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    हिमाचल विधानसभा: पंचायत चुनाव पर चर्चा के दौरान नेगी के बयान पर हंगामा, कार्यवाही स्थगित; जयराम ठाकुर पर की टिप्पणी

    By Jagran News Edited By: Rajesh Sharma
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 01:02 PM (IST)

    हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पंचायत चुनावों और प्रश्नकाल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में ज़ोरदार बहस हुई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक हुई। विपक्ष ने चुनावों में देरी का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष चुनाव कराने की बात कही। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

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    हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष को जवाब देते मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू।

    जागरण टीम, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा की शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विपक्ष पहले प्रश्नकाल आरम्भ करने की मांग पर अड़ा, जबकि सरकार ने पहले पंचायत चुनाव पर नियम 67 पर चर्चा की मांग उठाई। लंबी बहस के बाद पंचायत चुनाव पर चर्चा आरंभ हुई। 

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    नेगी के बयान पर हंगामा, कार्यवाही स्थगित 

    हिमाचल विधानसभा में नियम 67 के तहत चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष व विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने प्रदेश को कबाड़ बना दिया था, इसके बाद सदन में पक्ष ओर विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया है। विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की। 

    सुक्खू ने कहा, विपक्ष चर्चा से पीछे हट रहा

    इससे पूर्व मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सत्ता पक्ष नियम 67 पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन अब विपक्ष चर्चा से पीछे हट रहा है। सरकार पूरी तरह से चर्चा के लिए तैयार है, अगर विपक्ष चर्चा नहीं चाहता है तो स्थगन प्रस्ताव को वापस ले।

    जयराम बोले, प्रश्नकाल भी जरूरी

    नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने विपक्ष चर्चा से पीछे नहीं हटना चाहता है, लेकिन पहले प्रश्नकाल भी जरूरी है। सरकार विधयकों के प्रश्नों के जवाब देने से पीछे हट रही है। सदन में सरकार द्वारा पहले चर्चा करने और विपक्ष द्वारा पहले प्रश्नकाल शुरू करने को लेकर काफी देर तक बहस होती रही।

    लंबी बहस के बाद नियम 67 पर चर्चा हुई शुरू

    करीब 35 मिनट तक दोनों पक्ष उलझते रहे। इसके बाद सदन में नियम 67 के तहत पंचायत चुनाव को लेकर चर्चा आरंभ हुई। भाजपा ने सत्र के पहले दिन पंचायत चुनाव में देरी पर स्थगन प्रस्ताव लाया था, जिसे सीएम ने स्वीकार किया था। इसके बाद सारा दिन इस मामले पर चर्चा हुई।

    लंबी जद्दोजहद के बाद माना विपक्ष

    वीरवार को सत्र के दूसरे दिन विपक्ष पहले प्रश्नकाल करवाने पर अड़ गया, जिस पर मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष आमने सामने आ गए। लंबी जद्दोजहद के बाद पंचायत चुनाव पर ही चर्चा हुई। 

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