूबर को रौड़ा सेक्टर एक में पहला मामला आया था। इसके बाद कुछ दिनों तक स्थिति सामान्य रही, लेकिन तीन दिन में एकाएक मामले बढ़ गए हैं। अब तक शहर के 16 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इन सभी का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रौड़ा में चल रहा है।
उपायुक्त पहुंचे अस्पताल
उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने बुधवार को रौड़ा सेक्टर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शशि दत्त शर्मा एसडीएम सदर राजदीप सिंह सहित अन्य चिकित्सक भी उपस्थित रहे।
फॉगिंग कर रहा विभाग
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में डेंगू के मामलों में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग नगर परिषद के सहयोग से प्रभावित क्षेत्रों में नियमित फॉगिंग और स्रोत नियंत्रण का कार्य कर रहा है।
उपायुक्त ने दिए घर-घर पहुंचने के निर्देश
उपायुक्त बिलासपुर ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि घर-घर जाकर लोगों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली जाए और उन्हें डेंगू से बचाव के उपायों के बारे में जागरूक किया जाए। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, टंकियों को ढककर रखें और टायर या अन्य बर्तनों में पानी एकत्रित न होने दें।
उपायुक्त ने नगर परिषद के अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि जहां लापरवाही पाई जाए, वहां चालान की कार्रवाई अमल में लाई जाए, ताकि संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके।
ये हैं लक्षण
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि डेंगू के सामान्य लक्षणों में अचानक तेज बुखार (लगभग 105 डिग्री फॉरेनहाइट तक), गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, विशेषकर आंखें हिलाने पर, मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द (जिसे हड्डीतोड़ बुखार कहा जाता है), मतली, उल्टी, शरीर पर लाल चकत्ते (जो बुखार शुरू होने के दो से पांच दिन बाद दिखाई दे सकते हैं), सांस लेने में तकलीफ, अत्यधिक थकान और बेचैनी शामिल हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या क्षेत्रीय अस्पताल में जाकर तुरंत जांच करवाएं।
खानपान में भी बरतें सावधानी
उन्होंने बताया कि डेंगू का उपचार मुख्य रूप से लक्षणों के आधार पर किया जाता है। शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, ओआरएस और नारियल पानी पीएं। बुखार और दर्द को कम करने के लिए केवल पैरासिटामोल का उपयोग करें और एस्पिरिन या इबुप्रोफेन जैसी दवाओं से बचें, क्योंकि ये रक्तस्राव का खतरा बढ़ा सकती हैं। डेंगू के दौरान शरीर को पर्याप्त आराम देना आवश्यक है और प्लेटलेट काउंट की नियमित निगरानी भी करनी चाहिए। यदि लक्षण गंभीर हों या स्थिति बिगड़ती दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
ऐसी स्थिति में तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह बताया कि यदि बुखार उतरने के 24 घंटे के भीतर व्यक्ति अस्वस्थ महसूस करे या पेट में तेज दर्द, लगातार उल्टी, मसूड़ों या नाक से खून आना तथा सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं उत्पन्न हों, तो तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें। उन्होंने लोगों से अपील की कि लक्षणों को हल्के में न लें और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें, जिससे डेंगू संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

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