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    विंग कमांडर नमांश के लिए शांति पाठ के बाद देश सेवा की उड़ान भरेंगी अफशान, बलिदानी के पिता ने कही दिल छू लेने वाली बात

    By Navneet ShramaEdited By: Rajesh Sharma
    Updated: Wed, 26 Nov 2025 11:49 AM (IST)

    विंग कमांडर नमांश स्याल के बलिदान के बाद, उनकी पत्नी विंग कमांडर अफशान अख्तर देश सेवा के लिए फिर से उड़ान भरने को तैयार हैं। नमांश के पिता जगन्नाथ स्याल ने बताया कि अफशान, जिन्होंने आइआइएम कोलकाता से कोर्स किया है, को स्थायी कमीशन मिल सकता है और वह जल्द ही प्रशिक्षण के लिए कोलकाता जाएंगी। 

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    विंग कमांडर अफशान बच्ची के साथ व बलिदानी नमांश स्याल व इनके पिता जगन्नाथ।

    नवनीत शर्मा, धर्मशाला। उनके घर जाना है.... एक पहाड़ी सांझ में मुख्य सड़क छोड़ कर जैसे ही सर्पीले संपर्क मार्ग में गए, यह प्रश्न जितने लोगों से पूछा, वे बताते गए। पटियालकड़ गांव से तीन किलोमीटर पहले से लोगों को पता था कि किनके बारे में पूछा जा रहा है। बलिदानी विंग कमांडर नमांश स्याल की यूकेजी में पढ़ती बेटी आर्या आंगन में अन्य बच्चों के साथ खेल रही है। 

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    दादा, पूर्व सैनिक एवं स्कूल प्रधानाचार्य जगन्नाथ स्याल के पास पानी की बंद बोतल लेकर आती है...'प्लीज ओपन इट अप।' जगन्नाथ स्याल मुस्कराते हुए कहते हैं, 'अभी यूकेजी में पढ़ती है। बच्चों को किताबें नहीं, वातावरण पढ़ाता है। मेरे बेटे के बारे में आप जानते ही हैं। उसे उड़ने का बेहद शौक था।'

    हादसे से उबरने का प्रयास कर रहीं अफशान

    विंग कमांडर नमांश की वीरनारी विंग कमांडर अफशान अख्तर कैसी हैं? इस सवाल पर जगन्नाथ कहते हैं, ' अंदर हैं...21 नवंबर को दुबई एयर शो में हुए हादसे से उबरने का प्रयास कर रही है। आखिर पति खोया है उसने। पर बहुत हिम्मत रखी है उसने। शॉर्ट सर्विस कमीशन है उसका। आइआइएम कोलकाता से कोर्स कर रही है। 

    मिल सकता है स्थायी कमीशन

    अफशान की योजना थी कि अब कुछ और करेगी लेकिन अब स्थायी कमीशन मिल सकता है तो नौकरी करेगी। इसके प्रशिक्षण में बाधा न आए, इसलिए हमने नमांश की शांति के लिए बुधवार को पाठ रखवाया है। वीरवार को अफशान कोलकाता की फ्लाइट ले लेगी।' 

    सेना में वही जाता है जिसके मन में देश धड़कता हो

    भाव यह है कि जो हादसा होना था, हो गया, जीवन चलते जाने का नाम है, इसलिए आवश्यक काम नहीं रुकेंगे, देश नहीं रुकेगा। पति को अंतिम कड़क सैल्यूट में भी यह संदेश झलका था। विंग कमांडर अफशान वायुसेना में कैसे आईं.....सवाल पूरा होने से पहले ही जगन्नाथ कहते हैं, 'देखिए...सेना में वही जाता है जिसके मन में देश धड़कता हो।' 

    देखिए....ये मेरा बेटा...देश में चार ही ऐसे पायलट 

    घर में लोग आ रहे हैं, जा रहे हैं और जगन्नाथ यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सबको पानी और चाय मिले। अचानक जेब से मोबाइल फोन निकाल कर यू ट्यूब से वीडियो निकाल कर दिखाते हैं, ' ये देखिए..वायुसेना अध्यक्ष धनोआ साहब, मेरे नमांश के गुरु, सख्त अफसर कार्तिकेयन... और मेरा बेटा। यह कार्यक्रम 2024 में हुआ था।' अचानक किसी का फोन आता है...पूरी कड़क आवाज में बात करते हैं।

    फिर मोबाइल फोन दिखाते हैं...' ये देखिए....ये मेरा बेटा...देश में चार ही ऐसे पायलट हैं। देखा आपने, रूस के पायलटों ने कैसे उसे श्रद्धांजलि दी, अमेरिकी पायलट ने क्या कहा? इसीलिए कहता हूं कि मेरा नुकसान दूसरे स्थान पर है, देश की हानि पहले हुई है।'

    Namansh Cutting

    शादी की बात की तो पता चला दोनों एक-दूसरे को पसंद करते हैं

    2014 में मैंने कहा कि भई नमांश, अब शादी का सोचो। पता चला दोनों एक दूसरे को पसंद करते हैं। बच्चों की खुशी में हमारी खुशी। उसने कहा कि बस शादी की तिथि सोच समझ कर रखना क्योंकि कोई अवधि ऐसी होती है जिसमें शराब नहीं चलती। सो दोस्तों के लिए इतना कर लेंगे...यह याद करते हुए जगन्नाथ के चेहरे पर हल्की मुस्कान आती है।

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    दिन लगभग ढल गया था। पौंग झील की तरफ सूरज की हल्की लाली बची थी। सूरज कल फिर आएगा, सूरज कभी डूबता नहीं। कभी वह नमांश होता है, कभी विंग कमांडर अफशान अख्तर।

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